करणी माता भजन देशनोक दरबार

 मां काबां वाळी किनियाणी...



ऊंचो शिखर भवन निराळोदेशज देशनोक धणयाणीभगतां री अरदास सुणैमां काबां वाळी किनियाणी...
तू बौपार वणज चलावैमेहाई ई पुरै अन्न पाणीदास रै सिर हाथ राखैमां काबां वाळी किनियाणी...
दूर देसावर बैठ्यां हांथारै भरोसै माताराणीदीन दुखी री बात सुणौमां काबां वाळी किनियाणी...
थारी किरत पवन मांडीतू सिखाई कलाम चलाणीनित उठ मैं थारौ नांव रटूंमां काबां वाळी किनियाणी...
©पवन कुमार राजपुरोहित
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Published on February 17, 2024 19:34
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