Jump to ratings and reviews
Rate this book

स्त्री / Stree By Acharya Prashant

Rate this book
आज़ाद जीवन एक आज़ाद मन की अभिव्यक्ति है। यदि व्यक्ति का मन मुक्त नहीं है तो मुक्ति आंदोलन शायद ही कभी अपने उद्देश्य की पूर्ति कर पाएँगे। ऐसा ही एक आंदोलन महिला मुक्ति आंदोलन है जिसका उद्देश्य महिलाओं को राजनीतिक और सामाजिक समानता देना है, लेकिन वो भी उन मूल कारणों को संबोधित करने में असफल रहा है जो स्त्री मन की दासता का कारण बने। स्त्री का वस्तुकरण होना ही उसकी दासता का प्रमुख कारण है। इस दासता से मुक्ति तभी सम्भव है जब स्त्री खुद को वस्तुमात्र ना समझे। दुनिया स्त्री का शोषण करती है उसे एक भौतिक वस्तु जानकर और स्त्री वो शोषण सहती है क्योंकि देह से उसने अपना तादात्म्य बैठा लिया है। इस अति महत्वपूर्ण पुस्तक में आचार्य प्रशांत ने करुणापूर्वक शरीर का सही स्थान बताया, उसके आग्रहों का सुझाव दिया, और स्त्री के मन की मुक्ति के मार्ग पर प्रकाश डाला है। उनके शब्दों में: "स्त्री जब अपना स्त्रीत्व (प्राकृतिक वृत्तियाँ) छोड़ देती है तो वासना की वस्तु न रह कर एक पूज्यनीय देवी बन जाती है।"

182 pages, Paperback

Published July 12, 1905

9 people are currently reading
72 people want to read

About the author

Acharya Prashant

148 books198 followers

Ratings & Reviews

What do you think?
Rate this book

Friends & Following

Create a free account to discover what your friends think of this book!

Community Reviews

5 stars
18 (90%)
4 stars
0 (0%)
3 stars
1 (5%)
2 stars
0 (0%)
1 star
1 (5%)
Displaying 1 - 2 of 2 reviews
Profile Image for Bela.
30 reviews57 followers
July 5, 2025
Eye opening, interesting, engaging.
Displaying 1 - 2 of 2 reviews

Can't find what you're looking for?

Get help and learn more about the design.