दिल्ली में संसद के बाहर घटित सत्य घटना पर आधारित उपन्यास। एक युवक माजिद को संसद के बाहर पुलिस हिरासत में लेती है, जिस पर आतंकी होने का शक है। उससे बरामद कोडशीट के संकेत समझना किसी के लिए संभव न रहा। उसके पास मिले दो आईडेंटीटी कार्ड में अलग-अलग नाम और पतों के कारण पुलिस का शक गहराता है। माजिद का रहस्य बना ही रहता है कि दिल्ली में तिहरा बमकांड होता है। दिल्ली पुलिस के लिए परेशानियां खड़ी हो जाती हैं। एक के बाद एक तेजी से चलता घटनाक्रम दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के प्रभारी तेजतर्रार आईपीएस अफसर डीसीपी प्रताप सिंह को बदनामी के रसातल में पहुंचाता है। उन आतंकियों की जानकारी मिलती है, जिन्होंने दिल्ली के तिहरे बमकांड में हिस्सा लिया था। उन्हें गिरफ्तार करने पर चौंकाने वाली जान&