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मायापुरी

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Mayapuri by Shivani is from Radhakrishna Prakashan, a noted publishing house of Hindi literature.

167 pages, Paperback

First published January 1, 2009

34 people are currently reading
212 people want to read

About the author

Shivani

120 books116 followers
There is more then one author who writes using the name Shivani. See Shivani ., Shivani . and Shivani ..

(1923– 2003) was one of the popular Hindi magazine story writers of the 20th century and a pioneer in writing Indian women based fiction. She was awarded the Padma Shri for her contribution to Hindi literature in 1982. Almost all of her works are in print today and widely available across India.

She garnered a massive following in the pre-television 60s and 70s, as her literary works were serialised in Hindi magazines like Dharmayug and Saptahik Hindustan, and in TV serials n films.

Upon her death in 2003, Government of India described her contributions to Hindi literature as, “…in the death of Shivani the Hindi literature world has lost a popular and eminent novelist and the void is difficult to fill”

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1 star
10 (3%)
Displaying 1 - 14 of 14 reviews
Profile Image for Abhyudaya Shrivastava.
Author 10 books27 followers
October 11, 2017
दुखांत कहानियों को पढ़ पढ़ कर मुझे ऐसा लगने लगा है कि लेखिका जब एक अच्छा सा क्लाइमेक्स नहीं सोच पातीं तो किसी करैक्टर को मार मूर के कहानी ख़तम कर देती हैं. लेखन शैली अच्छी है. संस्कृत शब्दों का बोलबाला, भावनाओं की सटीक अभिव्यक्ति. पर पता नहीं क्यूँ, यह उपन्यास मुझे पढ़ा पढाया या पुराना सा लगा. एक दुखियारी लड़की जो पहाड़ से आई है और लखनऊ के तौर तरीके नहीं समझ पाती. समस्याएं भी उसकी रोमांटिक सी हैं. फिर दुखों का पहाड़ टूटता है और वो किसी तरह बचती है. अंततः एक मोड़ आता है जिसपे कहानी ख़त्म हो जाती है. कहानी के चरित्र कागज़ी हैं पर लेखन अद्भुत है.

अगर आप स्वयं को इस कथानक में जज़्ब कर सकें तो आनंद आएगा. वरना साधारण ट्रेजेडी सी ही लगेगी.
Profile Image for Ayushman Mishra.
19 reviews
April 19, 2022
रश्मिरथी और मायापुरी की लेखनी हम ये ज्ञापित करती है की अपनी धनी भाषा को हम कितना पीछे छोड़ आए हैं। जीवन के छोटे बड़े उतार चढाव, इंसान की भावनायें और उसकी परिस्थितियों के सामने दास बनने की व्याख्या करने का साहस शायद किसी और भाषा में नहीं होगा।
किताब के प्रथम प्रिष्ठ से ही शिवानी जी आपको जीवन की कठोर वास्तविकता और इंसान की निर्बलता के मार्मिक बंधन में बांध लेंगी। स्त्री पुरुष के पक्षपात और विचित्र संबंध और विचारधारा से भरी यह पुस्तक का संदेश सर्वदा सार्थक रहेगी एवम् आने वाली पीढी के लिए रिश्तों को यथारूप स्वीकारने एवम् संजोने का सहस प्रदान करेगी।
Profile Image for Ujjwala Singhania.
221 reviews69 followers
November 17, 2022
This was my 5th novel by Shivani ji and I am still loving her writing style. Still two more on my TBR.
Profile Image for Garima.
201 reviews26 followers
November 6, 2015
A very nice book. The writing is awesome. It's my first book from Shivani and I am definitely going to read more.
Profile Image for Sampurna Ghosh.
72 reviews1 follower
December 31, 2018
एक किताब हिंदी में जब लिखा गया है इसकी समीक्षा(review) हिंदी में की जानी चाहिए। दुनिया माया से भरा हुआ है। कभी कभी कायरता जीवन भर का दुख देता है।
यह कहानी लोगों के लालच के बारे में है
निष्पक्ष तरीके से लिखा
मैंने अपना जीवन मंजरी और अविनाश के करीब पाया, आप अपने आप को शोवा के स्थान पर पा सकते हैं।
प्रत्येक चरित्र ऐसा है जिसे आप जानते हैं।
माँ और पिता को बच्चे की खुशी के बारे में सोचना चाहिए , लेकिन प्यार में अंधा नहीं होना चाहिए।
दुविधा सोचने वाली बात है , विशेष रूप से हमारे समय में । प्यार में जोखिम कब लेना है ? या परिवार के बारे में सोचना हैं?
लेखिका के लेखन में बंगला भाषा प्रभाव है
6 reviews1 follower
June 5, 2017
Gud book describe classical indian female characters .

By Sivani. Gud book to read only end is tragic else good and facinating. Gud nice characters in it.superb book
Profile Image for Ankita Chauhan.
178 reviews66 followers
July 28, 2019
Unputdownable.
Although there are lots of stereotypes, about weight and skin colour, still liked shivani's writing and her world.
1 review1 follower
October 25, 2019
शिवानी वह पारस पत्थर है जो काले अक्षरों को कनक बना देती है। मैला आँचल जिनकी पसंदीदा है शायद इस उपन्यास को पढ़कर उनकी पसंद बदल जाएगी। इस लेखिका को न वह विमर्श मिला न वह चर्चा मिली न वह सम्मान मिला जिसकी वह पूरी तरह हक़दार थी।
शायद साहित्य संसार की राजनीति से दूर रहना उनके लिए अभिशाप बन गया।
लेकिन पाठकों के लिए वह अनमोल ही रहेंगी।
और इस उपन्यास के लिए दिवंगत लेखिका को हृदय से आभार।
Profile Image for Ravi Gupta.
10 reviews
March 19, 2025
शिवानी जी की लेखनी का जादू हिंदी पाठकों को मोह लेता है। शायद ही कोई हिंदी पाठक हो जो इस जादू से अछूता रहा हो।

"मायापुरी" भी उनकी लेखनी से निकली एक ऐसी रचना है जो शुरू से अंत तक पाठक को अपने मोह में बांधे रहती है । कहानी है शोभा की जिसकी बी ए तक की पढ़ाई लखनऊ में हुई किंतु पिता की अकस्मात मृत्यु उसे अपने पहाड़ी ग्राम में वापिस ले जाती है, जहां उसकी मां और तीन छोटे भाई अपना जीवन पुनः शुरू करते हैं। इसी बीच एक दिन उसकी मां की बाल सखी का एक पत्र आता है और शोभा को फिर लखनऊ वापिस जा कर अपनी एम ए की पढ़ाई करने का मौका मिलता है।
इस तरह शोभा दोबारा लखनऊ में प्रवेश करती है जहां शोभा मिलती है मंजरी, अविनाश और सतीश से । और शुरू होता है शोभा और बाकी सभी का प्रेम के "मायापुरी" में प्रवेश । प्रेम की मायापुरी, जिसमें लोग अपना प्रेम पाना तो चाहते हैं लेकिन उसे पाने का साहस नहीं कर पाते । कभी कृतज्ञता, तो कभी वचन, तो कभी दौलत के आगे अपने प्रेम का बलिदान दे देते हैं । इन सब के बीच शोभा के जीवन के उतार चढ़ाव शिवानी जी की लेखनी से जीवंत हो उठते है। किताब की भाषा का प्रवाह संस्कृतनिष्ठ होते हुए भी सुरम्य है । कहानी का अंत दुखद है क्योंकि इस जीवन की "मायापुरी" की सारी माया उड़ जाती है और सभी के हाथ खाली रह जाते हैं।
11 reviews
March 19, 2016
मायापुरी कहानी है , एक लड़की शोभा की जो करीब ५० -६० के दशक की जीवन झलकियां अपने साथ लेकर आती है , यह झलकियाँ है गडवाल के पहाड़ी इलाके की , यह झलकियाँ है लखनऊ की बड़ी कोठियों की |यह झलकियाँ है नैनीताल की तंग गलियों की और कही कही कोई झरोखा खुल जाता है इंसानी भेडियो की लालची नजरो पर भी जो भारत की अकूत संपती को लूटने के लिए तैयार खड़े हैं |
Profile Image for Amit Kumar Singh.
2 reviews
December 4, 2016
Intriguing

Shivani jee knew how to turn emotions into words. Highly recommended. Such a confirm feeling you get after reading such Hindi Novel.
Displaying 1 - 14 of 14 reviews

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