और वही है जिसने दो समंदरों को मिलाकर रखा है । एक मज़ेदार, मीठा , तो दूसरा कड़वा और खारा। और दोनो के बीच एक पर्दा है । एक रुकावट है जो उन्हें मिलने से रोके हुए है। (सूरह अल फ़ुरक़ान :53) मां से अच्छी सास बनने तक का सफर संघर्षपूर्ण है ,क्योंकि यह भूमिका एक सुखद परिवार के अस्तित्व के लिए ज़रूरी है।एक रोल मॉडल बनते हुए ख़ुशियों, बरकतों और निस्वार्थ जीवन जीने के लिए आपको लगातार अपना मूल्यांकन करने और ख़ुद को जवाबदेह होने की आवश्यकता रहती है। इस किताब में दिल को छू लेने वाली बातों का एक ख़ज़ाना है। जिनका उद्देश्य इस्लामी नज़रिये में आपकी ‘संवाद की कौशलता’ में सुधार और उसे मज़बूत बनाना है। ताकि आप अल्लाह का कुर्ब (निकटता) पा सकें।