About the Bookकमल जीत 'केंद्र' के कवि नहीं हैं। वे कविता में साधारण जीवन और मनुष्यों को केंद्र में रखने वाले कवि हैं। बहुपरिभाषित मानवता और अबूझ नृशंसताओं के बीच कहीं किसी दुर्लभ हुई जाती नागरिक पीड़ा के साथ देश और समाज को अपनी कविताओं में लिखते हुए कमल जीत का चेहरा, देश के विचारवान और संवेदनशील भावुक युवा का चेहरा है। इनके कवि-सामर्थ्य और अपने-से मुहावरे का साक्ष्य यह संग्रह बनेगा, क्योंकि यह ऐसी कविताओं का संग्रह है: ''जो प्यार में होते हैं/ चाँद उनकी शाम में बिखरे पत्तों से निकलता है/ और उठकर खेतों में चला जाता है/ जो प्यार में होते हैं/ पूरी-पूरी रात गेहूँ की बालियाँ बीनते हैं/ जो प्यार होते हैं: उनका जहाज़ भले डूब जाए/ पर उनका सूर्य कभी नहीं डूबता।'' कमल जीत की यह छोटी-सी कविता अपने अकूत विस्तार ë