"अमर सप्तऋषि - चिरंजीवियों की गाथाएं" कहानी सात अमर व्यक्तियों के बारे में है जो एक प्राचीन भविष्यवाणी के अनुसार, दुनिया को एक महान अंधकार से बचाने के लिए एकत्रित होते हैं। कहानी की शुरुआत हिमालय की दुर्गम चोटियों में स्थित धर्मशाला मठ से होती है, जहां देवव्रत नामक एक वृद्ध भिक्षु एक गुप्त कक्ष में महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखित एक प्राचीन पत्र खोजता है। इस पत्र में एक भविष्यवाणी का उल्लेख होता है जिसमें कहा गया है कि दुनिया पर एक बड़ा संकट आने वाला है और इसे केवल सात अमर व्यक्तियों द्वारा ही रोका जा सकता है।
इन सात अमर व्यक्तियों में अश्वत्थामा, परशुराम, हनुमान, व्यास, विभीषण, कृपाचार्य, और बलि शामिल हैं। अश्वत्थामा हिमालय में अपने एकांतवास से जागृत होता है और अपने अतीत की è