Jump to ratings and reviews
Rate this book

Karmyog

Rate this book
ऐतिहासिक जगत् के प्रारंभ से लेकर वर्तमान काल तक मानव-समाज में अनेक अलौकिक घटनाओं के वर्णन देखने को मिलते हैं। आज भी जो समाज आधुनिक विज्ञान के भरपूर आलोक में रह रहे हैं, उनमें भी ऐसी घटनाओं की गवाही देनेवाले लोगों की कमी नहीं है। पर हाँ, ऐसे प्रमाणों में अधिकांश विश्वास योग्य नहीं; क्योंकि जिन व्यक्तियों से ऐसे प्रमाण मिलते हैं, उनमें से बहुतेरे अज्ञ हैं, अंधविश्वासी हैं अथवा धूर्त हैं। बहुधा यह भी देखा जाता है कि लोग जिन घटनाओं को अलौकिक कहते हैं, वे वास्तव में नकल हैं। पर प्रश्न उठता है, किसकी नकल? यथार्थ अनुसंधान किए बिना कोई बात बिलकुल उड़ा देना सत्यप्रिय वैज्ञानिक-मन का परिचय नहीं देता। जो वैज्ञानिक सूक्ष्मदर्शी नहीं, वे मनोराज्य की नाना प्रकार की अलौकिक घटनाओं की व्याख्या करने

Paperback

2 people want to read

About the author

Swami Vivekanand

41 books1 follower

Ratings & Reviews

What do you think?
Rate this book

Friends & Following

Create a free account to discover what your friends think of this book!

Community Reviews

5 stars
0 (0%)
4 stars
0 (0%)
3 stars
0 (0%)
2 stars
0 (0%)
1 star
0 (0%)
No one has reviewed this book yet.

Can't find what you're looking for?

Get help and learn more about the design.