What do you think?
Rate this book


80 pages, Paperback
First published January 1, 1952
प्यार आत्माओं की गहराईयों में सोये हुए सौंदर्य के संगीत को जगा देता है, हममें अजब-सी पवित्रता, नैतिक निष्ठा और प्रकाश भर देता हैभूमिका में सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' के कुछ शब्द लेखक की प्रशंसा के लिए उल्लेखनीय है
धर्मवीर भारती हिंदी की उन उठती हुई प्रतिभाओं में से हैं जिन पर हिंदी का भविष्य निर्भर करता है और जिन्हें देखकर हम कह सकते हैं की हिंदी उस अंधियारे अंतराल को पार कर चुकी है जो इतने दिनों से मानो अंतहीन दीख पड़ता था।