यूँ तो कहानियों का यह संकलन ठीक ही है। कहानियों के चयन, शब्दों के अर्थ और प्रूफ रीडिंग में काफ़ी गुंजायश है। आशा है “रेख़्ता” से कुछ बेहतर संकलन प्रकाशित होंगे। ये कहानियाँ हैं जो उम्दा हैं:
कफ़न- मुंशी प्रेमचंद आख़िरी कोशिश- हयातुल्लाह अंसारी आनंदी- ग़ुलाम अब्बास महालक्ष्मी का पुल- कृष्ण चंदर