नागद्वीप की रक्षा का भार है युवराज्ञी विसर्पी के कन्धों पर. नागद्वीप पर कब्जा करने के लिए उसकी दुश्मन बनी है उसकी अपनी बुआ सुरसर्पा. इस महायुद्ध में विसर्पी का साथ देने आये हैं पंचनाग. लेकिन पलड़ा अभी सुरसर्पा का भारी है. तांत्रिक शक्तियां निर्मम और हिंसक हैं.