मैं जो हूँ जॉन एलिया हूँ जनाब मेरा बेहद लिहा ज़ कीजिएगा। कहना ये जो जॉन एलिया के कहने की खुद्दारी है कि मैं एक अलग फ्रेम का कवि हूँ, यह परम्परागत शायरी में बहुत कम ही देखने को मिलती है। जैसे - साल हा साल और इक लम्हा, कोई भी तो न इनमें बल आया ख़ुद ही इक दर पे मैंने दस्तक दी, ख़ुद ही लड़का सा मैं निकल आया जॉन से पहले कहन का ये तरीका नहीं देखा गया था। जॉन एक खूबसूरत जंगल हैं, जिसमें झरबेरियाँ हैं, काँटे हैं, उगती हुई बेतरतीब झाड़ियाँ हैं, खिलते हुए बनफूल हैं, बड़े-बड़े देवदारु हैं, शीशम हैं, चारों तर फ़ कूदते हुए हिरन हैं, कहीं शेर भी हैं, मगरमच्छ भी हैं। उनकी तुलना में आप यह कह सकते हैं कि बा क़ी सब शायर एक उपवन हैं, जिनमें सलीके से बनी हुई और करीने से सजी हुई क्यारियाँ हैं इसलिए जॉन की शायरी में प्रवेश करना ख़तरनाक भी है। लेकिन अगर आप थोड़े से एडवेंचरस हैं और आप फ्रेम से बाहर आ कर सब कुछ करना चाहते हैं तो जॉन की दुनिया आपके लिए है।
एक झुंझलाए , बाल नोचते , शराबी ने कुछ ऐसा और यूँ लिख दिया हैं खुद के बारे में, ज़िन्दगी के बारे में , महबूब के बारे में दुनिया आज कायल हैं उसकी | नाम जॉन हैं उस शख्स का , जॉन एलिया | मैं जो हूँ जॉन एलिया हूँ जनाब , मेरा बेहद लिहाज कीजियेगा ....
ज़िंदगी एक फ़न है लम्हों को अपने अंदाज़ से गँवाने का A friend posted this "Sher" on facebook and I loved it. On looking up, I liked some more shers and so marked Jaun Eliya as to-read. However I think some of his famous ghazals/shers were missing in this collection. As far as depth and consistency is concerned, I think Bashir Badr and Nida Fazli are much ahead. But in terms of giving some extra-ordinary shers, Eliya maybe compared to Jigar saab.
Writing this review in marathi because I want my marathi readers to read this book.
जरी तुम्ही मराठी वाचक असलात तरीपण हे पुस्तक नक्की वाचा. ह्या नुसत्या कविता नाहीत तर एक वेगळीच भावना आहे. पुस्तक वाचल्यावर भारावून जाणे कशाला म्हणत असतील तर ह्यालाच, असे मी म्हणेन. जॉन एलियांचे वैशिष्ट्यच हे आहे की ते शब्दांशी खेळतात. जसं कि हिसाबे-तमन्ना म्हणजे आकांक्षाओ की गणना, ख्वाबे-जमर्रूदैने-खयाल म्हणजे हरियाले सपनों का विचार आणि असं बरंच काही. जॉन एलियांच्या प्रत्येक शब्दांतच कविता आहे. ह्यातील बरेच शब्द हे उर्दू, शुद्ध हिंदीत आहेत, पण त्यांची सुंदरताच ती आहे. काही शब्द कवीने स्वतःचे बनवलेले आहेत. पुस्तकात कठीण शब्दांचे अर्थ पण खाली दिले आहेत त्यामुळे समजण्यास मदत होते. त्यांच्या कविता जीवन, प्रेम, एकटेपणा, प्रवासी व कला यावर आहेत तरीपण त्या वाचल्या की उदास न वाटता आपल्याला एक वेगळंच सुख मिळतं, काहीतरी अतिसुंदर वाचल्याचे सुख. ह्या बद्दल लिहावे तेवढे थोडेच आहे म्हणून प्रत्येक वाचकाने जॉन एलियांना नक्कीच वाचले पाहिजे.
जॉन एलिया शायरी की दुनिया के रॉकस्टार हैं। बेशक उनकी शायरी दिलजले भूली बिछड़ी आशिकी की याद दिलाती है। धार्मिक दकियानूसी, राजनीति को लेके कुछ रचनाएं हैं, पर दर्द भरी शायरी को जिसने जिया है और इंस्टा प्रसिद्ध किया है... वे एलिया से बेहतर शायद ही कोई हो। उनकी ही कलम में अगर इस किताब का सार देना हो तो यही कहूंगा: "तुम्हारी शाइरी क्या है भला, भला क्या है तुम अपने दिल की उदासी को गाने लगते हो"
Great fan of jaun Elia, and most of his writtings are on love and it's destruction.. one can feel most of the shayaris, but you must know some meanings of the urdu words use in shayari.. some of them created by jaun Elia according to shayari or nazm..!! Well no one can write the way he written and the way he use to think about society and want to change their views.. ! See some of his mushaira and you will definitely crave for this book..! It doesn't have all of his writtings but the most of his writtings..!
एक बेहद उम्दा किताब, हमारे शायर जनाब हज़रत- ऐ जौन एलिया जी की रचनाओं का एक अनूठा संग्रह जिसे आज की युवा पीढ़ी के बीच भारत के एक बड़े लेखक कुमार विश्वास जी ने रखी, ताकि लोग जॉन साहब की उस फकीरी, अल्हड़पन, इर ज्ञान के भंडार होते हुए भी लोगो के सामने ये जाहिर करना की वो इतने ज्यादा समझदार और पढ़े लिखे नहीं हैं, जॉन साहब पाकिस्तान के एक इल्मी शायर जिन्होंने शायरी को बिना किसी हद के लिखा
A good collection of sir Jon's poetries with a note of meaning at the bottom (most important). Typically for the ones who want to take their basic liking of Urdu poetries to next level. Good work by Dr.kumar vishwas
धीरे धीरे, बार बार, दिन रात, सर्दी बरसात, हर तरह पढ़ा जॉन को, पर कुछ मेरा समय नहीं आया है, कुछ ये समय से बाहर की हस्ती है। अगली मुलाकात तक लिहाज़ करेंगे।