क़ैफ़ी आज़मी एक व्यक्ति न होकर एक पूरा युग हैं और उनके कलाम में से पिछले साठ बरस की ज़िन्दगी अपनी सबसे ज्यादा ताक़तवर आवाज़ में बोलती है। कहना न होगा कि यह आवाज़ बिलकुल सच्ची है, इसमें कहीं कोई झूठ-फरेब नहीं–इसलिए यह आज भी उतनी ही ज़्यादा असरदार है। मशहूर लेखक और पत्रकार खुशवन्त सिंह ने कैफ़ी आज़मी को ‘आज की उर्दू शायरी का बादशाह’ करार दिया है–और सचमुच वे हैं भी। उन्होंने एक ज़माने से जितना लिखा है, वह एक तरफ़ आम आदमी की तकलीफों को न सिर्फ बड़े प्रभावी शब्दों में सामने रखता है बल्कि उन्हें अपने हक़ के लिए लड़ने की ताक़त भी देता है, वहाँ दूसरी तरफ उर्दू शायरी के प्रमुख विषय, हुस्न और इश्क, के लिए भी एक से एक बढ़कर नज़राने पेश करता है। उन्होंने फिल्मों के लिए भी बहुत से गीत लिखे जो आम और खास दोनों द्वारा बहुत प