इस श्रमसिद्ध व प्रज्ञापुष्ट ग्रंथ क्रांतिकारी कोश में भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के इतिहास को पूरी प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत करने का प्रयास किया गया है ।सामान्यतया भारतीय स्वातंत्र्य आदोलन का काल 1857 से 1942 ई. तक माना जाता है; किंतु प्रस्तुत ग्रंथ में इसकी काल- सीमा 1757 ई. (प्लासी युद्ध) से लेकर 1961 ई. (गोवा मुक्ति) तक निर्धारित की गई है । लगभग दो सौ वर्ष की इस क्रांति- यात्रा में उद्भट प्रतिभा; अदम्य साहस और त्याग-तपस्या की हजारों प्रतिमाएँ साकार हुईं । इनके अलावा राष्ट्रभक्त कवि; लेखक; कलाकार; :विद्वान् और साधक भी इसी के परिणाम-पुष्प हैं ।पाँच खंडों में विभक्त पंद्रह सौ से अधिक पृष्ठों का यह ग्रंथ क्रांतिकारियों का प्रामाणिक इतिवृत्त प्रस्तुत करता है । क्रांतिकारियों का परिचय अ&
श्रीकृष्ण सरल जी द्वारा 28 वर्षों के निरंतर श्रम से भारत के क्रांतिकारियों के योगदान को संकलित किया गया है। क्रांतिकारियों पर किया गया यह सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। यह क्रांतिकारी कोश 5 भागों में विस्तृत है जहां अंतिम भाग में उपलब्ध अनुसूची अनुसार आप क्रांतिकारी ढूंढ सकते हैं। हैदराबाद की स्वतंत्रता की लड़ाई पर भी अंतिम भाग में विस्तार से लिखा गया है। पठनीय, मननीय, रमणीय