देवराज चौहान ने डकैती के पश्चात सूरमा को एक करोड़ से ऊपर की रकम देनी थी परंतु बिल्ली मुंह मार गई। दूध बिखर गया। किया-धरा पानी में , मेहनत मिट्टी में , सूरमा साहब मुंह उठाए आसमान को देखते रहे गए लेकिन अपने सूरमा साहब भी पक्के सूरमा निकले और अपनी सूरमाई दिखाकर ही दम लिया।