प्राणियों के कार्य करने की एक सीमा होती है और ये सीमा सीमित होती है, उन सीमित सीमाओं में रहकर ही सभी प्राणी अपने-अपने कार्य करते हैं। जो भी प्राणी अपनी सीमित सीमाओं को पार करके असीमित सीमाओं तक खुद को ले जाते हैं तथा उन असीमित सीमाओं में कार्य करते हैं, उन्हें एक नया मुकाम और अलग पहचान मिलती है।