निशा भटनागर सुधीर के पास एक ऐसा केस लेकर आई थी जिसे पुलिस आत्महत्या का केस करार देकर पहले ही बंद कर चुकी थी । केस को हल करने के लिये और अपनी ‘मनपसंद’ फीस वसूल करने की खातिर सुधीर को अनेकों गड़े मुर्दे उखाड़ने थे । तो क्या निशा की बहन की अस्मत को दागदार करने वाला ही उसका कातिल था ? क्या उसी ने अपने अजन्मे बच्चे का हक मांगती फरियाद को हमेशा के लिये खामोश किया था !
Surender Mohan Pathak, is an author of Hindi-language crime fiction with 314 books to his credit. His major characters are Crime reporter Sunil (unprecedented 123 Titles), Vimal (46 Titles) and Philosopher Detective Sudhir (23 titles). Apart from series, he has written 60+ Novels in thriller category.
निशा भटनागर अपनी बहन की मौत, जिसे आत्महत्या कहकर पुलिस द्वारा क्लोज कर दिया गया है, से संतुष्ट नही है और पुलिस की ही राय मानकर सुधीर कोहली के पास केस की पुख्ता जाँच पड़ताल कर मौत की असल वजह पता लगाने आती है. कहानी रफ़्तार तब पकडती है जब सुधीर को इस केस से दूर रहने की धमकियाँ और रिश्वत मिलती हैइस केस के 'गड़े मुर्दे' उखाड़ने शुरू कर देता है. दिवाली के आसपास के वक्फे में तेजी से घटती घटनाओं में पाठक खोता जाता है.. और अंत में सुधीर का एक नया ही रूप सामने आता है. अगर आपने गड़े मुर्दे नही पढ़ा है तो जरूर पढ़ें, फिलोस्फर डिटेक्टिव सुधीर कोहली को आप पूरी तरफ जान जायेंगे..
Excellent book. Good mystery, keeps you guessing. You might just manage to guess the real culprit here, if you know Sudhir Kohli's books are designed to end. However,the way the story ends is a novelty. Excellent! Such a character development of Sudhir. Mind blowing. You start loving him even more!