गेम । वो ही गेम, जो हम अक्सर अक्सर खेलते हैं । लेकिन खेलते-खेलते हम “गेम” के इतने अभ्यस्त हो जाते हैं कि हमें पता ही नहीं चलता कि हम जो कुछ भी कर रहे हैं, वो भी किसी गेम की ही महत्वपूर्ण चाल है । आज के दौर के बेहद लोकप्रिय उपन्यासकार “अनिल मोहन” की कलम से निकला “देवराज चौहान सीरीज़” का एक शानदार उपन्यास । दिमाग की कसरत करा देने वाला उपन्यास । झटके पर झटका । लगभग 400 पन्नों में सिमटी विशाल महागाथा। जरूर पढ़ें।