प्रिय मित्र , कहा जाता है कि शब्द ब्रह्म है. और शब्दों को जब हम चालीसा, आरती, मंत्र अथवा स्त्रोत के माध्यम से ईश्वर को अर्पित करते हैं तो, इस का सीधा प्रभाव हम अपने जीवन में महसूस करते हैं. चालीसा, आरती, भगवन नाम या फिर मन्त्रों का उच्चारण जब मन में उमंग भर कर ईश्वर के समक्ष हो कर करते हैं तो मानो साक्षात ईश्वर को ही पा लेते हैं उस वक़्त शरीर महसूस नहीं होता, उस वक़्त आत्मा और मन ही महसूस होता है, अनुभव होता है ईश्वर के समक्ष हो कर आमने सामने बात करने का ईश्वर और भक्त के बीच बातचीत या संवाद का माध्यम है चालीसा, आरती, भगवन नाम या फिर मन्त्रों का उच्चारण आप विभिन्न देवी-देवताओं की आरती का पाठ कर सकते हैं। आरती जिसे सुनकर, आप धन्य हो जायेंगे। आपके आराध्य कोई भी हों, किसी भी देवी-देवता ईष्ट देव की स्तुति या उप