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Sharad Ka Chand: शरद का चाँद

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About the Book- फ्रांस की सोनिया अपने दोस्‍तों के साथ मस्‍त और बिंदास लाइफ जी रही थी। एक दिन कालेज में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद सब कुछ बदल गया। भगवान कृष्‍ण की कथा ने उसके जीवन का नजरिया ही बदल दिया। कौन हैं ये कृष्‍ण जिसने सोनिया को इतना बेचैन कर दिया था? और उस आसमान में चमकते शरद के चांद से उनका क्‍या रिश्‍ता था? उन्‍हें जानने की इच्‍छा लिए सोनिया सात समंदर पार भारत आ गयी और वाराणसी की उन गलियों में फिर एक दिन अचानक, नियति की एक वक्रदृष्‍टि ने पल भर में सब कुछ बदल दिया। आखिर क्या था वो राज़? जिसने सोनिया की ज़िंदगी को बदलना शुरू कर दिया? अब अक्सर अकेले में उसकी आंखें बरसतीं। आसमान में हर साल शरद का चांद चमकता, पर उसका चांद न जाने कहां डूब गया था। वह राधा की तरह इस वियोग को सह रही थी। मीराबाई की

121 pages, Kindle Edition

Published September 15, 2020

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Namrata Singh

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