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Angrejon Ka Daman Chakra, Bharat Ka Sudarshan chakra (अंग्रेजों का ... सुदर

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हिन्दुस्थान के गौरव की अनूठी झांकी का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है- 'भारत के 1235 वर्षीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास (भाग-4) पुस्तक हर देशभक्त को झकझोरती है और एक ही प्रश्न उससे पूछती है कि इतिहास की जिस गौरवमयी परंपरा ने हमें स्वतंत्र कराया, उस इतिहास को आप कब स्वतंत्र कराओगे? इतिहास को उसकी परिभाषा और उसकी भाषा कब प्रदान करोगे?
लेखक राकेश कुमार आर्य हिन्दी दैनिक 'उगता भारत' के मुख्य संपादक हैं। 17 जुलाई 1967 को उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जनपद के महावड़ ग्राम में जन्मे लेखक की अब तक तीन दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिन पर उन्हें राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह जी सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से देश में विभिन्न स्थानों पर सम्मानित भी किया जा चुका है। उनका भारतीय संस्कृति पर गहन अध्ययन है, इसलिए लेखन में भी गंभीरता और प्रामाणिकता है। उनका लेखन निरंतर जारी है....
पुस्तक को आद्योपांत पढने से ज्ञात होता है कि भारत में विदेशी सत्ता को उखाड़ फेंकने का अभियान 712 ई. से 1947 तक के 1235 वर्षीय कालखण्ड में एक दिन के लिए भी बाधित नहीं हुआ। भारत लड़ता रहा-गुलामी से, लूट से, अत्याचार से, निर्ममता से, निर्दयता से, तानाशाही से, राजनीतिक अन्याय से, अधर्म से और पक्षपात से।
भारत क्यों लड़ता रहा? क्योंकि गुलामी, लूट, अत्याचार, निर्ममता, निर्दयता, तानाशाही, राजनीति, अन्याय, अधर्म और पक्षपात उसकी राजनीति और राजधर्म के कभी भी अंग नहीं रहे।
यहां तो राजनीति और राजधर्म का पदार्पण ही समाज में आयी इन कुरीतियों से लड़ने के लिए हुआ था। इस प्रकार भारत की राजनीति का राजधर्म शुद्ध लोकतांत्रिक था। एक शुद्ध लोकतांत्रिक समाज और लोकतांत्रिक राजनीति अधर्म, अन्याय और पक्षपाती विदेशी राजनीतिक व्यवस्था को भला कैसे स्वीकार करती? इसलिए संघर्ष अनिव

426 pages, Paperback

Published March 15, 2021

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Rakesh Kumar Arya

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