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Shekhar Shekhar > Quotes

 

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“चटर-पटर बोलता हूँ, दिन भर इधर-उधर,
कहीं बोलता हूँ सही, तो कहीं पर बस गलत-गलत,
लेकिन जो चाहता हूँ वो एहसास,
करवा नहीं पाती ये बातें यहाँ,
बिन बोले जो बात है, वो बोलने में कहाँ...”
shekhar
“जलती हुई रोशनी भी दूर से टिमटिमाती हुई लगती है...
दूसरों की दर्द भरी आँखें भी मुस्कुराती हुई लगती हैं...
होता है कुछ न कुछ,
गम तो हर एक सीने में,
मगर दूर से हर एक ज़िंदगी खिलखिलाती हुई लगती है...”
shekhar
“जलती हुई रोशनी भी दूर से टिमटिमाती हुई लगती है...
दूसरों की दर्द भरी आँखें भी मुस्कुराती हुई लगती हैं...
होता है कुछ न कुछ,
गम तो हर एक सीने में,
मगर दूर से हर एक ज़िंदगी खिलखिलाती हुई लगती है...”
shekhar

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