Goodreads helps you follow your favorite authors. Be the first to learn about new releases!
Start by following राकेश कुमार श्रीवास्तव 'राही'.
Showing 1-1 of 1
“सच्चे गुरु की पहचान
"जो सच्चा गुरु है वह सदा अपनी जीविका के लिए स्वयं उपार्जन करेगा। कुछ न कुछ कार्य करके वह अपना जीवनयापन करेगा लेकिन दान लेकर नहीं खायेगा। यदि वह दान लेकर खायेगा तो उसकी आध्यात्मिक कमाई समाप्त हो जायेगी। दिन रात आत्मानन्द में लीन वह सांसारिक भोगों से उदासीन रहता है। उसके जो भी सांसारिक कर्म होते हैं वह केवल कर्तव्य मात्र के लिए होते हैं।"
(साभार प्रेम का सूर्य- ब्रह्मलीन सद्गुरु डॉ. करतार सिंह जी महाराज)
- पुस्तक- अतृप्त (एक अधूरा आध्यात्मिक सफ़र)”
―
"जो सच्चा गुरु है वह सदा अपनी जीविका के लिए स्वयं उपार्जन करेगा। कुछ न कुछ कार्य करके वह अपना जीवनयापन करेगा लेकिन दान लेकर नहीं खायेगा। यदि वह दान लेकर खायेगा तो उसकी आध्यात्मिक कमाई समाप्त हो जायेगी। दिन रात आत्मानन्द में लीन वह सांसारिक भोगों से उदासीन रहता है। उसके जो भी सांसारिक कर्म होते हैं वह केवल कर्तव्य मात्र के लिए होते हैं।"
(साभार प्रेम का सूर्य- ब्रह्मलीन सद्गुरु डॉ. करतार सिंह जी महाराज)
- पुस्तक- अतृप्त (एक अधूरा आध्यात्मिक सफ़र)”
―
