जैनेन्द्र कुमार बघेल
Goodreads Author
Member Since
June 2020
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इंद्रधनुष: कहानियाँ, ख़ुशानियाँ और बेईमानियां
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“प्रेम ही जगद्-भाषा है। सद्भाव, ममता, सहानुभूति, करुणा आदि उसकी अनेक उपभाषाएं हैं। इनका व्याकरण समझ लिया तो आप किसी से भी संवाद कर सकते हो।”
― इंद्रधनुष: कहानियाँ, ख़ुशानियाँ और बेईमानियां
― इंद्रधनुष: कहानियाँ, ख़ुशानियाँ और बेईमानियां
“गलियों के जाल में कहीं पीछे छूट गयी। मुख्य सड़क पर आकर छोटू एक बस में चढ़ गया।”
― इंद्रधनुष: कहानियाँ, ख़ुशानियाँ और बेईमानियां
― इंद्रधनुष: कहानियाँ, ख़ुशानियाँ और बेईमानियां
“मोनू, यार एक तो ये मानव, ऊपर से घबराया हुआ.. इतनी आसानी से नहीं समझ पायेगा।”
― इंद्रधनुष: कहानियाँ, ख़ुशानियाँ और बेईमानियां
― इंद्रधनुष: कहानियाँ, ख़ुशानियाँ और बेईमानियां

