Anukriti Upadhyay
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Neena Aunty
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Japani Sarai
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“ध्यान से देखें तो पाएँगे कि वे एक-दूसरे की उपस्थिति के प्रति सदा जागरूक रहते हैं, उनकी आँखों में एक विचित्र तारतम्य है, हाथ हिलाने, झुकने, मुड़ने, चलने सब क्रियाओं में एक समांतर सी अंतरंगता, जैसे एक ही तरंग एक को छू कर दूसरे को वलयित करती हो। आप समझे? ख़ैर हम ऐसे ही सहकर्मी हैं। हम दोनों को अपने छिपे जोखिम का भान है, इसलिए हम बहुत, बहुत सावधान रहते हैं। केवल एक बार हमारे यत्न से पहने मुखौटे और नेपथ्य गिरे थे और वह जो हमारे बीच कुंडली मार कर सदा से बैठा है, जिसे हम सदा अनदेखा करने की कोशिश करते हैं, उसने हमारी गुंजलक खोल कर हमारी चाह से लस्त देहों को समेट लिया था। मगर केवल एक बार।”
― Japani Sarai
― Japani Sarai
“सम्बोधन से रिश्ते नहीं बनते-बदलते, रिश्ता है तो सम्बोधन कोई भी हो, और रिश्ता नहीं तब भी सम्बोधन कोई भी हो। रंग आँखों के कारण दिखते हैं या रोशनी के कारण?”
― Neena Aunty
― Neena Aunty
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