Govind Mishra
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कोहरे में कैद रंग
6 editions
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published
2004
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House with Five Courtyards
by
7 editions
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published
2008
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In the Glow of your Being
by
3 editions
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published
2019
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गोविन्द मिश्र की 5 सुपरहिट कहानियाँ
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गोविन्द मिश्र की लोकप्रिय कहानियाँ
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धूल पौधों पर
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मेरी प्रिय कहानियाँ
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परतों के बीच
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published
1997
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उतरती हुई धूप
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लाल पीली जमीन
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published
2003
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“नीम की डगाल से लटका मूँज की डोरियों का बना एक छींका, जिस पर रखी थी रसखीर, लाल रंग की मिट्टी की चपिया में, ढकना भी मिट्टी का। शाम पिता ने अपने आठ साल के लड़के के लिए गन्ने का रस मँगाया था और कण्डों के ऊपर रोटी-दाल के बाद मिट्टी की इस चपिया में खुद खीर पकायी थी। रात के खाने के बाद जो बची उसे उन्होंने छींके पर टाँग दिया था, बिल्ली से बचे और रात भर चाँदनी की ठण्डक चपिया में पहमती भी रहे।”
― Kohre Me Kaid Rang
― Kohre Me Kaid Rang
“आज की पीढ़ी ‘तर्क’ और ‘अपना, सिर्फ अपना’ पक्ष लेकर चलती है। वह नियति-इयति को नहीं मानती, भावना पर बहुत जोर नहीं देती।” “वह दूसरी ‘अति’ है, जहाँ दूसरे के लिए कुछ करने, दूसरे की भावनाओं का खयाल करने से ही परहेज है। जरूरत है दोनों के मिश्रण की।”
― Kohre Me Kaid Rang
― Kohre Me Kaid Rang
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