विकास 'अंजान' विकास’s Comments (group member since May 05, 2016)


विकास’s comments from the हिन्दी group.

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Sep 12, 2016 04:00AM

118417 Avnish wrote: "kasi ka assi kitaab par hi based movie bani thi na with sunny deol playing the central character"
जी उसी पर बनी थी. लेकिन फिल्म कैसी है ये नहीं पता. किताब बेहतरीन है.
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Sep 12, 2016 03:48AM

118417 Sandeep wrote: "बिल्कुल विकास. और यहीं अनुभव फ़र्क लाता है. आपसे इसलिए भी शेयर किया क्योंकि आप तो उनके मुरीद हैं.

वैसे मेरा जवाब भी पढ़ लें -

बहुत बहुत धन्यवाद पाठक जी. उपन्यास आपको पसंद आया यह मेरे लिए सबसे ख़ुशी..."

बढ़िया. मैं भी कोशिश करता हूँ कि उनके उपन्यास पढने के बाद उस विषय में अपने राय उन्हें भेजूँ. और ज्यादातर बार उनका जवाब भी आ जाता है. वैसे जितना मज़ा उनका उपन्यास पढने में आता है उतना ही मज़ा उनका लेखकीय पढने में भी आ जाता है जो कि उनके हर उपन्यास के शुरुआत में होता है. अगर हो सके तो उसे जरूर पढ़िएगा. उनके चुनिन्दा लेखकीय उनकी साईट पर डाउनलोड के लिये उपलब्ध हैं. ये लिंक है:
http://www.smpathak.com/resource.php
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Sep 11, 2016 11:36PM

118417 Sandeep wrote: "विकास wrote: "Gorab wrote: "अलंकृत भाषा?
तब तो कुछ और हिंदी किताबों के बाद ही पढ़ पाउँगा। मैंने भी काफी तारीफ सुनी थी इसकी।"
नहीं, पढ़िये।अलंकृत मतलब कठिन नहीं खूबसूरत है। दूसरा इस उपन्यास की पृष्ठभू..."
वाह!!! जी उनकी नज़र से ये बचना मुश्किल था। क्योंकि पाठक साहब अपने अंदाजे बयान के वजह से ही जाने जाते हैं। मुंबई का जीत सिंह और दिल्ली के सुधीर कोहली की जबान में फर्क वो बखूबी करते हैं। इससे उनके किरदार यथार्थ के ज्यादा नज़दीक लगते हैं तो उनको इस बात पर गौर करना ही था। एक आम पाठक को शायद पता भी न लगे क्योंकि हम सब अब हिन्दुस्तानी के आदि हो चुके हैं जो कि हिंदी और उर्दू ज़बान का मिश्रण है।
118417 अभी अभी अमेज़न में देखा कि जो नेस्बो और हाकन नेसर के उपन्यासों का हिंदी अनुवाद उबलब्ध होने वाला है। हाकन नेसर का उपन्यास आखरी सबूत है,जिसका अनुवाद सुचिता मीतल जी ने किया है। और जो नेस्बो का उपन्यास एक हसीना का क़त्ल है जिसको प्रभात रंजन जी ने हिंदी में अनूदित किया है। ये एक अच्छी बात है क्योंकि अभी तक इन लेखकों के उपन्यासों के अंग्रेजी अनुवाद ही उपलब्ध थे। मुझे व्यक्तिगत तौर पे इनसे काफी उम्मीदें हैं। आप लोगों का क्या ख्याल है?
उपन्यासों के लिंक:
http://www.amazon.in/Ek-Haseena-Ka-Ka...
http://www.amazon.in/Aakhri-Saboot-Ha...
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Jun 13, 2016 12:57AM

118417 यकसाँ ढूँढा तो मिला उसका अर्थ सेम यानी 'एक जैसा' होता है।
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Jun 12, 2016 10:45PM

118417 Gorab wrote: "Basheer Badr Samagra! Naam hi upar se gaya!"

बशीर बद्र शायर हैं और समग्र मतलब कम्पलीट कलेक्शन ऑफ़ हिज वर्क्स। इसे रचनावली के नाम से भी छापते है।
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Jun 10, 2016 04:09AM

118417 Arvind wrote: "I have read "Basheer Badr Samagra" thrice. Did u notice that the movie "Dedh Ishqiya" paid a silent tribute to him ?"Didn't watched the movie. I seldom watch movies now. But he's good and one of the best poets that we have.
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Jun 10, 2016 03:24AM

118417 Arvind wrote: "@Vikas, i think i will sit patiently soon to read Acharya Chatursen's "Vaishali ki Nagarvadhu" with a dictionary, probably when wife goes to her 'maayke'."
I keep mine near my bed 'cause i'm reading premchand. So i have one which is urdu to hindi and another this one. Both are useful. Plus urdu one helps while reading ghazals by the poets like Daag, basheer badr etc.
118417 अनुवाद हमें उन भाषा की पुस्तकों को भी पढने का मौका देता है जिनसे हम परिचित नहीं होते। व्यक्तिगत रूप से मुझे दूसरी भारतीय भाषाओं का अंग्रेजी अनुवाद के बजाय हिंदी अनुवाद पढने में ज्यादा मज़ा आता है। यहाँ हम ऐसे ही पुस्तकों के विषय में बात करेंगे जो लिखी तो दूसरी भाषा में थी लेकिन आपका उनके साथ परिचय हिंदी अनुवाद के रूप में हुआ।
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Jun 09, 2016 07:42PM

118417 क्योंकि यहाँ काफी लोग साथ में पढने के इच्छुक है तो क्यों न सभी दो दो विकल्प दें और फिर पोल बनाकर ये निर्णय लिया जाये कि क्या पढ़ा जाये??
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Jun 09, 2016 07:40PM

118417 Arvind wrote: "अलंकृत भाषा से मुझे ध्यान आया, क्या किसी ने आचार्य चतुरसेन को पढ़ा है ? मुझे भाषा बड़ी कठिन लगी और इस कारण छोड़ना पड़ा ।"

आचार्य चतुरसेन को मैंने अभी तक पढ़ा तो नहीं है लेकिन पढना है। उनकी वयं रक्षामः और वैशाली की नगर वधु पढने का काफी मन है। उनकी भाषा कठिन हो सकती है क्योंकि उसमे संस्कृत का प्रभाव ज्यादा देखने को मिलता है। हिंदी का जो रूप हम देखते हैं उसे हिदुस्तानी कहते थे जिसमे हिंदी,उर्दू का मिश्रण इस्तेमाल होता है। इसके लिये मैंने ये पुस्तक खरीदी है: Sahaj Samantar Kosh by Arvind Kumar
जिन शब्दों का अर्थ सन्दर्भ से नहीं पता कर पाता हूँ उसे इसमें देख लेता हूँ। अरविन्द जी ने हिंदी भाषा के लिये इस पुस्तक को बनाकर काफी अच्छा काम किया है। जैसे अंग्रेजी में ऑक्सफ़ोर्ड या मेरियम-वेबस्टर ने किया है।
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Jun 07, 2016 09:00PM

118417 Gorab wrote: "अलंकृत भाषा?
तब तो कुछ और हिंदी किताबों के बाद ही पढ़ पाउँगा। मैंने भी काफी तारीफ सुनी थी इसकी।"

नहीं, पढ़िये।अलंकृत मतलब कठिन नहीं खूबसूरत है। दूसरा इस उपन्यास की पृष्ठभूमि काफी पुराने वक्त की है तो भाषा हिन्दुस्तानी की जगह संस्कृत वाली हिंदी है, जो कि कथानक के साथ पूर्ण न्याय करती है। शब्द कठिन नहीं हैं, आसानी से समझ आ जायेंगे।
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Jun 07, 2016 07:46AM

118417 समरसिद्धा मुझे पसंद आई थी। इसकी भाषा बहुत अलंकृत है, जिसे पढ़ने में आनंद आता है। हाँ, उपन्यास का अंत मुझे आदर्शवादी लगा न कि यथार्थवादी।
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Jun 07, 2016 02:30AM

118417 Gorab wrote: "निम्न हिंदी किताबें पढना चाहता हूँ. अगर आप भी इनमें से कोई पढना चाहें तो हम साथ में पढ़कर उसके बारे में चर्चा कर सकते हैं.
1. Gora
2. Samarsiddha
3. [book:काशी का अस्स..."

समरसिद्धा,काशी का अस्सी पढ़ी हुई है। गोरा, बकर पुराण पढने का इरादा है।
118417 अभी गूगल में हिंदी साइंस फिक्शन सर्च किया तो इस ब्लॉग का नाम उभरा। इस ब्लॉग की सामग्री को मैंने अभी तक पढ़ा नहीं है लेकिन पढने की इच्छा है। चूँकि साइंस फिक्शन के नाम पर ये ब्लॉग है तो इसका नाम इधर लिख रहा हूँ। आप भी पढ़िए:
http://hindisciencefiction.blogspot.in/
118417 साहित्य में कई शैलियाँ (genre) हैं जिनमें हिंदी में काम कम ही हुआ है या हुआ है भी तो नहीं के बराबर हुआ है। साइंस फिक्शन भी गल्प की ऐसी ही श्रेणी है। इस जगह हम हिंदी में मौजूद साइंस फिक्शन के विषय में बातचीत करेंगे जिससे पाठकों को हिंदी साइंस फिक्शन की रचनाओं के विषय में पता चले।
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May 18, 2016 11:20PM

118417 Arvind wrote: "No issue at all ! Do ping me whenever u r in d mood to start."

sure
118417 विकास नैनवाल

१) गोदान
गोदान में न केवल गाँव के जीवन का सटीक वर्णन है परन्तु होरी के बेटे गोबर के शहर के अनुभव भी ऐसे हैं जिनसे कई लोग अपने को जुड़ा हुआ पाते हैं। शहर और ग्राम्य जीवन का सुन्दर चित्रण किया गया है। इसे पढ़कर ही मैं जान पाया कि इसे जो ख्याति मिली है वो अकारण नहीं मिली है।
2. वह भी कोई देस है महाराज
अक्सर यात्रा संस्मरणों की बात आती थी तो मेरे मन में खाली ये विचार आता था कि इसमें हम पर्यटकों की तरह किसी जगह की खूबसूरत चीजों को विवरण पाते हैं। मैं इन्हें पढता था ताकि अगर मुझे किसी स्थान पर जाना हो तो मैं जान सकूँ कि किन जगहों पर मुझे जाना चाहिए और कैसी परेशानियों का सामना मैं कर सकता हूँ। हाँ, यह बात मैं साफ़ करना चाहूँगा की मैंने हिंदी में केवल यात्रा ब्लॉग ही पढ़े थे। लेकिन वह भी कोई देस है महाराज अलग अनुभव साबित हुआ। उत्तर पूर्वी राज्यों को जब भी मैंने देखा एक खूबसूरत पर्यटक स्थल के रूप में देखा। वैसे मैं उत्तराखंड का हूँ तो पहाड़ी मेरे लिये इलाका नहीं है लेकिन फिर उत्तर पूर्वी राज्य का नाम सुनते ही हमे वहाँ के खूबसूरत नज़ारे याद आते हैं। इस पुस्तक को लेने का मेरा कारण यही था लेकिन जब मैंने इसे पढ़ा तो जाना अनिल यादव जी का ये यात्रा संस्मरण एक नए दृष्टिकोण से आपको उत्तर पूर्वी इलाकों में घुमाता है। आप बाहरी व्यक्ति की तरह नहीं घुमते अपितु इस खूबसूरती के नीचे छुपे उत्तर पूर्व से परिचित होते हैं।
मैने अभी तक काफी कम पढ़ा है लेकिन मैं चाहूँगा कि इस पुस्तक को जितने लोग पढ़ सकते हैं पढ़ें।
3. लाल पसीना - अभिमन्यु अनत
जहाँ हिंदी भाषी क्षेत्र में ही लोग हिंदी में बात करने और उसे लिखने में आनाकानी करते हैं वहीं जब मुझे पता चला कि मॉरिशस एक लेखक अभिमन्यु जी हिंदी में ही लिखते हैं तो मेरा उनकी कृतियों के प्रति जिज्ञासित होना लाजमी था। मैंने पढ़ा और एक संघर्ष गाथा से रूबरू हुआ। अंग्रेजी शाशन में कई पूर्वांचल वासियों को मॉरिशस लेकर जाया जाता था। उनसे कहा तो जाता था कि उधर धन मिलेगा लेकिन वहाँ पहुँचते ही उन्हें बंधुआ मजदूर बना दिया जाता था। यही लोग गिरमिटिये कहलाये जाते थे। यह पुस्तक उन्ही की संघर्ष गाथा है। उपन्यास मार्मिक है और कई जगह जो यातनाएं उन्हें सहनी पड़ी थी उसे पढ़कर मन विचलित हो जाता है।

मैं इधर ही सूची को अपडेट करता रहूँगा।
118417 अक्सर हम ऐसी किताबों से रूबरू होते हैं कि उनको पढने के बाद हमारा मन करता है कि उस पुस्तक के विषय में अपने मित्रों, जानकारों सबको बताये। ऐसी पुस्तकें हमारे मन को छू जाती हैं और हम चाहते हैं कि जो अनुभव हमे उन पुस्तकों को पढ़ते हुए हुआ है उसका अनुभव दूसरे लोग भी करें। तो ऐसी कौन सी हिंदी पुस्तकें है जिनके विषय में आपके मन में ऐसे विचार आतें हैं। यहाँ आप ऐसी पुस्तकों को सूचीबद्ध तरीके से साझा कर सकते हैं। पुस्तक के विषय में कुछ लिखना तो वो भी लिख सकते हैं कि मसलन आपको इस पुस्तक में क्या अलग लगा और क्यों आपको यह पुस्तक पसन्द आई।
118417 विकास नैनवाल
इस साल मैंने निम्न पुस्तकें पढ़ी हैं:
1. क्रिस्टल लॉज - सुरेन्द्र मोहन पाठक (५/५)
2. मिस्ड कॉल - अनिल मोहन(३/५)
3. क़त्ल की आदत - जितेन्द्र माथुर (२.५/५)
4. चरित्रहीन - शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय(४/५)(बांगला उपन्यास का हिंदी संस्करण)
5. क्राइम क्लब - सुरेन्द्र मोहन पाठक (५/५)
6. बहुरूपिया - सुरेन्द्र मोहन पाठक (४/५)
7. धब्बा - सुरेन्द्र मोहन पाठक (5/5)
8. मौत का खेल - सुरेन्द्र मोहन पाठक (२.५/५)
9. दौलत और खून - सुरेन्द्र मोहन पाठक(४/५)
10. अंधविश्वास उन्मूलन : विचार - नरेन्द्र दाभोलकर (5/5)(मराठी पुस्तक का हिंदी संस्करण)
11. जड़ वाला कटहल - एस समुत्तिरम् (4/5)(तमिल उपन्यास का हिंदी संस्करण)
12. हमला - अनिल मोहन (3/5)
13. खूनी हवेली - सुरेन्द्र मोहन पाठक (2.5/5)
14. फ्रिज़ में औरत - मुशर्रफ़ आलम ज़ौक़ी(3/5)
15. होटल में खून - सुरेन्द्र मोहन पाठक (3/5)
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