विकास’s
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जी उसी पर बनी थी. लेकिन फिल्म कैसी है ये नहीं पता. किताब बेहतरीन है.

वैसे मेरा जवाब भी पढ़ लें -
बहुत बहुत धन्यवाद पाठक जी. उपन्यास आपको पसंद आया यह मेरे लिए सबसे ख़ुशी..."
बढ़िया. मैं भी कोशिश करता हूँ कि उनके उपन्यास पढने के बाद उस विषय में अपने राय उन्हें भेजूँ. और ज्यादातर बार उनका जवाब भी आ जाता है. वैसे जितना मज़ा उनका उपन्यास पढने में आता है उतना ही मज़ा उनका लेखकीय पढने में भी आ जाता है जो कि उनके हर उपन्यास के शुरुआत में होता है. अगर हो सके तो उसे जरूर पढ़िएगा. उनके चुनिन्दा लेखकीय उनकी साईट पर डाउनलोड के लिये उपलब्ध हैं. ये लिंक है:
http://www.smpathak.com/resource.php

तब तो कुछ और हिंदी किताबों के बाद ही पढ़ पाउँगा। मैंने भी काफी तारीफ सुनी थी इसकी।"
नहीं, पढ़िये।अलंकृत मतलब कठिन नहीं खूबसूरत है। दूसरा इस उपन्यास की पृष्ठभू..."वाह!!! जी उनकी नज़र से ये बचना मुश्किल था। क्योंकि पाठक साहब अपने अंदाजे बयान के वजह से ही जाने जाते हैं। मुंबई का जीत सिंह और दिल्ली के सुधीर कोहली की जबान में फर्क वो बखूबी करते हैं। इससे उनके किरदार यथार्थ के ज्यादा नज़दीक लगते हैं तो उनको इस बात पर गौर करना ही था। एक आम पाठक को शायद पता भी न लगे क्योंकि हम सब अब हिन्दुस्तानी के आदि हो चुके हैं जो कि हिंदी और उर्दू ज़बान का मिश्रण है।

उपन्यासों के लिंक:
http://www.amazon.in/Ek-Haseena-Ka-Ka...
http://www.amazon.in/Aakhri-Saboot-Ha...

बशीर बद्र शायर हैं और समग्र मतलब कम्पलीट कलेक्शन ऑफ़ हिज वर्क्स। इसे रचनावली के नाम से भी छापते है।


I keep mine near my bed 'cause i'm reading premchand. So i have one which is urdu to hindi and another this one. Both are useful. Plus urdu one helps while reading ghazals by the poets like Daag, basheer badr etc.



आचार्य चतुरसेन को मैंने अभी तक पढ़ा तो नहीं है लेकिन पढना है। उनकी वयं रक्षामः और वैशाली की नगर वधु पढने का काफी मन है। उनकी भाषा कठिन हो सकती है क्योंकि उसमे संस्कृत का प्रभाव ज्यादा देखने को मिलता है। हिंदी का जो रूप हम देखते हैं उसे हिदुस्तानी कहते थे जिसमे हिंदी,उर्दू का मिश्रण इस्तेमाल होता है। इसके लिये मैंने ये पुस्तक खरीदी है:

जिन शब्दों का अर्थ सन्दर्भ से नहीं पता कर पाता हूँ उसे इसमें देख लेता हूँ। अरविन्द जी ने हिंदी भाषा के लिये इस पुस्तक को बनाकर काफी अच्छा काम किया है। जैसे अंग्रेजी में ऑक्सफ़ोर्ड या मेरियम-वेबस्टर ने किया है।

तब तो कुछ और हिंदी किताबों के बाद ही पढ़ पाउँगा। मैंने भी काफी तारीफ सुनी थी इसकी।"
नहीं, पढ़िये।अलंकृत मतलब कठिन नहीं खूबसूरत है। दूसरा इस उपन्यास की पृष्ठभूमि काफी पुराने वक्त की है तो भाषा हिन्दुस्तानी की जगह संस्कृत वाली हिंदी है, जो कि कथानक के साथ पूर्ण न्याय करती है। शब्द कठिन नहीं हैं, आसानी से समझ आ जायेंगे।


1. Gora
2. Samarsiddha
3. [book:काशी का अस्स..."
समरसिद्धा,काशी का अस्सी पढ़ी हुई है। गोरा, बकर पुराण पढने का इरादा है।

http://hindisciencefiction.blogspot.in/


१) गोदान
गोदान में न केवल गाँव के जीवन का सटीक वर्णन है परन्तु होरी के बेटे गोबर के शहर के अनुभव भी ऐसे हैं जिनसे कई लोग अपने को जुड़ा हुआ पाते हैं। शहर और ग्राम्य जीवन का सुन्दर चित्रण किया गया है। इसे पढ़कर ही मैं जान पाया कि इसे जो ख्याति मिली है वो अकारण नहीं मिली है।
2. वह भी कोई देस है महाराज
अक्सर यात्रा संस्मरणों की बात आती थी तो मेरे मन में खाली ये विचार आता था कि इसमें हम पर्यटकों की तरह किसी जगह की खूबसूरत चीजों को विवरण पाते हैं। मैं इन्हें पढता था ताकि अगर मुझे किसी स्थान पर जाना हो तो मैं जान सकूँ कि किन जगहों पर मुझे जाना चाहिए और कैसी परेशानियों का सामना मैं कर सकता हूँ। हाँ, यह बात मैं साफ़ करना चाहूँगा की मैंने हिंदी में केवल यात्रा ब्लॉग ही पढ़े थे। लेकिन वह भी कोई देस है महाराज अलग अनुभव साबित हुआ। उत्तर पूर्वी राज्यों को जब भी मैंने देखा एक खूबसूरत पर्यटक स्थल के रूप में देखा। वैसे मैं उत्तराखंड का हूँ तो पहाड़ी मेरे लिये इलाका नहीं है लेकिन फिर उत्तर पूर्वी राज्य का नाम सुनते ही हमे वहाँ के खूबसूरत नज़ारे याद आते हैं। इस पुस्तक को लेने का मेरा कारण यही था लेकिन जब मैंने इसे पढ़ा तो जाना अनिल यादव जी का ये यात्रा संस्मरण एक नए दृष्टिकोण से आपको उत्तर पूर्वी इलाकों में घुमाता है। आप बाहरी व्यक्ति की तरह नहीं घुमते अपितु इस खूबसूरती के नीचे छुपे उत्तर पूर्व से परिचित होते हैं।
मैने अभी तक काफी कम पढ़ा है लेकिन मैं चाहूँगा कि इस पुस्तक को जितने लोग पढ़ सकते हैं पढ़ें।
3. लाल पसीना - अभिमन्यु अनत
जहाँ हिंदी भाषी क्षेत्र में ही लोग हिंदी में बात करने और उसे लिखने में आनाकानी करते हैं वहीं जब मुझे पता चला कि मॉरिशस एक लेखक अभिमन्यु जी हिंदी में ही लिखते हैं तो मेरा उनकी कृतियों के प्रति जिज्ञासित होना लाजमी था। मैंने पढ़ा और एक संघर्ष गाथा से रूबरू हुआ। अंग्रेजी शाशन में कई पूर्वांचल वासियों को मॉरिशस लेकर जाया जाता था। उनसे कहा तो जाता था कि उधर धन मिलेगा लेकिन वहाँ पहुँचते ही उन्हें बंधुआ मजदूर बना दिया जाता था। यही लोग गिरमिटिये कहलाये जाते थे। यह पुस्तक उन्ही की संघर्ष गाथा है। उपन्यास मार्मिक है और कई जगह जो यातनाएं उन्हें सहनी पड़ी थी उसे पढ़कर मन विचलित हो जाता है।
मैं इधर ही सूची को अपडेट करता रहूँगा।


इस साल मैंने निम्न पुस्तकें पढ़ी हैं:
1. क्रिस्टल लॉज - सुरेन्द्र मोहन पाठक (५/५)
2. मिस्ड कॉल - अनिल मोहन(३/५)
3. क़त्ल की आदत - जितेन्द्र माथुर (२.५/५)
4. चरित्रहीन - शरत चन्द्र चट्टोपाध्याय(४/५)(बांगला उपन्यास का हिंदी संस्करण)
5. क्राइम क्लब - सुरेन्द्र मोहन पाठक (५/५)
6. बहुरूपिया - सुरेन्द्र मोहन पाठक (४/५)
7. धब्बा - सुरेन्द्र मोहन पाठक (5/5)
8. मौत का खेल - सुरेन्द्र मोहन पाठक (२.५/५)
9. दौलत और खून - सुरेन्द्र मोहन पाठक(४/५)
10. अंधविश्वास उन्मूलन : विचार - नरेन्द्र दाभोलकर (5/5)(मराठी पुस्तक का हिंदी संस्करण)
11. जड़ वाला कटहल - एस समुत्तिरम् (4/5)(तमिल उपन्यास का हिंदी संस्करण)
12. हमला - अनिल मोहन (3/5)
13. खूनी हवेली - सुरेन्द्र मोहन पाठक (2.5/5)
14. फ्रिज़ में औरत - मुशर्रफ़ आलम ज़ौक़ी(3/5)
15. होटल में खून - सुरेन्द्र मोहन पाठक (3/5)