“बहुत उलझ गया -‘जिन्दगी ‘तेरी शतरंज की चाल में
कह भी नहीं सकता अब यह खेल खत्म कर दे
सजन”
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कह भी नहीं सकता अब यह खेल खत्म कर दे
सजन”
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“सिर्फ़ इबादत से कोई नहीं पा जाता जन्नत
हज़ारों मिलेगें यहाँ दफ़न मज़ारों में फक़त
सजन”
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हज़ारों मिलेगें यहाँ दफ़न मज़ारों में फक़त
सजन”
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“आईने से बड़कर न कोई हमदर्द मेरा
कभी हंसा नहीं,देख रोता हुआ चहेरा
सजन”
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कभी हंसा नहीं,देख रोता हुआ चहेरा
सजन”
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“यों दोस्तों की महफ़िल में जो खुलकर हँसा है
शायद अन्दर ही अन्दर उसके ज़ख़्म बहुत गहरा है
सजन”
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शायद अन्दर ही अन्दर उसके ज़ख़्म बहुत गहरा है
सजन”
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“कहीं तुम्हें शिकायत न हो की हम अगर साथ साथ होते
इसी हसरत में तन्हा रह गए इंतिज़ार करते करते
सजन”
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इसी हसरत में तन्हा रह गए इंतिज़ार करते करते
सजन”
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सजन’s 2025 Year in Books
Take a look at सजन’s Year in Books, including some fun facts about their reading.
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