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“रामभरोसे के कुछ सवाल वित्त मंत्री के लिए बहुत जटिल थे। जैसे एक देश में एक टैक्स है तो फिर पुलिस की हफ्ता वसूली अलग क्यों है? क्या पकौड़े वाले पुलिस को चुकाये गये हफ्ते का आईटी रीफंड बाद में ले सकते हैं? इससे आगे रामभरोसे ने वित्त मंत्री से एक ऐसा सवाल भी पूछा जो अर्थव्यवस्था के प्रति उनकी गहरी समझ को दर्शाता था। उन्होने कहा कि ठीक है, रीफंड ना हो। लेकिन जो पैसे वे हफ्ते के रूप में देते हैं, उन्हे देश की प्रति व्यक्ति आय में जोड़ दिया जाये। इससे भारत की प्रति व्यक्ति आय बढ़ जाएगी और विदेश में हमारे देश का सम्मान भी बढ़ेगा।”
― Prajatantra Ke Pakaude
― Prajatantra Ke Pakaude
“कल टीवी पर कोई कह रहा था कि पीएम जी को प्रधानमंत्री पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए। ई गरिमा है कौन ससुरी? देश के चक्कर में घर-बार सब छोड़ दिये हैं। एक तो आदमी 24 घंटा में से 22 घंटा काम करे और उपर से गरिमा के चक्कर में भी पड़े। टाइम कहां है, फालूत बातों के लिए। नहीं रखेंगे पीएम पद की गरिमा उखाड़ लो जो उखाड़ना है। हमारे प्रधानमंत्री हैं तो देश हैं। प्रधानमंत्री नहीं रहेंगे तो यह देश भी नहीं रहेगा।”
― Prajatantra Ke Pakaude
― Prajatantra Ke Pakaude
“भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में यह पहला मौका था, जब विपक्षी नेता भी सरकार का खुलकर प्रचार कर रहे थे। विपक्षी नेता कह रहे थे कि हमारी बदकिस्मती कि ये हमे आज़ादी के फौरन बाद नहीं मिले। अगर नेहरू के बदले यही देश के प्रधानमंत्री होते तो देश की स्थिति कुछ और होती। तब आज ना तो लोकतंत्र की ज़रूरत होती और ना विकास की, क्योंकि दोनो उपलब्धियां उसी वक्त प्राप्त कर ली गई होतीं।”
― Prajatantra Ke Pakaude
― Prajatantra Ke Pakaude