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“Friends are the best anti-depressants; with only positive effects, no side-effects.”
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“Cancerous tissues and cancerous issues should be sorted, well in time.”
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“धर्म तो भगवान् से जुड़ने का ज़रिया था. उसे इंसान को तोड़ने का ज़रिया बना डाला कुछ स्वार्थी तत्वों ने. लेकिन एक लिखकर मेरी ज़िम्मेदारी ख़त्म हो गयी क्या? अगर धर्म हमे रूहानियत की जगह बंटवारे की तरफ ले जा रहा है तो इसके जिम्मेदार हम सब हैं. हम में से हर कोई!
-पीयूष कविराज.”
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-पीयूष कविराज.”
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“I tried being honest once, and you stopped being my friend”
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“हम लोग कानों में इयर-फोन डाल कर चलने लगे हैं, अब सड़क पर कोई एक्सीडेंट हो तो सुनाई नहीं देता।”
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“कभी पानी की तरह, कभी ज़हर की तरह;
कभी गुस्से के दो घूँट, कभी जाम के दो बूँद,
पी लेंगे.
ज़िन्दगी ही तो है.. जी लेंगे!”
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कभी गुस्से के दो घूँट, कभी जाम के दो बूँद,
पी लेंगे.
ज़िन्दगी ही तो है.. जी लेंगे!”
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“Asar hai ye teri meri dosti ka, darakhton pe patte naye aa gaye hain!”
― महलों को बिकते देखा है
― महलों को बिकते देखा है






