B.K. Qureshi's Blog

March 22, 2017

इस तरह भी न जा : पारिवारिक उपन्यास by B.K.Qureshi

इस तरह भी न जा पारिवारिक उपन्यास by B.K. Qureshi

Book Description -

मेरा ये उपन्यास - ' इस तरह भी न जा ' पारिवारिक कहानी से संजोया गया है , इसमें अगर सबसे बड़ी कोई बात है तो वो ये है इंसान की फीलिंग्स को बहुत बारीकी से अध्ययन कर दर्शाया गया है । हमारी ज़िंदगी में ऐसे कई मोड़ आते हैं जिसकी वजह से हमारे परिवारों में मतभेद हो जाते हैं जिसका सल्यूशन हमारे पास होता है मगर फिर भी हम उसको हल नहीं कर पाते शायद वो छोटी छोटी सी गलतियां एक बड़ा रूप ले लेती हैं जिससे अनेकों नुकसान हो जाते हैं जिसकी भरपाई फिर मुश्किल हो जाती है मेरी इस कहानी में भी आफरीन नाम की लड़की है जो कॉलेज में पढ़ने जाती तो अरशद नाम के लड़के के साथ है मगर दिल ताहिर नाम के लड़के को दे बैठती है जो उसी के कॉलेज में पढ़ता है । आफरीन की मां नहीं चाहती कि वो ताहिर से शादी करे क्योंकि उन्हें तो अरशद पसंद है और अरशद को आफरीन पसंद है मगर आफरीन को ताहिर पसंद है इसीलिये हो जाती है ताहिर के साथ शादी आफरीन की और अरशद सिर्फ दिल में ही मोहब्बत छुपाकर रह जाते हैं । आफरीन ताहिर के साथ अपने ससुराल में बेहद खुश हैं , एक दिन ताहिर को पुलिस पकड़ लेती है किसी लड़की को अगवा करने के मामले में इससे आफरीन के दिल में शक पैदा हो जाता है ताहिर को लेकर , ताहिर की इसी बात को लेकर वो अपने ससुराल में हंगामा मचा देती हैं , सास सुसर की भी नहीं सुनतीं मगर उस मामले में ताहिर बेगुनाह निकलते हैं । आफरीन ने उनपर शक किया इस बात को लेकर आफरीन बेहद शरमिंदा होती हैं , फिर एक दिन ताहिर के पापा के दोस्त की बेटी शाईन बॉम्बे से पढ़ने भोपाल आ जाती है ताहिर के घर फिर अंजाने में ऐसे ऐसे वाक्ये होने् लगते हैं जिससे आफरीन को फिर एक बार ताहिर पे शक होने लगता है मगर इस बार वो खामोशी इक्तेयार कर लेती हैं सबकुछ देखते और समझते हुये भी खामोश रहती हैं और इसी खामोशी ने उनके दिल और दिमाग पर गहरा सदमा डाला जिस वजह से आफरीन पागल हो जाती हैं । फिर एक मजबूरी ऐसी आती है जिसमें ताहिर को देना पड़ता है आफरीन को डायवोर्स मगर ये बात भी सच है कि वो आफरीन को देना नहीं चाहते थे तलाक । इस तरह से हो जाता है रिश्ता खतम ताहिर का आफरीन से और आफरीन पहुंच जाती हैं अपने घर । एक दिन अचानक क्या मोड़ आया कि आफरीन का हो गया अरशद से निकाह मगर अफसोस कि ज़िंदगी के रास्ते में छोड़कर अरशद भी चले गये आफरीन को हमेशा के लिये । उधर शाईन को लेकर जो गलतफहमी हुई आफरीन को वो शाईन भी छोड़कर चलीं गईं ताहिर को फिर ऐसी कौनसी गलतियां थीं जो ये सब परिवार बिखर गये इसके लिये पढ़िये मेरा ये उपन्यास - इस तरह भी न जा: पारिवारिक उपन्यास


ोAuthor Bio -

बी.के.कुरैशी माइनोरिटी प्रदेश महासचिव एन्ड बीजेपी जिला उपाध्यक्ष हैं । बाबू कुरैशी पार्ट01 यूट्यूब वीडियो के निर्माता निर्देशक हैं , गीतकार , व्यंगकार और शायर भी हैं । उनका एक सॉन्ग 2014 में ऑस्कर अवार्ड में नोमिनेट हुआ और फर्स्ट टाइम ग्रेमी नॉमिनीज़ भी हुआ रिकॉर्डिंग अकाडमी में । अमेरिका के लॉस एन्जिलिस टाइम्स न्यूज़पेपर ने भी उन्हें ऑस्कर में नोमिनेट होने पर बधाई दी । वो ट्वीटर फेसबुक और लिंकड्इन पर भी उपलब्ध हैं उनकी इमेल आईडी - authorqureshi@gmail.com है । वो झीलों की नगरी भोपाल के रहने वाले हैं इसीलिये उन्होंने अपनी किताब में भोपाल के लिये शेर लिखा है -

यूं ही नहीं चले आये तेरी मेहफिल में किसी सबब से आते हैं
भोपाल तहज़ीब का शहर है यहां तूफान भी अदब से आते हैं



Author - B.K.Qureshi

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Published on March 22, 2017 11:54