Manjit Thakur's Blog
November 15, 2025
झारखंड राज्य का आंदोलन, गठन और मुसलमानों की अनदेखी भूमिका
-मंजीत ठाकुर
झारखंड राज्य 15 नवंबर, 2000 को बिहार से अलग करके गठित किया गया था। यह महज एक सियासी फैसला नहीं था, बल्कि एक सदी से अधिक समय तक चले सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संघर्ष का नतीजा था। इस संघर्ष में जितना योगदान आदिवासी समुदायों, छात्रों और स्थानीय संगठनों का रहा, उतना ही महत्वपूर्ण हिस्सा मुसलमानों का भी रहा है। परंतु, आज झारखंड की राजनैतिक स्मृति में मुस्लिमों की भूमिका लगभग गायब कर दी गई है।
स्वाधीनता आंदोलन में मुस्लिमों की शहादत
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में झारखंड के मुस्लिमों ने उल्लेखनीय योगदान दिया। शेख भिखारी उस दौर के सबसे बहादुर योद्धाओं में गिने जाते हैं। ठाकुर विष्णुनाथ शाहदेव के नेतृत्व में मुक्ति वाहिनी के सक्रिय सदस्य बने शेख भिखारी ने रांची और चुटूपाल की लड़ाइयों में अंग्रेज़ों के खिलाफ असाधारण साहस दिखाया था।
2 अगस्त, 1857 को रांची पर ब्रिटिश हमले के दौरान भिखारी और विष्णु सिंह की रणनीति ने अंग्रेज़ों की योजनाओं को विफल कर दिया।
शेख भिखारी ने संताल परगना के संतालों को भी संगठित किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ विद्रोह को प्रेरित किया। लेकिन देशी बंदूकों से लैस यह सेना भारी हथियारों के सामने टिक नहीं सकी।
इसी युद्ध में शेख भिखारी, नादिर अली (चतरा), सलामत अली और शेख हारू जैसे योद्धाओं ने अपने प्राण न्योछावर किए। नादिर अली और ठाकुर विष्णुनाथ पांडे को फांसी दी गई जबकि सलामत अली और शेख हारू को कालापानी की सजा सुनाई गई।
यह वही झारखंड था जहाँ धर्म और जाति की दीवारें टूटकर एक साझा संघर्ष में बदल गई थीं।
मॉमिन कॉन्फ्रेंस और झारखंडी चेतना का सूत्रपात
1923 में रांची के पास मुरमा में मॉमिन कॉन्फ्रेंस की स्थापना ने मुस्लिम समाज को एक संगठित रूप दिया। इस संगठन ने जलियांवाला बाग हत्याकांड की निंदा की, शहीदों को श्रद्धांजलि दी और बुनकरों को ब्रिटिश आर्थिक अत्याचार से बचाने का आह्वान किया।
इमाम अली (ब्राम्बे), नज़हत हुसैन (बुंडू), जग्गू मियां (बिजुलिया), फ़र्ज़ंद अली (इटकी), अब्दुल्ला सरदार (सिसई), ज़ाकिर अली (इटकी), सोहबत मियां (रांची) और चंदन मियां (डुमरी) जैसे नेताओं ने राष्ट्रीय एकता के साथ-साथ स्थानीय पहचान के लिए भी आवाज़ उठाई।
1912 से शुरू हुई झारखंड राज्य की मांग
जब 1912 में बिहार को बंगाल से अलग किया गया, तब झारखंड के कुछ हिस्से बंगाल में और कुछ बिहार में शामिल कर दिए गए। उस समय असमत अली नामक मुस्लिम नेता ने पहली बार चेताया कि झारखंड की सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान इस नये प्रशासनिक ढांचे में खो जाएगी।
असमत अली ने उसी वर्ष झारखंड को अलग राज्य बनाने की मांग रखी। यह झारखंड राज्य निर्माण की पहली राजनीतिक पुकार थी।
1919 में चिराग अली ने इस आंदोलन को और मज़बूत किया। इसके बाद अनेक मुस्लिम नेताओं मसलन, मोहम्मद मुर्तज़ा अंसारी (चक्रधरपुर), अशरफ ख़ान (खेलारी), मोहम्मद सईद और ज़ुबैर अहमद (जमशेदपुर), वहाब अंसारी (पुरुलिया) और एस.के. क़ुतुबुद्दीन (मेदिनीपुर) ने 1980 के दशक तक इस संघर्ष में अपनी जानें दीं।
राजनीतिक संगठनों में मुस्लिम नेतृत्व
1936 में मॉमिन कॉन्फ्रेंस ने झारखंड राज्य की मांग पर प्रस्ताव पारित किया। 1937 के चुनाव में आर. अली ने मुस्लिम लीग उम्मीदवार को हराकर बिहार विधानसभा में प्रवेश किया। यह मुस्लिम समाज की स्वायत्त राजनीतिक सोच का उदाहरण था।
1937 के बाद जब आदिवासी प्रोग्रेसिव सोसायटी बनी, तो हाजी इमाम अली, नज़रत हुसैन, अब्दुल्ला सरदार, फ़र्ज़ंद अली, शेख़ अली जान और मौलवी दुखू मियां जैसे मुस्लिम नेता उसके सक्रिय सदस्य बने। यह एक सामाजिक गठजोड़ था, जिसने आदिवासियों और मुसलमानों के बीच साझा पहचान और परंपराओं की रक्षा की भावना को जन्म दिया।
इतिहास की जड़ों में मुस्लिम उपस्थिति
प्रसिद्ध इतिहासकार आर.आर. दिवाकर अपनी पुस्तक ‘बिहार थ्रू एजेज’ में लिखा है कि लगभग आठ सौ वर्ष पहले मुस्लिम समूह पहली बार झारखंड क्षेत्र में पहुँचे और यहाँ के मुंडा गाँवों में बस गए। वे स्थानीय समुदायों में इस तरह घुल-मिल गए कि अपनी पुरानी भाषा, रीति-रिवाज और जीवनशैली लगभग भूल गए।
दिवाकर अपनी किताब में पादरी हॉफमैन को उद्धृत करते हैं कि, “इन क्षेत्रों के निवासियों ने अरबी और फ़ारसी शब्दों को अपनी भाषा में अपनाया।”
यह सांस्कृतिक समागम झारखंडी समाज की एक अनोखी पहचान बन गया, जहाँ धर्म से अधिक मानवता का रिश्ता प्रधान रहा।
1661 में दायूदनगर में पहली बार मुसलमानों ने मस्जिद बनाई और बाद में मदरसों की स्थापना भी हुई। 1740 में हिदमतुल्लाह ख़ाँ झारखंड के जपला के पहले मुस्लिम जागीरदार बने।
यह इस बात का संकेत था कि मुस्लिम समाज यहाँ केवल धार्मिक रूप से ही नहीं, प्रशासनिक और सामाजिक रूप से भी सक्रिय भूमिका निभा रहा था।
आधुनिक काल में झारखंड कौमी तहरीक की भूमिका
1989 में जमशेदपुर के सीताराम डेहरा में झारखंड कौमी तहरीक (जेक्यूटी) का गठन हुआ। प्रोफेसर ख़ालिद अहमद इसके पहले अध्यक्ष बने और अफ़ताब जमी़ल, मोहम्मद रज़ान, इमरान अंसारी तथा बशीर अहमद इसके संस्थापक सदस्य थे।
इस संगठन ने छात्रों के संगठन ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (एजेएसयू) के साथ मिलकर आंदोलन का मोर्चा संभाला।
23 जुलाई, 1989 को रांची विश्वविद्यालय परिसर में हुई इसकी पहली कॉन्फ्रेंस में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, शिक्षा और प्रतिनिधित्व से जुड़ी नीतियाँ तय की गईं। इसमें कुछ बातें तय की गई थीं।
इन नीतियों में तय किया गया कि झारखंड में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा, अल्पसंख्यकों को राजनीति, शिक्षा और प्रशासन में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा, मुस्लिमों को उनकी आबादी के अनुपात में शिक्षा और रोजगार में आरक्षण दिया जाएगा, सभी स्थानीय भाषाओं को समान दर्जा मिलेगा, अल्पसंख्यकों द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थानों को सरकारी मान्यता और सहायता दी जाएगी, अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए अल्पसंख्यक आयोग, हज समिति, मदरसा बोर्ड और वक्फ बोर्ड गठित किए जाएंगे।
जेक्यूटी की ये नीतियाँ झारखंड तक सीमित नहीं रहीं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया। सांसद सैयद शहाबुद्दीन ने झारखंड आंदोलन में गहरी रुचि दिखाई। मुस्लिम युवाओं ने भी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
साझा संघर्ष और बलिदान की गाथा
झारखंड कौमी तहरीक से जुड़े अनेक युवाओं को आंदोलन के दौरान पुलिस की हिंसा और जेल की यातना झेलनी पड़ी। मोहम्मद फैज़ी, सरफ़राज़ अहमद, मुश्ताक अहमद, इमरान अंसारी, मुजीबुर्रहमान, सरवर सज्जाद और सुबरान आलम अंसारी जैसे कार्यकर्ताओं ने झारखंड राज्य के लिए अपनी जिंदगी लगा दी।
इस आंदोलन की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि यह धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक अधिकारों और आत्मसम्मान का आंदोलन था। मुसलमानों ने यहाँ धर्म नहीं, बल्कि झारखंडियत को अपनी पहचान का हिस्सा बनाया।
राज्य बनने के बाद उपेक्षा का सिलसिला
15 नवंबर, 2000 को झारखंड राज्य का गठन हुआ और भाजपा के बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने। परंतु नवगठित राज्य की सरकार में एक भी मुस्लिम मंत्री या विधायक नहीं था। न तो राज्यपाल प्रभात कुमार और न ही मुख्यमंत्री मरांडी ने अपने प्रारंभिक भाषणों में अल्पसंख्यकों की भूमिका या अधिकारों पर एक शब्द कहा।
यह स्थिति उस ऐतिहासिक अन्याय की ओर इशारा करती है जिसमें मुसलमानों ने तो झारखंड के निर्माण के लिए आंदोलन किया, परंतु इतिहास की किताबों और राजनीतिक मान्यता में उनका नाम तक दर्ज नहीं हुआ।
गठन के 25 साल बाद झारखंड के सामने चुनौती
झारखंड की पहचान बहुसांस्कृतिकता और साझी विरासत में निहित है। यहाँ आदिवासी, दलित, पिछड़े और मुसलमान सदियों से साथ रहते आए हैं। राज्य की स्थायी शांति और विकास के लिए यह आवश्यक है कि सरकार मुस्लिम समुदाय की ऐतिहासिक भूमिका को मान्यता दे और उन्हें राजनीतिक, शैक्षिक और प्रशासनिक प्रतिनिधित्व प्रदान करे।
सरकार को तत्काल झारखंड उर्दू अकादमी, मदरसा बोर्ड, वक्फ बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग और उर्दू निदेशालय की स्थापना करनी चाहिए। इससे न केवल मुस्लिम समाज का भरोसा बहाल होगा बल्कि राज्य की समावेशी राजनीति की जड़ें भी मज़बूत होंगी।
झारखंड की मिट्टी ने शेख भिखारी जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को जन्म दिया, जिन्होंने अंग्रेज़ों से लोहा लिया। उसी धरती पर असमत अली और चिराग अली ने अलग राज्य की मांग उठाई। 1980 के दशक में झारखंड कौमी तहरीक ने इस आंदोलन को नई ऊर्जा दी। लेकिन आज इन नामों को जानने वाले भी कम हैं।
अब समय आ गया है कि झारखंड के इतिहास को एकतरफ़ा दृष्टि से नहीं, बल्कि उसके साझे संघर्षों और बहुलतावादी चरित्र के रूप में देखा जाए। झारखंड की असल पहचान किसी एक समुदाय की नहीं, बल्कि उन तमाम लोगों की है जिन्होंने इस भूमि की अस्मिता के लिए संघर्ष किया, जिनमें मुसलमानों का योगदान कभी भी कम नहीं रहा।
झारखंड राज्य 15 नवंबर, 2000 को बिहार से अलग करके गठित किया गया था। यह महज एक सियासी फैसला नहीं था, बल्कि एक सदी से अधिक समय तक चले सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संघर्ष का नतीजा था। इस संघर्ष में जितना योगदान आदिवासी समुदायों, छात्रों और स्थानीय संगठनों का रहा, उतना ही महत्वपूर्ण हिस्सा मुसलमानों का भी रहा है। परंतु, आज झारखंड की राजनैतिक स्मृति में मुस्लिमों की भूमिका लगभग गायब कर दी गई है।
स्वाधीनता आंदोलन में मुस्लिमों की शहादत
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में झारखंड के मुस्लिमों ने उल्लेखनीय योगदान दिया। शेख भिखारी उस दौर के सबसे बहादुर योद्धाओं में गिने जाते हैं। ठाकुर विष्णुनाथ शाहदेव के नेतृत्व में मुक्ति वाहिनी के सक्रिय सदस्य बने शेख भिखारी ने रांची और चुटूपाल की लड़ाइयों में अंग्रेज़ों के खिलाफ असाधारण साहस दिखाया था।
2 अगस्त, 1857 को रांची पर ब्रिटिश हमले के दौरान भिखारी और विष्णु सिंह की रणनीति ने अंग्रेज़ों की योजनाओं को विफल कर दिया।
शेख भिखारी ने संताल परगना के संतालों को भी संगठित किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ़ विद्रोह को प्रेरित किया। लेकिन देशी बंदूकों से लैस यह सेना भारी हथियारों के सामने टिक नहीं सकी।
इसी युद्ध में शेख भिखारी, नादिर अली (चतरा), सलामत अली और शेख हारू जैसे योद्धाओं ने अपने प्राण न्योछावर किए। नादिर अली और ठाकुर विष्णुनाथ पांडे को फांसी दी गई जबकि सलामत अली और शेख हारू को कालापानी की सजा सुनाई गई।
यह वही झारखंड था जहाँ धर्म और जाति की दीवारें टूटकर एक साझा संघर्ष में बदल गई थीं।
मॉमिन कॉन्फ्रेंस और झारखंडी चेतना का सूत्रपात
1923 में रांची के पास मुरमा में मॉमिन कॉन्फ्रेंस की स्थापना ने मुस्लिम समाज को एक संगठित रूप दिया। इस संगठन ने जलियांवाला बाग हत्याकांड की निंदा की, शहीदों को श्रद्धांजलि दी और बुनकरों को ब्रिटिश आर्थिक अत्याचार से बचाने का आह्वान किया।
इमाम अली (ब्राम्बे), नज़हत हुसैन (बुंडू), जग्गू मियां (बिजुलिया), फ़र्ज़ंद अली (इटकी), अब्दुल्ला सरदार (सिसई), ज़ाकिर अली (इटकी), सोहबत मियां (रांची) और चंदन मियां (डुमरी) जैसे नेताओं ने राष्ट्रीय एकता के साथ-साथ स्थानीय पहचान के लिए भी आवाज़ उठाई।
1912 से शुरू हुई झारखंड राज्य की मांग
जब 1912 में बिहार को बंगाल से अलग किया गया, तब झारखंड के कुछ हिस्से बंगाल में और कुछ बिहार में शामिल कर दिए गए। उस समय असमत अली नामक मुस्लिम नेता ने पहली बार चेताया कि झारखंड की सामाजिक-सांस्कृतिक पहचान इस नये प्रशासनिक ढांचे में खो जाएगी।
असमत अली ने उसी वर्ष झारखंड को अलग राज्य बनाने की मांग रखी। यह झारखंड राज्य निर्माण की पहली राजनीतिक पुकार थी।
1919 में चिराग अली ने इस आंदोलन को और मज़बूत किया। इसके बाद अनेक मुस्लिम नेताओं मसलन, मोहम्मद मुर्तज़ा अंसारी (चक्रधरपुर), अशरफ ख़ान (खेलारी), मोहम्मद सईद और ज़ुबैर अहमद (जमशेदपुर), वहाब अंसारी (पुरुलिया) और एस.के. क़ुतुबुद्दीन (मेदिनीपुर) ने 1980 के दशक तक इस संघर्ष में अपनी जानें दीं।
राजनीतिक संगठनों में मुस्लिम नेतृत्व
1936 में मॉमिन कॉन्फ्रेंस ने झारखंड राज्य की मांग पर प्रस्ताव पारित किया। 1937 के चुनाव में आर. अली ने मुस्लिम लीग उम्मीदवार को हराकर बिहार विधानसभा में प्रवेश किया। यह मुस्लिम समाज की स्वायत्त राजनीतिक सोच का उदाहरण था।
1937 के बाद जब आदिवासी प्रोग्रेसिव सोसायटी बनी, तो हाजी इमाम अली, नज़रत हुसैन, अब्दुल्ला सरदार, फ़र्ज़ंद अली, शेख़ अली जान और मौलवी दुखू मियां जैसे मुस्लिम नेता उसके सक्रिय सदस्य बने। यह एक सामाजिक गठजोड़ था, जिसने आदिवासियों और मुसलमानों के बीच साझा पहचान और परंपराओं की रक्षा की भावना को जन्म दिया।
इतिहास की जड़ों में मुस्लिम उपस्थिति
प्रसिद्ध इतिहासकार आर.आर. दिवाकर अपनी पुस्तक ‘बिहार थ्रू एजेज’ में लिखा है कि लगभग आठ सौ वर्ष पहले मुस्लिम समूह पहली बार झारखंड क्षेत्र में पहुँचे और यहाँ के मुंडा गाँवों में बस गए। वे स्थानीय समुदायों में इस तरह घुल-मिल गए कि अपनी पुरानी भाषा, रीति-रिवाज और जीवनशैली लगभग भूल गए।
दिवाकर अपनी किताब में पादरी हॉफमैन को उद्धृत करते हैं कि, “इन क्षेत्रों के निवासियों ने अरबी और फ़ारसी शब्दों को अपनी भाषा में अपनाया।”
यह सांस्कृतिक समागम झारखंडी समाज की एक अनोखी पहचान बन गया, जहाँ धर्म से अधिक मानवता का रिश्ता प्रधान रहा।
1661 में दायूदनगर में पहली बार मुसलमानों ने मस्जिद बनाई और बाद में मदरसों की स्थापना भी हुई। 1740 में हिदमतुल्लाह ख़ाँ झारखंड के जपला के पहले मुस्लिम जागीरदार बने।
यह इस बात का संकेत था कि मुस्लिम समाज यहाँ केवल धार्मिक रूप से ही नहीं, प्रशासनिक और सामाजिक रूप से भी सक्रिय भूमिका निभा रहा था।
आधुनिक काल में झारखंड कौमी तहरीक की भूमिका
1989 में जमशेदपुर के सीताराम डेहरा में झारखंड कौमी तहरीक (जेक्यूटी) का गठन हुआ। प्रोफेसर ख़ालिद अहमद इसके पहले अध्यक्ष बने और अफ़ताब जमी़ल, मोहम्मद रज़ान, इमरान अंसारी तथा बशीर अहमद इसके संस्थापक सदस्य थे।
इस संगठन ने छात्रों के संगठन ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (एजेएसयू) के साथ मिलकर आंदोलन का मोर्चा संभाला।
23 जुलाई, 1989 को रांची विश्वविद्यालय परिसर में हुई इसकी पहली कॉन्फ्रेंस में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा, शिक्षा और प्रतिनिधित्व से जुड़ी नीतियाँ तय की गईं। इसमें कुछ बातें तय की गई थीं।
इन नीतियों में तय किया गया कि झारखंड में धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा, अल्पसंख्यकों को राजनीति, शिक्षा और प्रशासन में उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा, मुस्लिमों को उनकी आबादी के अनुपात में शिक्षा और रोजगार में आरक्षण दिया जाएगा, सभी स्थानीय भाषाओं को समान दर्जा मिलेगा, अल्पसंख्यकों द्वारा स्थापित शैक्षणिक संस्थानों को सरकारी मान्यता और सहायता दी जाएगी, अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए अल्पसंख्यक आयोग, हज समिति, मदरसा बोर्ड और वक्फ बोर्ड गठित किए जाएंगे।
जेक्यूटी की ये नीतियाँ झारखंड तक सीमित नहीं रहीं। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर भी ध्यान आकर्षित किया। सांसद सैयद शहाबुद्दीन ने झारखंड आंदोलन में गहरी रुचि दिखाई। मुस्लिम युवाओं ने भी आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
साझा संघर्ष और बलिदान की गाथा
झारखंड कौमी तहरीक से जुड़े अनेक युवाओं को आंदोलन के दौरान पुलिस की हिंसा और जेल की यातना झेलनी पड़ी। मोहम्मद फैज़ी, सरफ़राज़ अहमद, मुश्ताक अहमद, इमरान अंसारी, मुजीबुर्रहमान, सरवर सज्जाद और सुबरान आलम अंसारी जैसे कार्यकर्ताओं ने झारखंड राज्य के लिए अपनी जिंदगी लगा दी।
इस आंदोलन की सबसे बड़ी विशेषता यह थी कि यह धार्मिक नहीं, बल्कि सांस्कृतिक अधिकारों और आत्मसम्मान का आंदोलन था। मुसलमानों ने यहाँ धर्म नहीं, बल्कि झारखंडियत को अपनी पहचान का हिस्सा बनाया।
राज्य बनने के बाद उपेक्षा का सिलसिला
15 नवंबर, 2000 को झारखंड राज्य का गठन हुआ और भाजपा के बाबूलाल मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने। परंतु नवगठित राज्य की सरकार में एक भी मुस्लिम मंत्री या विधायक नहीं था। न तो राज्यपाल प्रभात कुमार और न ही मुख्यमंत्री मरांडी ने अपने प्रारंभिक भाषणों में अल्पसंख्यकों की भूमिका या अधिकारों पर एक शब्द कहा।
यह स्थिति उस ऐतिहासिक अन्याय की ओर इशारा करती है जिसमें मुसलमानों ने तो झारखंड के निर्माण के लिए आंदोलन किया, परंतु इतिहास की किताबों और राजनीतिक मान्यता में उनका नाम तक दर्ज नहीं हुआ।
गठन के 25 साल बाद झारखंड के सामने चुनौती
झारखंड की पहचान बहुसांस्कृतिकता और साझी विरासत में निहित है। यहाँ आदिवासी, दलित, पिछड़े और मुसलमान सदियों से साथ रहते आए हैं। राज्य की स्थायी शांति और विकास के लिए यह आवश्यक है कि सरकार मुस्लिम समुदाय की ऐतिहासिक भूमिका को मान्यता दे और उन्हें राजनीतिक, शैक्षिक और प्रशासनिक प्रतिनिधित्व प्रदान करे।
सरकार को तत्काल झारखंड उर्दू अकादमी, मदरसा बोर्ड, वक्फ बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग और उर्दू निदेशालय की स्थापना करनी चाहिए। इससे न केवल मुस्लिम समाज का भरोसा बहाल होगा बल्कि राज्य की समावेशी राजनीति की जड़ें भी मज़बूत होंगी।
झारखंड की मिट्टी ने शेख भिखारी जैसे स्वतंत्रता सेनानियों को जन्म दिया, जिन्होंने अंग्रेज़ों से लोहा लिया। उसी धरती पर असमत अली और चिराग अली ने अलग राज्य की मांग उठाई। 1980 के दशक में झारखंड कौमी तहरीक ने इस आंदोलन को नई ऊर्जा दी। लेकिन आज इन नामों को जानने वाले भी कम हैं।
अब समय आ गया है कि झारखंड के इतिहास को एकतरफ़ा दृष्टि से नहीं, बल्कि उसके साझे संघर्षों और बहुलतावादी चरित्र के रूप में देखा जाए। झारखंड की असल पहचान किसी एक समुदाय की नहीं, बल्कि उन तमाम लोगों की है जिन्होंने इस भूमि की अस्मिता के लिए संघर्ष किया, जिनमें मुसलमानों का योगदान कभी भी कम नहीं रहा।
Published on November 15, 2025 08:11
November 14, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के परिणामः जीते हुए मुस्लिम उम्मीदवार, पार्टी, सीट और उनका मार्जिन
मुस्लिम उम्मीदवार विजेता
1. जोकीहाट- AIMIM – मोहम्मद मुर्शिद आलम- मार्जिन- 28803
2. बहादुरगंज- AIMIM- मोहम्मद तौसीफ आलम- मार्जिन- 28726
3. कोचादामन- AIMIM- मो. सरवर आलम- मार्जिन- 23021
4. अमौर- AIMIM- अख्तरूल ईमान- मार्जिन- 38928
5. बैसी- AIMIM- गुलाम सरवर- मार्जिन- 27251
6. किशनगंज- कांग्रेस- मो. कमरूल होदा- मार्जिन- 12794
7. बिस्फी- राजद- आसिफ अहमद- मार्जिन- 8107
8. रघुनाथपुर- राजद- ओसामा साहब- मार्जिन- 9248
9. ढाका- राजद- फैजल रहमान- मार्जिन- 178
10. अररिया- कांग्रेस- अबीदुर रहमान- मार्जिन- 12741
11. चैनपुर- जेडीयू- मो. ज़मां खान- मार्जिन 8362
दूसरे स्थान पर रहे मुस्लिम उम्मीदवार
1. अमौर – सबा जफर- जद-यू
2. बहादुरगंज- मो. मुसव्वर आलम – कांग्रेस
3. बरारी- मो. तौकीर आलम- कांग्रेस
4. बेतिया- वशी अहमद- कांग्रेस
5. बिहार शरीफ- ओमैर खान- कांग्रेस
6. गौरा बौराम- अफजल अली खान- राजद
7. जमुई- मोहम्मद शमसाद आलम- राजद
8. जोकीहाट- मंजर आलम- जद-यू
9. कदवा- शकील अहमद खान- कांग्रेस
10. कसबा- मोहम्मद इरफान आलम- कांग्रेस
11. केओटी- फराज फातमी- राजद
12. कोचादामन- मोजाहिद आलम- राजद
13. नरकटिया- शमीम अहमद- राजद
14. नाथनगर- शेख जियाउल हसन- राजद
15. प्राणपुर- इशरत परवीन- राजद
16. रफीगंज- गुलाम शाहिद- राजद
17. समस्तीपुर- अख्तरूल इस्लाम शाहीन- राजद
18. सिकटा- खुर्शीद फिरोज अहमद- निर्दलीय
19. सिमरी बख्तियारपुर- युसुफ सलाउद्दीन- राजद
20. सुरसंड- सैय्यद अबू दोजाना- राजद
21. ठाकुरगंज- गुलाम हसनैन- AIMIM
1. जोकीहाट- AIMIM – मोहम्मद मुर्शिद आलम- मार्जिन- 28803
2. बहादुरगंज- AIMIM- मोहम्मद तौसीफ आलम- मार्जिन- 28726
3. कोचादामन- AIMIM- मो. सरवर आलम- मार्जिन- 23021
4. अमौर- AIMIM- अख्तरूल ईमान- मार्जिन- 38928
5. बैसी- AIMIM- गुलाम सरवर- मार्जिन- 27251
6. किशनगंज- कांग्रेस- मो. कमरूल होदा- मार्जिन- 12794
7. बिस्फी- राजद- आसिफ अहमद- मार्जिन- 8107
8. रघुनाथपुर- राजद- ओसामा साहब- मार्जिन- 9248
9. ढाका- राजद- फैजल रहमान- मार्जिन- 178
10. अररिया- कांग्रेस- अबीदुर रहमान- मार्जिन- 12741
11. चैनपुर- जेडीयू- मो. ज़मां खान- मार्जिन 8362
दूसरे स्थान पर रहे मुस्लिम उम्मीदवार
1. अमौर – सबा जफर- जद-यू
2. बहादुरगंज- मो. मुसव्वर आलम – कांग्रेस
3. बरारी- मो. तौकीर आलम- कांग्रेस
4. बेतिया- वशी अहमद- कांग्रेस
5. बिहार शरीफ- ओमैर खान- कांग्रेस
6. गौरा बौराम- अफजल अली खान- राजद
7. जमुई- मोहम्मद शमसाद आलम- राजद
8. जोकीहाट- मंजर आलम- जद-यू
9. कदवा- शकील अहमद खान- कांग्रेस
10. कसबा- मोहम्मद इरफान आलम- कांग्रेस
11. केओटी- फराज फातमी- राजद
12. कोचादामन- मोजाहिद आलम- राजद
13. नरकटिया- शमीम अहमद- राजद
14. नाथनगर- शेख जियाउल हसन- राजद
15. प्राणपुर- इशरत परवीन- राजद
16. रफीगंज- गुलाम शाहिद- राजद
17. समस्तीपुर- अख्तरूल इस्लाम शाहीन- राजद
18. सिकटा- खुर्शीद फिरोज अहमद- निर्दलीय
19. सिमरी बख्तियारपुर- युसुफ सलाउद्दीन- राजद
20. सुरसंड- सैय्यद अबू दोजाना- राजद
21. ठाकुरगंज- गुलाम हसनैन- AIMIM
Published on November 14, 2025 08:47
बिहार विधानसभा चुनावः एनडीए की प्रचंड जीत में नीतीश के पीछे क्यों खड़ी है महिला शक्ति?
मंजीत ठाकुर
बकौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार में जनता ने गरदा उड़ा दिया. बिहार में गरदा उड़ाने का मतलब चुनावी है प्रचंड बहुमत हासिल करना. 2020 के विधानसभा चुनावों में जहां जनता दल युनाइटेड को 43 सीटें और 15.39 फीसद वोट शेयर हासिल हुआ था, वहीं 2025 के चुनावों में नीतीश कुमार भले ही भाजपा से कम सीटें हासिल कर पाएं हों पर उनके वोट शेयर में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है.
2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक जनता दल युनाइटेड को इस खबर के लिखे जाने तक 78 सीटें और 7 पर बढ़त यानी कुल 85 सीटें (यह अंतिम आंकड़े आने पर बदल सकते हैं) और 19.27 फीसद वोट मिले हैं. यानी सीधे-सीधे सीटों की संख्या दोगुनी और वोट शेयर में करीबन 4 फीसद का इजाफा!
14 नवंबर को मतगणना के बाद एनडीए-मय हुआ बिहार
बेशक, भाजपा ने पिछले चुनाव के अपने प्रदर्शन में सुधार किया है और तब के 74 सीटों के मुकाबले 2025 में 87 सीटों पर जीत चुकी है और 2 पर आगे है (यानी कुल 89). पर उसके वोट शेयर में मामूली बढ़त है.
2020 में भाजपा ने 19.46 फीसद वोट हासिल किए थे और 2025 में 20.07 यानी उसके वोट शेयर में आधे फीसद का इजाफा ही हुआ है.
अब जानकार कह रहे हैं कि महागठबंधन ने अपने लिए जिस एमवाई समीकरण पर भरोसा किया था उस पर नीतीश कुमार का एम (महिला) और वाई (यूथ) का समीकरण अधिक भारी पड़ा.
बेशक, नीतीश कुमार महिलाओं में खासे लोकप्रिय हैं और उन्होंने सभी जाति और धर्मों की महिलाओं में अपना खास वोटर तबका तैयार किया है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पार्टीवार वोट शेयर
आखिर बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार अब भी महिला मतदाताओं के बीच सबसे भरोसेमंद नेता क्यों हैं?
बिहार की राजनीति में एक दिलचस्प सामाजिक बदलाव पिछले दो दशकों में उभरा है, महिलाएँ अब सिर्फ़ वोटर नहीं, बल्कि चुनावी नतीजों को मोड़ने वाली निर्णायक शक्ति बन चुकी हैं।
बिहार की राजनीतिक समझ रखने वाले लोग जानते हैं कि राज्य की चुनावी दिशा अब सिर्फ़ जातीय समीकरणों पर नहीं चलती। पिछले 20 साल में एक नया समीकरण उभरा है- लैंगिक समीकरण। और उसमें नीतीश कुमार ने एक स्थायी जगह बनाई है।
लेकिन सवाल यह है कि आख़िर क्यों बिहार की महिला मतदाता, बार-बार और बड़े पैमाने पर, नीतीश कुमार को प्राथमिकता देती हैं?
इसका उत्तर सिर्फ़ किसी एक योजना में नहीं, बल्कि पूरे सामाजिक ढांचे में किए गए उन बदलावों में छिपा है, जिन्हें उन्होंने 2005 के बाद से लगातार आगे बढ़ाया।
आइए, नीतीश कुमार के इस वोट बैंक के “महिला समर्थन मॉडल” की परतें समझने की कोशिश करते हैं.
तालीम का रास्ता बदलने वाली ‘साइकिल’
आज की तारीख में बिहार के किसी भी सुदूर देहाती इलाके में चले जाइए, वहां की सड़कों पर एक चीज सामान्य रूप से दिखेगी. लड़कियां. साइकल चलाती स्कूली यूनिफॉर्म में सजी-धजी लड़कियां.
2005 से पहले यह अनुभव विरला ही था. अगर गांवों में स्कूल घर से दूर हुए तो लड़कियों का स्कूल से नाम कटा दिया जाता था. लेकिन बिहार में एक सरकारी योजना ने लड़कियों की शिक्षा का रास्ता बदल दिया और बिलाशक वह योजना नीतीश कुमार की थी. नीतीश ने बिहार में छात्राओं को मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत स्कूल जाने के लिए साइकिलें देनी शुरू की थी.
स्रोतः बिहार सेकेंडरी एजुकेशन डिपार्टमेंट
नीतीश कुमार साल 2005 के अक्तूबर-नवंबर के चुनाव में जीत के बाद सत्ता में आए थे और साल 2006 में नीतीश ने यह नया प्रयोग शुरू किया था. बिहार सरकार ने नवीं कक्षा में दाख़िल लड़की छात्राओं को साइकिल या साइकिल खरीदने के लिए नकद देने की नीति शुरू की तो मकसद साफ था: स्कूल तक का समय और दूरी घटाकर लड़कियों की स्कूली शिक्षा में दाखिले की दर और उनकी पढ़ाई बीच में न छूटे इसके दर को बेहतर करना.
यह न केवल एक योजना भर नहीं थी, यह कल्याणकारी हस्तक्षेप था, बल्कि इसे एक व्यावहारिक हस्तक्षेप कहना होगा जिसकी वजह से ‘स्कूल घर के करीब’ आ गया.
साल 2006 में इस योजना के तहत लड़कियों के साइकिल खरीदने के लिए नकद 2000 रुपए दिए जाते थे. लेकिन बाद में, जब डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर का चलन बढ़ा तो पैसे सीधे छात्राओं के खाते में जमा किए जाने लगे.
इस पहल को बाद में कई अर्थशास्त्रियों और विकास-विश्लेषकों ने अध्ययन का विषय बनाया. इस योजना को देश के कई अन्य राज्यों ने अपनाया. इसके असर पर दुनियाभर में अध्ययन हुए. अध्ययनों ने बताया कि साइकिल बांटने की यह योजना कन्या शिक्षा को बढ़ावा देने में कारगर रही है और न सिर्फ स्कूली शिक्षा में लड़कियों के दाखिले की दर बढ़ी है बल्कि ड्रॉप आउट दर भी कम हुई है.
बिहार की इस मुख्यमंत्री साइकिल योजना के मॉडल को जाम्बिया समेत सात अफ्रीकी देशों ने अपनाया और संयुक्त राष्ट्र ने इसे स्कूली दाखिले को बढ़ावा देने और महिला सशक्तिकरण का शानदार तरीका बताया.
हालांकि, शुरू में यह योजना सिर्फ लड़कियों के लिए थी, लेकिन बाद में लड़कों को भी साइकिल योजना में शामिल किया गया और योजना का विस्तार हुआ.
बिहार सेंकेंडरी एजुकेशन डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक, 2007 से 2024 के बीच कुल 97,94,445 (यानी लगभग 97.9 लाख) छात्राओं को मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना के अंतर्गत साइकिल प्रदान किया जा चुका है.
असल में बिहार में शिक्षा और साक्षरता का स्तर राष्ट्रीय औसत से काफी कम थे. ऐसे में, 2005 में सुशासन के नाम पर सत्ता में आई नीतीश कुमार की सरकार ने शिक्षा में सुधार लाने के लिए कुछ योजनाएं शुरू कीं. इनमें से एक था, हर पंचायत में एक हाई स्कूल खोलना और उन हाई स्कूलों तक पहुंचने के लिए बच्चों को साइकिल देना ताकि स्कूल और घर की दूरी घट सके.
बिलाशक, राज्य सरकार की इन कोशिशो ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया.
एनुएल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (एएसईआर) के साल 2006 से 2014 के बीच के आंकड़े इस बात को साबित करते हैं कि स्कूली शिक्षा में दाखिले के स्तर पर बिहार ने ऊंची छलांग लगाई थी.
2006 में यह दर 72.2 फीसद थी, जो 2011 में 90.1 फीसद हो गई. 2006 में बिहार उन सात राज्यों में शुमार था जहां 11 से 14 साल की लड़कियों में दस से अधिक प्रतिशत लड़कियां स्कूल नहीं जाती थीं. 2006 में बिहार में 17.6 फीसद लड़कियों का दाखिला स्कूल में नहीं हुआ था लेकिन 2014 में यह घटकर 5.7 फीसद और 2024 में घटकर 2.5 फीसद रह गया है.
बात इतनी ही नहीं रही, बीच में 2012-13 में पहली बार स्कूली दाखिले के मामले में लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक हो गई थी.
एक अन्य आंकड़ा काफी सुखद रूप से चौंकाने वाला भी है. 2005 की दसवीं की परीक्षा में जहां छात्राओं की संख्या केवल 25,413 थी वहीं, 2025 की मैट्रिक-परीक्षा के पहले दिन की रिपोर्ट के अनुसार उस दिन उपस्थित कुल छात्रों में 8,18,122 लड़कियाँ थीं.
बिहार की साइकिल योजना का अनुकरण 7 अफ्रीकी देशों में किया जा रहा है
और संयुक्त राष्ट्र ने भी इसकी तारीफ की है
शिक्षा का नकद-नारायण
नीतीश कुमार की लोकप्रियता सिर्फ साइकिल बांटने वाली योजना तक सीमित नहीं है. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना जन्म से लेकर स्नातक होने तक क्रमिक किस्तों में लड़कियों को सहायता देती है; जिसकी राशि 94,100 रुपए है। ग्रेजुएट पास करने वाली लड़कियों के लिए स्नातक-प्रोत्साहन की अलग कैटेगरी भी है।
मुख्यमंत्री स्नातक प्रोत्साहन योजना के तहत ग्रेजुएट होने वाली लड़कियों को 50 हजार रुपए का नकद प्रोत्साहन दिया जाता है, जबकि बारहवी पास करने वाली लड़कियों के लिए अलग कैटेगरी में 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन दिया जाता है.
बिहार में लड़की की पढ़ाई अक्सर आर्थिक कारणों से छूट जाती थी, कॉपी-किताब से लेकर कॉलेज फीस तक हर पड़ाव पर मुश्किलें थीं। इस स्थिति को बदलने के लिए सरकार ने एक पूरा पैकेज तैयार किया. यह उस राज्य में बड़ा बदलाव था जहाँ माता-पिता अक्सर कहते थे, “लड़की है, ज़्यादा पढ़ाई का क्या फायदा?”
बहरहाल, अब जब डिग्री मिलने पर बैंक खाते में सीधा 50 हजार नकद आता है, तो परिवार का नज़रिया भी बदलता है। इसका राजनीतिक असर यह हुआ कि लाखों युवा महिलाएँ और उनके परिवार नीतीश कुमार को ‘लड़कियों का भविष्य सुरक्षित करने वाले नेता’ के रूप में देखने लगे।
आधी आबादी को सत्ता की चाबी
2006 में नीतीश कुमार ने पंचायतों में महिलाओं को 50 फीस आरक्षण दिया। यह कदम भारतीय राजनीति में पहली बार देखा गया था। इसका प्रभाव सिर्फ़ चुनावी नहीं था, इसने गाँवों की राजनीति को घरों तक पहुँचा दिया।
नीतीश कुमार के इस नीतिगत फैसले से हज़ारों महिलाएँ मुखिया, वार्ड सदस्य, जिला परिषद सदस्य बनीं। घर-गृहस्थी संभालने वाली महिलाएँ अब सार्वजनिक मुद्दों पर बोलने लगीं. स्थानीय सत्ता में महिलाओं की निर्णायक भूमिका बनी.
नतीजतन, ग्रामीण इलाकों की महिलाओं ने नीतीश कुमार को सिर्फ़ मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि अपने राजनीतिक अस्तित्व का निर्माता माना। उनका यह समर्थन आज भी कायम है।
महिला वोटरों के बीच नीतीश कुमार की इमेज अलग शराबबंदी की वजह से भी बनी है. सूबे की लाखों महिलाओं के घरों में शराबबंदी की वजह से शांति आई है. इसके अलावा, हर घर नल का जल, हर घर शौचालय, बिजली-कनेक्शन और गृह निर्माण सहायता जैसी योजनाओं ने नीतीश कुमार के लिए अपनी जाति-बिरादरी के बाहर महिलाओं का एक ऐसा वोटबैंक तैयार करने में मदद की, जो वोट देते समय जाति और धर्म नहीं देखती (या कम से कम नीतीश कुमार का यही दावा है)
नीतीश कुमार के साल 2000 में सात दिन और फिर 2005 के बाद से बिहार के हर चुनाव और हर सरकार में प्रासंगिक बने रहने के पीछे इसी नारीशक्ति का कमाल है.
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बकौल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बिहार में जनता ने गरदा उड़ा दिया. बिहार में गरदा उड़ाने का मतलब चुनावी है प्रचंड बहुमत हासिल करना. 2020 के विधानसभा चुनावों में जहां जनता दल युनाइटेड को 43 सीटें और 15.39 फीसद वोट शेयर हासिल हुआ था, वहीं 2025 के चुनावों में नीतीश कुमार भले ही भाजपा से कम सीटें हासिल कर पाएं हों पर उनके वोट शेयर में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है.
2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक जनता दल युनाइटेड को इस खबर के लिखे जाने तक 78 सीटें और 7 पर बढ़त यानी कुल 85 सीटें (यह अंतिम आंकड़े आने पर बदल सकते हैं) और 19.27 फीसद वोट मिले हैं. यानी सीधे-सीधे सीटों की संख्या दोगुनी और वोट शेयर में करीबन 4 फीसद का इजाफा!
14 नवंबर को मतगणना के बाद एनडीए-मय हुआ बिहारबेशक, भाजपा ने पिछले चुनाव के अपने प्रदर्शन में सुधार किया है और तब के 74 सीटों के मुकाबले 2025 में 87 सीटों पर जीत चुकी है और 2 पर आगे है (यानी कुल 89). पर उसके वोट शेयर में मामूली बढ़त है.
2020 में भाजपा ने 19.46 फीसद वोट हासिल किए थे और 2025 में 20.07 यानी उसके वोट शेयर में आधे फीसद का इजाफा ही हुआ है.
अब जानकार कह रहे हैं कि महागठबंधन ने अपने लिए जिस एमवाई समीकरण पर भरोसा किया था उस पर नीतीश कुमार का एम (महिला) और वाई (यूथ) का समीकरण अधिक भारी पड़ा.
बेशक, नीतीश कुमार महिलाओं में खासे लोकप्रिय हैं और उन्होंने सभी जाति और धर्मों की महिलाओं में अपना खास वोटर तबका तैयार किया है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 पार्टीवार वोट शेयरआखिर बिहार की राजनीति में नीतीश कुमार अब भी महिला मतदाताओं के बीच सबसे भरोसेमंद नेता क्यों हैं?
बिहार की राजनीति में एक दिलचस्प सामाजिक बदलाव पिछले दो दशकों में उभरा है, महिलाएँ अब सिर्फ़ वोटर नहीं, बल्कि चुनावी नतीजों को मोड़ने वाली निर्णायक शक्ति बन चुकी हैं।
बिहार की राजनीतिक समझ रखने वाले लोग जानते हैं कि राज्य की चुनावी दिशा अब सिर्फ़ जातीय समीकरणों पर नहीं चलती। पिछले 20 साल में एक नया समीकरण उभरा है- लैंगिक समीकरण। और उसमें नीतीश कुमार ने एक स्थायी जगह बनाई है।
लेकिन सवाल यह है कि आख़िर क्यों बिहार की महिला मतदाता, बार-बार और बड़े पैमाने पर, नीतीश कुमार को प्राथमिकता देती हैं?
इसका उत्तर सिर्फ़ किसी एक योजना में नहीं, बल्कि पूरे सामाजिक ढांचे में किए गए उन बदलावों में छिपा है, जिन्हें उन्होंने 2005 के बाद से लगातार आगे बढ़ाया।
आइए, नीतीश कुमार के इस वोट बैंक के “महिला समर्थन मॉडल” की परतें समझने की कोशिश करते हैं.
तालीम का रास्ता बदलने वाली ‘साइकिल’
आज की तारीख में बिहार के किसी भी सुदूर देहाती इलाके में चले जाइए, वहां की सड़कों पर एक चीज सामान्य रूप से दिखेगी. लड़कियां. साइकल चलाती स्कूली यूनिफॉर्म में सजी-धजी लड़कियां.
2005 से पहले यह अनुभव विरला ही था. अगर गांवों में स्कूल घर से दूर हुए तो लड़कियों का स्कूल से नाम कटा दिया जाता था. लेकिन बिहार में एक सरकारी योजना ने लड़कियों की शिक्षा का रास्ता बदल दिया और बिलाशक वह योजना नीतीश कुमार की थी. नीतीश ने बिहार में छात्राओं को मुख्यमंत्री साइकिल योजना के तहत स्कूल जाने के लिए साइकिलें देनी शुरू की थी.
स्रोतः बिहार सेकेंडरी एजुकेशन डिपार्टमेंटनीतीश कुमार साल 2005 के अक्तूबर-नवंबर के चुनाव में जीत के बाद सत्ता में आए थे और साल 2006 में नीतीश ने यह नया प्रयोग शुरू किया था. बिहार सरकार ने नवीं कक्षा में दाख़िल लड़की छात्राओं को साइकिल या साइकिल खरीदने के लिए नकद देने की नीति शुरू की तो मकसद साफ था: स्कूल तक का समय और दूरी घटाकर लड़कियों की स्कूली शिक्षा में दाखिले की दर और उनकी पढ़ाई बीच में न छूटे इसके दर को बेहतर करना.
यह न केवल एक योजना भर नहीं थी, यह कल्याणकारी हस्तक्षेप था, बल्कि इसे एक व्यावहारिक हस्तक्षेप कहना होगा जिसकी वजह से ‘स्कूल घर के करीब’ आ गया.
साल 2006 में इस योजना के तहत लड़कियों के साइकिल खरीदने के लिए नकद 2000 रुपए दिए जाते थे. लेकिन बाद में, जब डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर का चलन बढ़ा तो पैसे सीधे छात्राओं के खाते में जमा किए जाने लगे.
इस पहल को बाद में कई अर्थशास्त्रियों और विकास-विश्लेषकों ने अध्ययन का विषय बनाया. इस योजना को देश के कई अन्य राज्यों ने अपनाया. इसके असर पर दुनियाभर में अध्ययन हुए. अध्ययनों ने बताया कि साइकिल बांटने की यह योजना कन्या शिक्षा को बढ़ावा देने में कारगर रही है और न सिर्फ स्कूली शिक्षा में लड़कियों के दाखिले की दर बढ़ी है बल्कि ड्रॉप आउट दर भी कम हुई है.
बिहार की इस मुख्यमंत्री साइकिल योजना के मॉडल को जाम्बिया समेत सात अफ्रीकी देशों ने अपनाया और संयुक्त राष्ट्र ने इसे स्कूली दाखिले को बढ़ावा देने और महिला सशक्तिकरण का शानदार तरीका बताया.
हालांकि, शुरू में यह योजना सिर्फ लड़कियों के लिए थी, लेकिन बाद में लड़कों को भी साइकिल योजना में शामिल किया गया और योजना का विस्तार हुआ.
बिहार सेंकेंडरी एजुकेशन डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक, 2007 से 2024 के बीच कुल 97,94,445 (यानी लगभग 97.9 लाख) छात्राओं को मुख्यमंत्री बालिका साइकिल योजना के अंतर्गत साइकिल प्रदान किया जा चुका है.
असल में बिहार में शिक्षा और साक्षरता का स्तर राष्ट्रीय औसत से काफी कम थे. ऐसे में, 2005 में सुशासन के नाम पर सत्ता में आई नीतीश कुमार की सरकार ने शिक्षा में सुधार लाने के लिए कुछ योजनाएं शुरू कीं. इनमें से एक था, हर पंचायत में एक हाई स्कूल खोलना और उन हाई स्कूलों तक पहुंचने के लिए बच्चों को साइकिल देना ताकि स्कूल और घर की दूरी घट सके.
बिलाशक, राज्य सरकार की इन कोशिशो ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया.
एनुएल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (एएसईआर) के साल 2006 से 2014 के बीच के आंकड़े इस बात को साबित करते हैं कि स्कूली शिक्षा में दाखिले के स्तर पर बिहार ने ऊंची छलांग लगाई थी.
2006 में यह दर 72.2 फीसद थी, जो 2011 में 90.1 फीसद हो गई. 2006 में बिहार उन सात राज्यों में शुमार था जहां 11 से 14 साल की लड़कियों में दस से अधिक प्रतिशत लड़कियां स्कूल नहीं जाती थीं. 2006 में बिहार में 17.6 फीसद लड़कियों का दाखिला स्कूल में नहीं हुआ था लेकिन 2014 में यह घटकर 5.7 फीसद और 2024 में घटकर 2.5 फीसद रह गया है.
बात इतनी ही नहीं रही, बीच में 2012-13 में पहली बार स्कूली दाखिले के मामले में लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक हो गई थी.
एक अन्य आंकड़ा काफी सुखद रूप से चौंकाने वाला भी है. 2005 की दसवीं की परीक्षा में जहां छात्राओं की संख्या केवल 25,413 थी वहीं, 2025 की मैट्रिक-परीक्षा के पहले दिन की रिपोर्ट के अनुसार उस दिन उपस्थित कुल छात्रों में 8,18,122 लड़कियाँ थीं.
बिहार की साइकिल योजना का अनुकरण 7 अफ्रीकी देशों में किया जा रहा है और संयुक्त राष्ट्र ने भी इसकी तारीफ की है
शिक्षा का नकद-नारायण
नीतीश कुमार की लोकप्रियता सिर्फ साइकिल बांटने वाली योजना तक सीमित नहीं है. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना जन्म से लेकर स्नातक होने तक क्रमिक किस्तों में लड़कियों को सहायता देती है; जिसकी राशि 94,100 रुपए है। ग्रेजुएट पास करने वाली लड़कियों के लिए स्नातक-प्रोत्साहन की अलग कैटेगरी भी है।
मुख्यमंत्री स्नातक प्रोत्साहन योजना के तहत ग्रेजुएट होने वाली लड़कियों को 50 हजार रुपए का नकद प्रोत्साहन दिया जाता है, जबकि बारहवी पास करने वाली लड़कियों के लिए अलग कैटेगरी में 10 हजार रुपए की प्रोत्साहन दिया जाता है.
बिहार में लड़की की पढ़ाई अक्सर आर्थिक कारणों से छूट जाती थी, कॉपी-किताब से लेकर कॉलेज फीस तक हर पड़ाव पर मुश्किलें थीं। इस स्थिति को बदलने के लिए सरकार ने एक पूरा पैकेज तैयार किया. यह उस राज्य में बड़ा बदलाव था जहाँ माता-पिता अक्सर कहते थे, “लड़की है, ज़्यादा पढ़ाई का क्या फायदा?”
बहरहाल, अब जब डिग्री मिलने पर बैंक खाते में सीधा 50 हजार नकद आता है, तो परिवार का नज़रिया भी बदलता है। इसका राजनीतिक असर यह हुआ कि लाखों युवा महिलाएँ और उनके परिवार नीतीश कुमार को ‘लड़कियों का भविष्य सुरक्षित करने वाले नेता’ के रूप में देखने लगे।
आधी आबादी को सत्ता की चाबी
2006 में नीतीश कुमार ने पंचायतों में महिलाओं को 50 फीस आरक्षण दिया। यह कदम भारतीय राजनीति में पहली बार देखा गया था। इसका प्रभाव सिर्फ़ चुनावी नहीं था, इसने गाँवों की राजनीति को घरों तक पहुँचा दिया।
नीतीश कुमार के इस नीतिगत फैसले से हज़ारों महिलाएँ मुखिया, वार्ड सदस्य, जिला परिषद सदस्य बनीं। घर-गृहस्थी संभालने वाली महिलाएँ अब सार्वजनिक मुद्दों पर बोलने लगीं. स्थानीय सत्ता में महिलाओं की निर्णायक भूमिका बनी.
नतीजतन, ग्रामीण इलाकों की महिलाओं ने नीतीश कुमार को सिर्फ़ मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि अपने राजनीतिक अस्तित्व का निर्माता माना। उनका यह समर्थन आज भी कायम है।
महिला वोटरों के बीच नीतीश कुमार की इमेज अलग शराबबंदी की वजह से भी बनी है. सूबे की लाखों महिलाओं के घरों में शराबबंदी की वजह से शांति आई है. इसके अलावा, हर घर नल का जल, हर घर शौचालय, बिजली-कनेक्शन और गृह निर्माण सहायता जैसी योजनाओं ने नीतीश कुमार के लिए अपनी जाति-बिरादरी के बाहर महिलाओं का एक ऐसा वोटबैंक तैयार करने में मदद की, जो वोट देते समय जाति और धर्म नहीं देखती (या कम से कम नीतीश कुमार का यही दावा है)
नीतीश कुमार के साल 2000 में सात दिन और फिर 2005 के बाद से बिहार के हर चुनाव और हर सरकार में प्रासंगिक बने रहने के पीछे इसी नारीशक्ति का कमाल है.
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Published on November 14, 2025 08:34
June 23, 2025
मुख्य समाचारः 23 जून, 2025 की सुर्खियां
1. ‘आप’ ने पंजाब, गुजरात में दो सीट बरकरार रखीं, केरल में यूडीएफ ने वाम मोर्चा से नीलांबुर सीट छीनी
चार राज्यों में हुए विधानसभा उपचुनावों में सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के गोपाल इटालिया ने गुजरात की विसावदर सीट पर जीत दर्ज की वहीं उनकी पार्टी ने पंजाब में लुधियाना पश्चिम सीट भी बरकरार रखी, जबकि केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ ने सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) से नीलांबुर सीट छीन ली.
दो सीट जीतने के बाद उत्साहित आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात और पंजाब उपचुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की सराहना की और इसे “2027 का सेमीफाइनल” बताते हुए कहा कि स्पष्ट संकेत है कि मतदाता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों को खारिज कर देंगे.
गुजरात विधानसभा की कडी और विसावदर सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
2. विपक्ष को महत्व नहीं देते प्रधानमंत्री, जनता इस रवैये को बर्दाश्त नहीं करेगी: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सर्वदलीय बैठकों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल नहीं होने को लेकर सोमवार को उन पर विपक्ष को महत्व नहीं देने का आरोप लगाया और कहा कि यदि प्रधानमंत्री विपक्ष को कमजोर करने की कोशिश करते हैं, तो जनता इसे सहन नहीं करेगी.
3. कांग्रेस ने कहा, सरकार में नैतिक साहस नहीं
कांग्रेस ने गुजरात के दाहोद लोकोमोटिव विनिर्माण संयंत्र परियोजना से जुड़ी निविदा प्रक्रिया को लेकर सोमवार को सवाल खड़े किए और इस मामले की संसदीय समिति से जांच की मांग की। साथ ही कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले तथा "इजराइली आक्रामकता" की आलोचना या निंदा नहीं की है और वह गाजा में "नरसंहार" पर भी चुप है. सरकार को नैतिक साहस दिखाना चाहिए
4. प्रधानमंत्री का बहुआयामी व्यक्तित्व, वैश्विक मंच पर भारत के लिए अहम पूंजी : थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऊर्जा, उनका बहुआयामी व्यक्तित्व और संवाद की तत्परता वैश्विक मंच पर भारत के लिए एक ‘‘अहम पूंजी’’ बनी हुई है, लेकिन इसे अधिक सहयोग एवं समर्थन की जरूरत है.
5. भारत, अमेरिका नौ जुलाई से पहले अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश में : सूत्र
भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत जारी है और दोनों देशों की कोशिश है कि नौ जुलाई से पहले इस समझौते को अंतिम रूप दे दिया जाए.
6. पानी नहीं देगा भारत तो पाकिस्तान युद्ध करेगा : बिलावल भुट्टो
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने सोमवार को कहा कि यदि भारत सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के तहत इस्लामाबाद को पानी का उचित हिस्सा देने से इनकार करता है, तो उनका देश युद्ध की ओर बढ़ेगा.
7, सपा के तीन विधायक पार्टी से निष्कासित, विधायकों ने की आलोचना
समाजवादी पार्टी (सपा) ने तीन बागी विधायकों-- अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज कुमार पांडेय को सोमवार को निष्कासित कर दिया.
8, पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध एक महीने बढ़ाया
पाकिस्तान के प्राधिकारों ने भारतीय विमानों के लिए हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध को एक और महीने के लिए बढ़ाने की सोमवार को घोषणा की।
9. ईरान-इजराइल संघर्ष : दोनों देशों ने एक-दूसरे के ठिकानों को बनाया निशाना
दुबई, इजराइल ने सोमवार को तेहरान में ईरानी सरकार के ठिकानों पर कई हमले किए, वहीं इजराइली सेना ने भी पुष्टि की कि उसने ईरान के फोर्दो संवर्धन प्रतिष्ठान तक पहुंच को बाधित करने के लिए उसके आसपास की सड़कों पर हमला किया।
10. पंत और राहुल की हीरोगीरी, क्या अंगरेजों से वसूल पाएंगे डोगून्ना लग्गान!
सलामी बल्लेबाज केएल राहुल (137 रन) और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (118 रन) से शतकों से भारत ने सोमवार को यहां इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में लगभग मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है. भारत की पारी 364 रनों पर खत्म हुई. इग्लैंड को जीत के लिए 371 रनों की दरकार है.
#newsupdate
चार राज्यों में हुए विधानसभा उपचुनावों में सोमवार को आम आदमी पार्टी (आप) के गोपाल इटालिया ने गुजरात की विसावदर सीट पर जीत दर्ज की वहीं उनकी पार्टी ने पंजाब में लुधियाना पश्चिम सीट भी बरकरार रखी, जबकि केरल में कांग्रेस नीत यूडीएफ ने सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) से नीलांबुर सीट छीन ली.
दो सीट जीतने के बाद उत्साहित आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने गुजरात और पंजाब उपचुनावों में पार्टी के प्रदर्शन की सराहना की और इसे “2027 का सेमीफाइनल” बताते हुए कहा कि स्पष्ट संकेत है कि मतदाता भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस दोनों को खारिज कर देंगे.
गुजरात विधानसभा की कडी और विसावदर सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस को मिली हार के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
2. विपक्ष को महत्व नहीं देते प्रधानमंत्री, जनता इस रवैये को बर्दाश्त नहीं करेगी: खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद सर्वदलीय बैठकों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शामिल नहीं होने को लेकर सोमवार को उन पर विपक्ष को महत्व नहीं देने का आरोप लगाया और कहा कि यदि प्रधानमंत्री विपक्ष को कमजोर करने की कोशिश करते हैं, तो जनता इसे सहन नहीं करेगी.
3. कांग्रेस ने कहा, सरकार में नैतिक साहस नहीं
कांग्रेस ने गुजरात के दाहोद लोकोमोटिव विनिर्माण संयंत्र परियोजना से जुड़ी निविदा प्रक्रिया को लेकर सोमवार को सवाल खड़े किए और इस मामले की संसदीय समिति से जांच की मांग की। साथ ही कांग्रेस ने कहा कि मोदी सरकार ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले तथा "इजराइली आक्रामकता" की आलोचना या निंदा नहीं की है और वह गाजा में "नरसंहार" पर भी चुप है. सरकार को नैतिक साहस दिखाना चाहिए
4. प्रधानमंत्री का बहुआयामी व्यक्तित्व, वैश्विक मंच पर भारत के लिए अहम पूंजी : थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ऊर्जा, उनका बहुआयामी व्यक्तित्व और संवाद की तत्परता वैश्विक मंच पर भारत के लिए एक ‘‘अहम पूंजी’’ बनी हुई है, लेकिन इसे अधिक सहयोग एवं समर्थन की जरूरत है.
5. भारत, अमेरिका नौ जुलाई से पहले अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिश में : सूत्र
भारत और अमेरिका के बीच अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत जारी है और दोनों देशों की कोशिश है कि नौ जुलाई से पहले इस समझौते को अंतिम रूप दे दिया जाए.
6. पानी नहीं देगा भारत तो पाकिस्तान युद्ध करेगा : बिलावल भुट्टो
पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी ने सोमवार को कहा कि यदि भारत सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) के तहत इस्लामाबाद को पानी का उचित हिस्सा देने से इनकार करता है, तो उनका देश युद्ध की ओर बढ़ेगा.
7, सपा के तीन विधायक पार्टी से निष्कासित, विधायकों ने की आलोचना
समाजवादी पार्टी (सपा) ने तीन बागी विधायकों-- अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज कुमार पांडेय को सोमवार को निष्कासित कर दिया.
8, पाकिस्तान ने भारतीय विमानों के लिए हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध एक महीने बढ़ाया
पाकिस्तान के प्राधिकारों ने भारतीय विमानों के लिए हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध को एक और महीने के लिए बढ़ाने की सोमवार को घोषणा की।
9. ईरान-इजराइल संघर्ष : दोनों देशों ने एक-दूसरे के ठिकानों को बनाया निशाना
दुबई, इजराइल ने सोमवार को तेहरान में ईरानी सरकार के ठिकानों पर कई हमले किए, वहीं इजराइली सेना ने भी पुष्टि की कि उसने ईरान के फोर्दो संवर्धन प्रतिष्ठान तक पहुंच को बाधित करने के लिए उसके आसपास की सड़कों पर हमला किया।
10. पंत और राहुल की हीरोगीरी, क्या अंगरेजों से वसूल पाएंगे डोगून्ना लग्गान!
सलामी बल्लेबाज केएल राहुल (137 रन) और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (118 रन) से शतकों से भारत ने सोमवार को यहां इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में लगभग मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया है. भारत की पारी 364 रनों पर खत्म हुई. इग्लैंड को जीत के लिए 371 रनों की दरकार है.
#newsupdate
Published on June 23, 2025 10:17
June 22, 2025
22 जून 2025 के मुख्य समाचार
मुख्य समाचार/ 22 जून, 2025
1. इजराइल-ईरान के बीच युद्ध में कूदा अमेरिका, तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किएइजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध में अब अमेरिका भी कूद पड़ा है. ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के मकसद से इजराइल की ओर से शुरू किए गए हमलों को मजबूती प्रदान करते हुए अमेरिका ने रविवार तड़के तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किए. अमेरिका के रक्षामंत्री पीट हेगसेथ ने रविवार को कहा कि ईरान-इजराइल युद्ध में अमेरिकी हस्तक्षेप सीमित है.
इधर, ईरान ने अपने तीन प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिका द्वारा की गई बमबारी का बदला लेने का संकल्प लेते हुए कहा कि अमेरिकी हमलों के ‘दीर्घकालिक परिणाम’ होंगे.
ईरान पर हुए अमेरिकी हमले के बाद ब्रिटेन ने साफ कर दिया कि हमले में हम शामिल नहीं, लेकिन पहले से सूचना थी.
Members from the Popular Mobilization Forces carrying the coffin of Hussein Khalil, a former aide to the late Hezbollah Secretary-General Hassan Nasrallah who killed with Iraqi commander Haider al-Moussawi from Kataeb Sayyed Al-Shuhada
by an Israeli airstrike inside Iran, in Baghdad, Iraq, Sunday, June 22, 2025.
2. मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति पेजेशकियान के साथ फोन पर बातचीत में तनाव कम करने का आह्वान किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से बातचीत की तथा ईरान एवं इजराइल के बीच संघर्ष को लेकर भारत की ओर से ‘गहरी चिंता’ जतायी और तनाव को ‘संवाद एवं कूटनीति’ के माध्यम से तत्काल कम करने की अपील की. इस युद्ध के संकट के बीच ईरान से 311 भारतीयों को लेकर एक अन्य उड़ान पहुंची दिल्ली, अबतक 1400 से अधिक लोग निकाले गये.
3. ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिका का हमला ‘गैर जिम्मेदाराना’ : रूसईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले को रूस ने ‘‘गैर-जिम्मेदाराना’’ करार देते हुए रविवार को इसकी कड़ी निंदा की और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का ‘‘घोर उल्लंघन’’ है।
4. राजा रघुवंशी हत्याकांड : सबूत छिपाने के आरोप में रियल एस्टेट कारोबारी और सुरक्षा गार्ड गिरफ्तारबहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड के सबूत छिपाने के आरोप में मेघालय पुलिस ने मध्यप्रदेश के अलग-अलग इलाकों से एक रियल एस्टेट कारोबारी और एक सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया है.
5. पश्चिम एशिया में तनाव के बीच एयर इंडिया समूह का ईरान, इराक, इजरायल के हवाई क्षेत्र से परहेज
एयर इंडिया समूह पश्चिम एशिया में कुछ हवाई क्षेत्रों से परहेज कर रहा है, जिसके चलते उड़ानों की अवधि लंबी हो रही है, जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस बदलती स्थिति के कारण कुछ सेवाओं को रद्द कर रही है.
6. होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने से भारत की ऊर्जा खरीद पर असर पड़ेगा: विशेषज्ञ
फारस की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ने वाला पतला जलमार्ग होर्मुज जलडमरूमध्य बंद हुआ तो इसका भारत की ऊर्जा सुरक्षा सहित वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर काफी प्रभाव होगा। रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञों ने रविवार को यह बात कही.
7. जस्सी जैसा कोई नहीं.
लीड्स, हैरी ब्रूक (99) एक रन से शतक से चूक गए जिसके बाद जसप्रीत बुमराह ने पांच विकेट चटकाते हुए इंग्लैंड को पहली पारी में 465 रन पर समेटकर भारत को पहले क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन चाय तक पहली पारी के आधार पर छह रन की मामूली बढ़त दिलाई. इधर, भारत ने दूसरी पारी में 86 रनों पर दो विकेट खो दिए हैं. पहली पारी के शतकवीर यशस्वी जायसवाल सिर्फ 4 बनाकर आऊट हुए तो पहली बार में सुनहरे अंडे के साथ आउट होने वाले और अपना पहला टेस्ट खेल रहने साई सुदर्शन ने 30 रन बनाकर पवेलियन का रुख किया.
8. पैरा पावरलिफ्टिंग विश्व कप के पहले दिन भारत ने चार पदक जीते
भारत ने बीजिंग में चल रहे पैरा पावरलिफ्टिंग विश्व कप के पहले दिन एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य सहित चार पदक जीतकर दमदार प्रदर्शन किया.
1. इजराइल-ईरान के बीच युद्ध में कूदा अमेरिका, तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किएइजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध में अब अमेरिका भी कूद पड़ा है. ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के मकसद से इजराइल की ओर से शुरू किए गए हमलों को मजबूती प्रदान करते हुए अमेरिका ने रविवार तड़के तीन ईरानी परमाणु केंद्रों पर हमले किए. अमेरिका के रक्षामंत्री पीट हेगसेथ ने रविवार को कहा कि ईरान-इजराइल युद्ध में अमेरिकी हस्तक्षेप सीमित है.
इधर, ईरान ने अपने तीन प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिका द्वारा की गई बमबारी का बदला लेने का संकल्प लेते हुए कहा कि अमेरिकी हमलों के ‘दीर्घकालिक परिणाम’ होंगे.
ईरान पर हुए अमेरिकी हमले के बाद ब्रिटेन ने साफ कर दिया कि हमले में हम शामिल नहीं, लेकिन पहले से सूचना थी.
Members from the Popular Mobilization Forces carrying the coffin of Hussein Khalil, a former aide to the late Hezbollah Secretary-General Hassan Nasrallah who killed with Iraqi commander Haider al-Moussawi from Kataeb Sayyed Al-Shuhadaby an Israeli airstrike inside Iran, in Baghdad, Iraq, Sunday, June 22, 2025.
2. मोदी ने ईरान के राष्ट्रपति पेजेशकियान के साथ फोन पर बातचीत में तनाव कम करने का आह्वान किया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान से बातचीत की तथा ईरान एवं इजराइल के बीच संघर्ष को लेकर भारत की ओर से ‘गहरी चिंता’ जतायी और तनाव को ‘संवाद एवं कूटनीति’ के माध्यम से तत्काल कम करने की अपील की. इस युद्ध के संकट के बीच ईरान से 311 भारतीयों को लेकर एक अन्य उड़ान पहुंची दिल्ली, अबतक 1400 से अधिक लोग निकाले गये.
3. ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिका का हमला ‘गैर जिम्मेदाराना’ : रूसईरान के तीन परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमले को रूस ने ‘‘गैर-जिम्मेदाराना’’ करार देते हुए रविवार को इसकी कड़ी निंदा की और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र घोषणा पत्र तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का ‘‘घोर उल्लंघन’’ है।
4. राजा रघुवंशी हत्याकांड : सबूत छिपाने के आरोप में रियल एस्टेट कारोबारी और सुरक्षा गार्ड गिरफ्तारबहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड के सबूत छिपाने के आरोप में मेघालय पुलिस ने मध्यप्रदेश के अलग-अलग इलाकों से एक रियल एस्टेट कारोबारी और एक सुरक्षा गार्ड को गिरफ्तार किया है.
5. पश्चिम एशिया में तनाव के बीच एयर इंडिया समूह का ईरान, इराक, इजरायल के हवाई क्षेत्र से परहेज
एयर इंडिया समूह पश्चिम एशिया में कुछ हवाई क्षेत्रों से परहेज कर रहा है, जिसके चलते उड़ानों की अवधि लंबी हो रही है, जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस बदलती स्थिति के कारण कुछ सेवाओं को रद्द कर रही है.
6. होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने से भारत की ऊर्जा खरीद पर असर पड़ेगा: विशेषज्ञ
फारस की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ने वाला पतला जलमार्ग होर्मुज जलडमरूमध्य बंद हुआ तो इसका भारत की ऊर्जा सुरक्षा सहित वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर काफी प्रभाव होगा। रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञों ने रविवार को यह बात कही.
7. जस्सी जैसा कोई नहीं.
लीड्स, हैरी ब्रूक (99) एक रन से शतक से चूक गए जिसके बाद जसप्रीत बुमराह ने पांच विकेट चटकाते हुए इंग्लैंड को पहली पारी में 465 रन पर समेटकर भारत को पहले क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन चाय तक पहली पारी के आधार पर छह रन की मामूली बढ़त दिलाई. इधर, भारत ने दूसरी पारी में 86 रनों पर दो विकेट खो दिए हैं. पहली पारी के शतकवीर यशस्वी जायसवाल सिर्फ 4 बनाकर आऊट हुए तो पहली बार में सुनहरे अंडे के साथ आउट होने वाले और अपना पहला टेस्ट खेल रहने साई सुदर्शन ने 30 रन बनाकर पवेलियन का रुख किया.
8. पैरा पावरलिफ्टिंग विश्व कप के पहले दिन भारत ने चार पदक जीते
भारत ने बीजिंग में चल रहे पैरा पावरलिफ्टिंग विश्व कप के पहले दिन एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य सहित चार पदक जीतकर दमदार प्रदर्शन किया.
Published on June 22, 2025 10:19
June 21, 2025
21 जून 2025 के मुख्य समाचार
मुख्य समाचार/ 21 जून
1. दुनिया तनाव से गुजर रही है, योग से हमें शांति की दिशा मिलती है: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है, कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है और ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है.
2. नए विचारों के बिना प्रधानमंत्री ने ‘सरेंडर’ कर दिया: राहुल गांधी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश में विनिर्माण रिकॉर्ड निचले स्तर पर है और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं को सिर्फ ‘असेंबल’ और आयात किया जा रहा है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे बदलाव कांग्रेस नेता को नहीं दिख रहे क्योंकि वह ‘‘भारत की प्रगति को कमतर आंकने’’ में व्यस्त हैं.
3. ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत ईरान से और 256 भारतीय छात्र दिल्ली लाये गए
महान एयर का एक विमान 256 भारतीय छात्रों को लेकर शनिवार को दिल्ली हवाई अड्डा पर सुरक्षित उतरा, जिससे उनके चिंतित परिजनों को काफी राहत मिली है. इन छात्रों में ज्यादातर कश्मीर घाटी से हैं.
4. मोदी सरकार ने पश्चिम एशिया पर भारत के सैद्धांतिक रुख को त्यागा, अब भी संवाद के लिए प्रयास करे: सोनिया
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने गाजा की स्थिति और इजराइल-ईरान सैन्य संघर्ष पर चुप्पी साधते हुए भारत के सैद्धांतिक रुख और मूल्यों को त्याग दिया है.
5. उत्तर प्रदेश: मौलाना ने इस्लाम में सूर्य नमस्कार को हराम बताया, मंत्री ने कहा- छोटी मानसिकता वाली बात
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने शनिवार को कहा कि सूर्य नमस्कार एक तरह से सनातन धर्म, यानी हिंदुओं का तरीका है, जो इस्लाम के हिसाब से हराम है.
6. मतभेद भुलाकर साथ काम करें कर्नाटक भाजपाः अमित शाह
आगामी दिनों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए ‘‘अच्छे अवसरों’’ को देखते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के नेताओं से सभी पुराने मतभेदों को भुलाकर एकजुटता का आह्वान किया है.
7. भारत माता विवाद के कारण केरल में सड़कों पर प्रदर्शन
केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को लेकर भारत माता की तस्वीर पर उठे विवाद के कारण शनिवार को विरोध प्रदर्शन और तीखी बयानबाजी हुई। इससे पहले प्रदेश में सत्तारूढ़ माकपा के आधिकारिक मुखपत्र में राजभवन के खिलाफ एक कड़ा संपादकीय प्रकाशित किया गया।
8. इजराइल ने ईरान के परमाणु अनुसंधान केन्द्र पर हमला किया, दूसरे सप्ताह भी जारी युद्ध
इजराइल की सेना ने शनिवार को कहा कि उसने बीती रात ईरान की परमाणु अनुसंधान सुविधा पर हमला किया और निशाना बनाकर किए गए हमलों में तीन वरिष्ठ ईरानी कमांडरों की मौत हो गई.
9. डीजीसीए ने 2024 से एयर इंडिया के निरीक्षणों, लेखा परीक्षा का ब्योरा मांगा: सूत्र
विमानन सुरक्षा नियामक डीजीसीए ने उड़ान संचालन निरीक्षकों से 2024 से एयर इंडिया के लिए किए गए सभी निरीक्षणों और लेखा परीक्षा का ब्योरा देने को कहा है.
10. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में व्यापार में राष्ट्रीय मुद्राओं के अधिक उपयोग पर ध्यान देने की संभावना
ब्रिक्स समूह के शीर्ष नेताओं के शिखर वार्ता के लिए रियो डी जेनेरियो में पहुंचने के कुछ सप्ताह पहले समूह के प्रमुख सदस्य देशों के दूतों ने संकेत दिया कि ट्रंप प्रशासन की शुल्क पर आक्रामक नीति के मद्देनजर वे व्यापार के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं के अधिक उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.
11. लीड्स टेस्ट: युवा भारतीय तिकड़ी ने स्वर्णिम पीढी के 22 साल पुराने प्रदर्शन की याद दिलाई
लीड्स, शुभमन गिल, ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल ने पहले टेस्ट में शतक लगाकर बाईस साल पहले इसी हेडिंग्ले मैदान पर सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ की पारियों की याद दिला दी जिन्होंने शतक जमाकर इंग्लैंड के गेंदबाजी आक्रमण की बखिया उधेड़ दी थी. खबर लिखे जाने तक इंग्लैंड दो विकेट खोकर 182 रन बना चुका था.
12. भारतीय महिला पहलवानों ने अंडर 23 एशियाई चैम्पियनशिप में टीम खिताब जीता
भारतीय महिला पहलवानों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अंडर-23 एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में चार स्वर्ण और पांच रजत सहित सभी 10 वर्गों में एक-एक पदक जीतकर टीम खिताब अपने नाम किया.
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1. दुनिया तनाव से गुजर रही है, योग से हमें शांति की दिशा मिलती है: प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि दुनिया किसी न किसी तनाव से गुजर रही है, कितने ही क्षेत्रों में अशांति और अस्थिरता बढ़ रही है और ऐसे में योग से हमें शांति की दिशा मिलती है.
2. नए विचारों के बिना प्रधानमंत्री ने ‘सरेंडर’ कर दिया: राहुल गांधी
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि देश में विनिर्माण रिकॉर्ड निचले स्तर पर है और इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं को सिर्फ ‘असेंबल’ और आयात किया जा रहा है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे बदलाव कांग्रेस नेता को नहीं दिख रहे क्योंकि वह ‘‘भारत की प्रगति को कमतर आंकने’’ में व्यस्त हैं.
3. ‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत ईरान से और 256 भारतीय छात्र दिल्ली लाये गए
महान एयर का एक विमान 256 भारतीय छात्रों को लेकर शनिवार को दिल्ली हवाई अड्डा पर सुरक्षित उतरा, जिससे उनके चिंतित परिजनों को काफी राहत मिली है. इन छात्रों में ज्यादातर कश्मीर घाटी से हैं.
4. मोदी सरकार ने पश्चिम एशिया पर भारत के सैद्धांतिक रुख को त्यागा, अब भी संवाद के लिए प्रयास करे: सोनिया
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने गाजा की स्थिति और इजराइल-ईरान सैन्य संघर्ष पर चुप्पी साधते हुए भारत के सैद्धांतिक रुख और मूल्यों को त्याग दिया है.
5. उत्तर प्रदेश: मौलाना ने इस्लाम में सूर्य नमस्कार को हराम बताया, मंत्री ने कहा- छोटी मानसिकता वाली बात
ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने शनिवार को कहा कि सूर्य नमस्कार एक तरह से सनातन धर्म, यानी हिंदुओं का तरीका है, जो इस्लाम के हिसाब से हराम है.
6. मतभेद भुलाकर साथ काम करें कर्नाटक भाजपाः अमित शाह
आगामी दिनों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए ‘‘अच्छे अवसरों’’ को देखते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक के नेताओं से सभी पुराने मतभेदों को भुलाकर एकजुटता का आह्वान किया है.
7. भारत माता विवाद के कारण केरल में सड़कों पर प्रदर्शन
केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को लेकर भारत माता की तस्वीर पर उठे विवाद के कारण शनिवार को विरोध प्रदर्शन और तीखी बयानबाजी हुई। इससे पहले प्रदेश में सत्तारूढ़ माकपा के आधिकारिक मुखपत्र में राजभवन के खिलाफ एक कड़ा संपादकीय प्रकाशित किया गया।
8. इजराइल ने ईरान के परमाणु अनुसंधान केन्द्र पर हमला किया, दूसरे सप्ताह भी जारी युद्ध
इजराइल की सेना ने शनिवार को कहा कि उसने बीती रात ईरान की परमाणु अनुसंधान सुविधा पर हमला किया और निशाना बनाकर किए गए हमलों में तीन वरिष्ठ ईरानी कमांडरों की मौत हो गई.
9. डीजीसीए ने 2024 से एयर इंडिया के निरीक्षणों, लेखा परीक्षा का ब्योरा मांगा: सूत्र
विमानन सुरक्षा नियामक डीजीसीए ने उड़ान संचालन निरीक्षकों से 2024 से एयर इंडिया के लिए किए गए सभी निरीक्षणों और लेखा परीक्षा का ब्योरा देने को कहा है.
10. ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में व्यापार में राष्ट्रीय मुद्राओं के अधिक उपयोग पर ध्यान देने की संभावना
ब्रिक्स समूह के शीर्ष नेताओं के शिखर वार्ता के लिए रियो डी जेनेरियो में पहुंचने के कुछ सप्ताह पहले समूह के प्रमुख सदस्य देशों के दूतों ने संकेत दिया कि ट्रंप प्रशासन की शुल्क पर आक्रामक नीति के मद्देनजर वे व्यापार के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं के अधिक उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं.
11. लीड्स टेस्ट: युवा भारतीय तिकड़ी ने स्वर्णिम पीढी के 22 साल पुराने प्रदर्शन की याद दिलाई
लीड्स, शुभमन गिल, ऋषभ पंत और यशस्वी जायसवाल ने पहले टेस्ट में शतक लगाकर बाईस साल पहले इसी हेडिंग्ले मैदान पर सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ की पारियों की याद दिला दी जिन्होंने शतक जमाकर इंग्लैंड के गेंदबाजी आक्रमण की बखिया उधेड़ दी थी. खबर लिखे जाने तक इंग्लैंड दो विकेट खोकर 182 रन बना चुका था.
12. भारतीय महिला पहलवानों ने अंडर 23 एशियाई चैम्पियनशिप में टीम खिताब जीता
भारतीय महिला पहलवानों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए अंडर-23 एशियाई कुश्ती चैम्पियनशिप में चार स्वर्ण और पांच रजत सहित सभी 10 वर्गों में एक-एक पदक जीतकर टीम खिताब अपने नाम किया.
#newsupdate
Published on June 21, 2025 10:46
June 19, 2025
19 जून, 2025 के मुख्य समाचार
मुख्य समाचार/ 19 जून
1. कटघरे में 'माननीय'
नकदी विवाद में जांच समिति की रिपोर्ट में कदाचार साबित, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने का प्रस्ताव आया. न्यूज एजेंसी पीटीआइ की खबर के मुताबिक, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से जले नोटों की कथित बरामदगी की जांच कर रही समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि न्यायमूर्ति वर्मा और उनके परिवार के सदस्यों का उस स्टोर रूम पर ‘गुप्त या सक्रिय नियंत्रण’ था, जहां से बड़ी मात्रा में अधजली नकदी मिली थी.
2. सैन्य संघर्ष भारत-पाक के समझदार नेताओं ने कियाः ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के दो ‘बहुत समझदार’ नेताओं ने एक ऐसे युद्ध को रोकने का ‘निर्णय’ लिया जो परमाणु युद्ध में बदल सकता था.
3. कनाडा की खुफिया एजेंसी ने माना, भारत में हिंसा के लिए कनाडा की धरती का इस्तेमाल
4. भारत और क्रोएशिया रक्षा में करेंगे सहयोग
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविक के साथ वार्ता की जिसके बाद दोनों देशों ने ‘रक्षा सहयोग योजना’ तैयार करने पर सहमति जतायी और व्यापार, नवीकरणीय ऊर्जा तथा सेमीकंडक्टर समेत कई अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।
5. भारतीय छात्रों की वतन वापसी
ईरान से निकाले गए 100 से अधिक भारतीय छात्रों को लेकर विमान दिल्ली पहुंचा. युद्धग्रस्त ईरान से निकाले गए भारतीय छात्रों ने वहां के हालात को याद किया और घर वापसी के खातिर त्वरित कदम उठाने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया.
6. पुलिस भर्ती में घोटाले की जांच में ईडी का छापा
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार में 2023 में कांस्टेबलों की भर्ती में कथित घोटाले की धनशोधन जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को कई राज्यों में छापेमारी की.
7. केरल के मंत्री को भारतमाता स्वीकार्य नहीं
केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और राज्य की वाम मोर्चा सरकार के बीच तकरार बृहस्पतिवार को उस वक्त बढ़ गई, जब सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी राजभवन के एक कार्यक्रम में भारत माता का चित्र लगाए जाने के विरोध में वहां से चले गए.
8. नाटो के खर्च अनुचितः स्पेन
स्पेन ने नाटो के रक्षा खर्च में अनुमानित वृद्धि को ‘अनुचित’ बताकर खारिज किया.
स्पेन ने रक्षा जरूरतों पर सकल घरेलू उत्पाद का पांच प्रतिशत खर्च करने के नाटो के प्रस्ताव को 'अनुचित’ बताते हुए इसे खारिज कर दिया है. इस प्रस्ताव की घोषणा अगले सप्ताह होने की उम्मीद है.
9. फाइनल पर निशाना
भारतीय जूनियर तीरंदाज एशिया कप की पांच स्पर्धाओं के फाइनल में. भारतीय जूनियर तीरंदाजों ने अपना दबदबा कायम रखते हुए गुरुवार को एशिया कप के दूसरे चरण में पांच स्पर्धाओं के फाइनल में प्रवेश किया.
10. अडिग रहें गिलः तेंडुलकर
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि भारतीय क्रिकेट में बदलाव के कठिन दौर में टीम की कमान संभालने जा रहे शुभमन गिल को उचित समय और सहयोग दिया जाना चाहिये और नये कप्तान को सलाह दी कि ड्रेसिंग रूम से बाहर की टिप्पणियों पर सोचे बिना वह अपनी रणनीति पर फोकस रखें.
#NewsUpdate #ManjitThakur
1. कटघरे में 'माननीय'
नकदी विवाद में जांच समिति की रिपोर्ट में कदाचार साबित, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को हटाने का प्रस्ताव आया. न्यूज एजेंसी पीटीआइ की खबर के मुताबिक, दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के सरकारी आवास से जले नोटों की कथित बरामदगी की जांच कर रही समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि न्यायमूर्ति वर्मा और उनके परिवार के सदस्यों का उस स्टोर रूम पर ‘गुप्त या सक्रिय नियंत्रण’ था, जहां से बड़ी मात्रा में अधजली नकदी मिली थी.
2. सैन्य संघर्ष भारत-पाक के समझदार नेताओं ने कियाः ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के दो ‘बहुत समझदार’ नेताओं ने एक ऐसे युद्ध को रोकने का ‘निर्णय’ लिया जो परमाणु युद्ध में बदल सकता था.
3. कनाडा की खुफिया एजेंसी ने माना, भारत में हिंसा के लिए कनाडा की धरती का इस्तेमाल
4. भारत और क्रोएशिया रक्षा में करेंगे सहयोग
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने क्रोएशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविक के साथ वार्ता की जिसके बाद दोनों देशों ने ‘रक्षा सहयोग योजना’ तैयार करने पर सहमति जतायी और व्यापार, नवीकरणीय ऊर्जा तथा सेमीकंडक्टर समेत कई अहम क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।
5. भारतीय छात्रों की वतन वापसी
ईरान से निकाले गए 100 से अधिक भारतीय छात्रों को लेकर विमान दिल्ली पहुंचा. युद्धग्रस्त ईरान से निकाले गए भारतीय छात्रों ने वहां के हालात को याद किया और घर वापसी के खातिर त्वरित कदम उठाने के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया.
6. पुलिस भर्ती में घोटाले की जांच में ईडी का छापा
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बिहार में 2023 में कांस्टेबलों की भर्ती में कथित घोटाले की धनशोधन जांच के सिलसिले में बृहस्पतिवार को कई राज्यों में छापेमारी की.
7. केरल के मंत्री को भारतमाता स्वीकार्य नहीं
केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और राज्य की वाम मोर्चा सरकार के बीच तकरार बृहस्पतिवार को उस वक्त बढ़ गई, जब सामान्य शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी राजभवन के एक कार्यक्रम में भारत माता का चित्र लगाए जाने के विरोध में वहां से चले गए.
8. नाटो के खर्च अनुचितः स्पेन
स्पेन ने नाटो के रक्षा खर्च में अनुमानित वृद्धि को ‘अनुचित’ बताकर खारिज किया.
स्पेन ने रक्षा जरूरतों पर सकल घरेलू उत्पाद का पांच प्रतिशत खर्च करने के नाटो के प्रस्ताव को 'अनुचित’ बताते हुए इसे खारिज कर दिया है. इस प्रस्ताव की घोषणा अगले सप्ताह होने की उम्मीद है.
9. फाइनल पर निशाना
भारतीय जूनियर तीरंदाज एशिया कप की पांच स्पर्धाओं के फाइनल में. भारतीय जूनियर तीरंदाजों ने अपना दबदबा कायम रखते हुए गुरुवार को एशिया कप के दूसरे चरण में पांच स्पर्धाओं के फाइनल में प्रवेश किया.
10. अडिग रहें गिलः तेंडुलकर
महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का मानना है कि भारतीय क्रिकेट में बदलाव के कठिन दौर में टीम की कमान संभालने जा रहे शुभमन गिल को उचित समय और सहयोग दिया जाना चाहिये और नये कप्तान को सलाह दी कि ड्रेसिंग रूम से बाहर की टिप्पणियों पर सोचे बिना वह अपनी रणनीति पर फोकस रखें.
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Published on June 19, 2025 11:42
June 18, 2025
18 जून, 2025 के दस मुख्य समाचार
आज के मुख्य समाचार/ 18 जून
1. मोदी ने ट्रंप से कहा, पाकिस्तान की गुजारिश पर रोकी कार्रवाई, मध्यस्थता मंजूर नहीं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष रोकने में मध्यस्थता की भूमिका निभाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए उन्हें बताया कि भारत और पाकिस्तान ने बिना किसी मध्यस्थता के अपनी सेनाओं के बीच सीधी बातचीत के बाद पिछले महीने सैन्य कार्रवाई रोकी थी. इस बारे में कांग्रेस ने कहा है कि ट्रंप से जो बात हुई है, उस पर सर्वदलीय बैठक बुलाएं और देश को विश्वास में लें प्रधानमंत्री.
2. केंद्र की ओर से 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाना लोकतंत्र का मजाक: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाए जाने के फैसले की आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र और संविधान का मखौल बताया है.
3. अब मतदाताओं को 15 दिनों में मिलेंगे पहचान पत्र: आयोग
4. गोवा के संस्कृति मंत्री गौड़े को सरकार से हटाया गया : दामोदर नाइक
5. हिंदी में सुशील शुक्ल को बाल साहित्य व पार्वती तिर्की को युवा पुरस्कार देने की घोषणा
6. महाराष्ट्र में पहली से पांचवीं तक हिंदी ‘सामान्यत:’ तीसरी भाषा बनाई गई; कांग्रेस, मनसे ने की निंदा
महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश जारी कर राज्य में अंग्रेजी और मराठी माध्यम के विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक से कक्षा पांच तक के विद्यार्थियों के लिए हिंदी को ‘‘सामान्य रूप से’’ तीसरी भाषा बनाया है, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं बनाया है.
7. अहमदाबाद में पिछले सप्ताह हुए एअर इंडिया विमान हादसे में मारे गए कम से कम 190 मृतकों की डीएनए मिलान के जरिए पहचान कर ली गई है और 32 विदेशियों समेत 159 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
8. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के दौरान दिल्ली के स्कूलों में कथित कक्षा निर्माण ‘घोटाले’ की धन शोधन जांच के तहत बुधवार को यहां कई परिसरों पर छापेमारी की।
9. खामेनेई ने आत्मसमर्पण के आह्वान को खारिज किया, अमेरिकी हस्तक्षेप से पूर्ण युद्ध छिड़ने की चेतावनी दी
इजराइल के भीषण हमलों के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार को आत्मसमर्पण करने के अमेरिकी आह्वान को खारिज कर दिया और चेतावनी दी कि संघर्ष में अमेरिका की किसी भी सैन्य भागीदारी से उसे ‘‘अपूरणीय क्षति’’ होगी।
10. सरकार 15 अगस्त से 3,000 रुपये का फास्टैग आधारित वार्षिक ‘पास’ शुरू करेगी : गडकरी
#Headlines #newsupdate #ManjitThakur
1. मोदी ने ट्रंप से कहा, पाकिस्तान की गुजारिश पर रोकी कार्रवाई, मध्यस्थता मंजूर नहीं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष रोकने में मध्यस्थता की भूमिका निभाने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे को खारिज करते हुए उन्हें बताया कि भारत और पाकिस्तान ने बिना किसी मध्यस्थता के अपनी सेनाओं के बीच सीधी बातचीत के बाद पिछले महीने सैन्य कार्रवाई रोकी थी. इस बारे में कांग्रेस ने कहा है कि ट्रंप से जो बात हुई है, उस पर सर्वदलीय बैठक बुलाएं और देश को विश्वास में लें प्रधानमंत्री.
2. केंद्र की ओर से 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाना लोकतंत्र का मजाक: ममता बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार द्वारा 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाए जाने के फैसले की आलोचना करते हुए इसे लोकतंत्र और संविधान का मखौल बताया है.
3. अब मतदाताओं को 15 दिनों में मिलेंगे पहचान पत्र: आयोग
4. गोवा के संस्कृति मंत्री गौड़े को सरकार से हटाया गया : दामोदर नाइक
5. हिंदी में सुशील शुक्ल को बाल साहित्य व पार्वती तिर्की को युवा पुरस्कार देने की घोषणा
6. महाराष्ट्र में पहली से पांचवीं तक हिंदी ‘सामान्यत:’ तीसरी भाषा बनाई गई; कांग्रेस, मनसे ने की निंदा
महाराष्ट्र सरकार ने एक आदेश जारी कर राज्य में अंग्रेजी और मराठी माध्यम के विद्यालयों में पढ़ने वाले कक्षा एक से कक्षा पांच तक के विद्यार्थियों के लिए हिंदी को ‘‘सामान्य रूप से’’ तीसरी भाषा बनाया है, लेकिन इसे अनिवार्य नहीं बनाया है.
7. अहमदाबाद में पिछले सप्ताह हुए एअर इंडिया विमान हादसे में मारे गए कम से कम 190 मृतकों की डीएनए मिलान के जरिए पहचान कर ली गई है और 32 विदेशियों समेत 159 शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
8. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के दौरान दिल्ली के स्कूलों में कथित कक्षा निर्माण ‘घोटाले’ की धन शोधन जांच के तहत बुधवार को यहां कई परिसरों पर छापेमारी की।
9. खामेनेई ने आत्मसमर्पण के आह्वान को खारिज किया, अमेरिकी हस्तक्षेप से पूर्ण युद्ध छिड़ने की चेतावनी दी
इजराइल के भीषण हमलों के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बुधवार को आत्मसमर्पण करने के अमेरिकी आह्वान को खारिज कर दिया और चेतावनी दी कि संघर्ष में अमेरिका की किसी भी सैन्य भागीदारी से उसे ‘‘अपूरणीय क्षति’’ होगी।
10. सरकार 15 अगस्त से 3,000 रुपये का फास्टैग आधारित वार्षिक ‘पास’ शुरू करेगी : गडकरी
#Headlines #newsupdate #ManjitThakur
Published on June 18, 2025 11:21
June 17, 2025
जी-7 में मोदी से लेकर, यूक्रेन-रूस, इजराइल-ईरान युद्ध तक 17 जून की 10 प्रमुख सुर्खियां
आज के मुख्य समाचार/ 17 जून
1. ईरान से 110 छात्र आर्मेनिया पहुंचे विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तेहरान में मौजूद भारतीय छात्रों को सुरक्षा कारणों से बाहर निकाल लिया गया है और उनमें से 110 लोग सीमा पार कर आर्मेनिया में प्रवेश कर गए हैं. इसकी पूरी व्यवस्था दूतावास ने की.
2. ट्रंप का ट्रंप कार्ड, खाली करो तेहरान! इजराइल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकाने पर अचानक हमला करने के पांच दिन बाद तेहरान पर अपने हवाई हमले तेज कर दिये हैं. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राजधानी तेहरान के निवासियों को शहर खाली करने की चेतावनी दी.
3. ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर मोदी देंगे जोर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वह कनाडा के कनैनिस्किस में जी-7 शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं से मुलाकात के दौरान महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे तथा ‘ग्लोबल साउथ’ की प्राथमिकताओं पर जोर देंगे.
4. छोटे क्वांटम में बड़ी कामयाबी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने क्वांटम संचार के क्षेत्र में एक बड़ी प्रायोगिक सफलता हासिल की है. इससे भारत भविष्य में साइबर सुरक्षा के लिए क्वांटम तकनीक का उपयोग करने की दिशा में अग्रसर हो जाएगा.
5. जनगणना को लेकर सरकार की नीयत साफ नहीं : पायलट कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने जनगणना के लिए जारी अधिसूचना में ‘‘जातिगत गणना का उल्लेख नहीं होने’’ तथा बजट आवंटन को लेकर मंगलवार को सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि जाति जनगणना पर सरकार की नीयत साफ नहीं है. दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने प्रतिक्रिया में आरोप लगाया कि कांग्रेस 2027 की जनगणना पर “झूठा और भ्रामक” प्रचार कर रही है क्योंकि समाज में विभाजन पैदा करके सत्ता हासिल करने की उसकी उम्मीद नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की राष्ट्रव्यापी कवायद में जातिगत गणना को शामिल करने के फैसले से ध्वस्त हो रही है.
6. थम-से गए परवाज एअर इंडिया की उड़ानों में मुश्किलें जारी हैं. साढ़े तीन साल पहले टाटा समूह द्वारा एयरलाइन को खरीदे जाने के बाद यह सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है. मंगलवार को विभिन्न कारणों से लंदन और पेरिस के लिए इसकी उड़ानें रद्द कर दी गईं. इसके अलावा, सैन फ्रांसिस्को-मुंबई उड़ान में तकनीकी गड़बड़ी के कारण यात्रियों को बीच में ही विमान से उतरना पड़ा.
7. युद्ध का दूसरा घातक कोण रूस ने यूक्रेन पर रात को उस समय मिसाइल और ड्रोन से हमले किए जब ज्यादातर लोग अपने घरों में सो रहे थे, जिससे कम से कम 15 लोगों की मौत हो गयी और 116 अन्य घायल हो गएच
8. और एक साल मुफ्त ऑनलाइन 'आधार' अपडेट नागरिकों को विशिष्ट पहचान संख्या 'आधार' जारी करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने दस्तावेजों को मुफ्त में ऑनलाइन अद्यतन करने की सुविधा 14 जून, 2026 तक बढ़ाने की घोषणा की है.
9. धान पर ध्यान धान बुवाई का रकबा इस खरीफ सत्र में अब तक 13 प्रतिशत बढ़कर 4.53 लाख हेक्टेयर हो गया है.
10. खेल में चमके भारत के जूनियर कंपाउंड तीरंदाजों ने एशियाई कप चरण दो में अपना दबदबा कायम रखते हुए पुरुष और महिला दोनों व्यक्तिगत स्पर्धाओं के फाइनल में प्रवेश किया. दूसरी तरफ, भारत की उप कप्तान स्मृति मंधाना मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की एकदिवसीय बल्लेबाजी रैंकिंग में 2019 के बाद पहली बार शीर्ष स्थान पर पहुंच गयीं
1. ईरान से 110 छात्र आर्मेनिया पहुंचे विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच तेहरान में मौजूद भारतीय छात्रों को सुरक्षा कारणों से बाहर निकाल लिया गया है और उनमें से 110 लोग सीमा पार कर आर्मेनिया में प्रवेश कर गए हैं. इसकी पूरी व्यवस्था दूतावास ने की.
2. ट्रंप का ट्रंप कार्ड, खाली करो तेहरान! इजराइल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकाने पर अचानक हमला करने के पांच दिन बाद तेहरान पर अपने हवाई हमले तेज कर दिये हैं. इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राजधानी तेहरान के निवासियों को शहर खाली करने की चेतावनी दी.
3. ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं पर मोदी देंगे जोर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि वह कनाडा के कनैनिस्किस में जी-7 शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेताओं से मुलाकात के दौरान महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे तथा ‘ग्लोबल साउथ’ की प्राथमिकताओं पर जोर देंगे.
4. छोटे क्वांटम में बड़ी कामयाबी रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) दिल्ली ने क्वांटम संचार के क्षेत्र में एक बड़ी प्रायोगिक सफलता हासिल की है. इससे भारत भविष्य में साइबर सुरक्षा के लिए क्वांटम तकनीक का उपयोग करने की दिशा में अग्रसर हो जाएगा.
5. जनगणना को लेकर सरकार की नीयत साफ नहीं : पायलट कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने जनगणना के लिए जारी अधिसूचना में ‘‘जातिगत गणना का उल्लेख नहीं होने’’ तथा बजट आवंटन को लेकर मंगलवार को सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि जाति जनगणना पर सरकार की नीयत साफ नहीं है. दूसरी तरफ, भारतीय जनता पार्टी ने प्रतिक्रिया में आरोप लगाया कि कांग्रेस 2027 की जनगणना पर “झूठा और भ्रामक” प्रचार कर रही है क्योंकि समाज में विभाजन पैदा करके सत्ता हासिल करने की उसकी उम्मीद नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की राष्ट्रव्यापी कवायद में जातिगत गणना को शामिल करने के फैसले से ध्वस्त हो रही है.
6. थम-से गए परवाज एअर इंडिया की उड़ानों में मुश्किलें जारी हैं. साढ़े तीन साल पहले टाटा समूह द्वारा एयरलाइन को खरीदे जाने के बाद यह सबसे बड़े संकट का सामना कर रही है. मंगलवार को विभिन्न कारणों से लंदन और पेरिस के लिए इसकी उड़ानें रद्द कर दी गईं. इसके अलावा, सैन फ्रांसिस्को-मुंबई उड़ान में तकनीकी गड़बड़ी के कारण यात्रियों को बीच में ही विमान से उतरना पड़ा.
7. युद्ध का दूसरा घातक कोण रूस ने यूक्रेन पर रात को उस समय मिसाइल और ड्रोन से हमले किए जब ज्यादातर लोग अपने घरों में सो रहे थे, जिससे कम से कम 15 लोगों की मौत हो गयी और 116 अन्य घायल हो गएच
8. और एक साल मुफ्त ऑनलाइन 'आधार' अपडेट नागरिकों को विशिष्ट पहचान संख्या 'आधार' जारी करने वाले भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने दस्तावेजों को मुफ्त में ऑनलाइन अद्यतन करने की सुविधा 14 जून, 2026 तक बढ़ाने की घोषणा की है.
9. धान पर ध्यान धान बुवाई का रकबा इस खरीफ सत्र में अब तक 13 प्रतिशत बढ़कर 4.53 लाख हेक्टेयर हो गया है.
10. खेल में चमके भारत के जूनियर कंपाउंड तीरंदाजों ने एशियाई कप चरण दो में अपना दबदबा कायम रखते हुए पुरुष और महिला दोनों व्यक्तिगत स्पर्धाओं के फाइनल में प्रवेश किया. दूसरी तरफ, भारत की उप कप्तान स्मृति मंधाना मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की एकदिवसीय बल्लेबाजी रैंकिंग में 2019 के बाद पहली बार शीर्ष स्थान पर पहुंच गयीं
Published on June 17, 2025 10:23
चावल और भेड़ का जीन संपादनः जैव-तकनीक में भारत की तीन उपलब्धियां, जो भविष्य की नींव रखेंगी
-मंजीत ठाकुर
युद्ध के मैदान में पाकिस्तान को पीटने की खबरों के शोर-शराबों के बीच दो ऐसी खबरें आईं, जिन पर कम ही लोगों का ध्यान गया, लेकिन जिसका असर आने वाले वक्त में किसी क्रांति से कम नहीं होगा.
पहली, दुनिया में पहली बार भारत के कृषि वैज्ञानिकों ने जीनोम एडिटिंग के जरिए धान की दो नई किस्में तैयार की हैं. चावल की इन दो नई किस्मों को कम पानी और कम खाद तथा उर्वरकों की जरूरत होगी. ये बदलते मौसम के प्रति प्रतिरोधी गुणवत्ता वाली होंगी और इनकी पैदावार भी मौजूदा किस्मों की तुलना में तीस फीसद अधिक होगी. फसल भी सामान्य समय से बीस दिन पहले तैयार हो जाएगी. इन दो किस्मों के नाम डीआरआर-100 या कमला और पूसा डीएसटी राइस-1 रखे गए हैं और उम्मीद की जा रही है कि दोनों बीज देश के धान उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकेंगे.
दूसरी खबर, कश्मीर से आई जो अभी पहलगाम आतंकवादी हमलों के बाद से नकारात्मक रूप से खबरों में बना हुआ था और ऑपरेशन सिंदूर में कश्मीर पाकिस्तान की ज़द में था. लेकिन, शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज ऐंड टेक्नोलॉजी (एसकेयूएएसटी) के वैज्ञानिकों ने भारत की पहली जीन संपादित (जीन एटिटेड) भेड़ की किस्म भी तैयार की है और इसे एनिमल बायोटेक्नोलॉजी में मील का पत्थर माना जा रहा है.
वैज्ञानिकों ने इस मेमने में 'मायोस्टैटिन' जीन को एडिट किया है. यह जीन शरीर में मांस बनने के लिए जिम्मेदार होता है. इस संपादन के बाद नई किस्म वाली इस भेड़ में मांस की मात्रा तीस फीसद तक बढ़ जाएगी. इससे पहले यह गुण भारतीय भेड़ो में नहीं होती थी.
कुछ लोगों में जीएम फसलों को लेकर एक चिंता रही है लेकिन ध्यान रहे कि जीनोम एडिटिंग जेनेटिक मॉडिफिकेशन या जीएम नहीं है. जीनोम एडिटिंग में उसी पौधे में मौजूद डीएनए में एडिटिंग के जरिए डीएनए सीक्वेंसिंग बदली जाती है. जीनोम एडिटिंग एक सटीक तकनीक है जिसमें किसी जीव के डीएनए में छोटे-छोटे बदलाव किए जाते हैं. इसमें किसी विशेष जीन को काटा, हटाया या बदला जा सकता है. यह प्रक्रिया आमतौर पर CRISPR-Cas9 जैसी तकनीकों से की जाती है. इस विधि में बाहरी डीएनए को जीव के जीनोम में नहीं जोड़ा जाता, बल्कि प्राकृतिक जीन को ही संशोधित किया जाता है.
वहीं जेनेटिक मोडिफिकेशन (जीएम) में किसी दूसरे जीव का जीन लेकर उसे लक्षित जीव में जोड़ा जाता है. मसलन, बैक्टीरिया का जीन यदि किसी पौधे में जोड़ा जाए तो वह पौधा कीट प्रतिरोधी बन सकता है. यह परिवर्तन स्वाभाविक रूप से नहीं होता और इसे ‘ट्रांसजेनिक’ प्रक्रिया कहा जाता है.
इस प्रकार, जीनोम एडिटिंग अधिक सटीक और प्राकृतिक उत्परिवर्तन के करीब मानी जाती है, जबकि जीएम तकनीक में बाहरी जीन जोड़ने से अधिक जैविक परिवर्तन होते हैं.
यह क्रांतियां मौन हैं लेकिन कुछ समय के बाद इनके मुखर होने के संकेत दिखने लगेंगे. जलवायु परिवर्तन और बारिश के पैटर्न में आ रहे बदलावों से फसल चक्र को फिर से दुरुस्त किए जाने की जरूरत है. मॉनसून के बीच में आ रहे लंबे ड्राई स्पैल धान की पैदावार पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं और सिंचाई पर निर्भरता बढ़ रही है, जबकि भूमिगत जल के सोते सूखते जा रहे हैं. डीजल या बिजली चालित पंपों से सिंचाई खेती में इनपुट लागत को बढ़ा रही है, इससे किसानों का मुनाफा सिकुड़ता जा रहा है.
दूसरी तरफ हमें और अधिक अन्न उपजाने की जरूरत है क्योंकि देश की आबादी डेढ़ अरब को पार कर गई है और खाद्यान्न आदि में आत्मनिर्भर ही नहीं, सरप्लस होकर ही हम किसी भी रणनीतिक चुनौतियों का सामना कर पाएंगे. खाद्य सुरक्षा के साथ ही, सरप्लस अनाज हमारे विश्व व्यापार को अधिक व्यापकता देगा.
लेकिन बड़ा फायदा यह होगा कि पंजाब में चावल उगाने के लिए जो 5000 लीटर प्रति किलोग्राम और बंगाल में जो 3000 लीटर प्रति किलोग्राम पानी की जरूरत होती है उसको कम किया जा सकेगा. बढ़ती आबादी और कम होते जल संसाधनों के मद्देनजर यह बेहद महत्वपूर्ण खोज है.
शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज ऐंड टेक्नोलॉजी (एसकेयूएएसटी) के वैज्ञानिकों ने भारत की पहली
जीन संपादित (जीन एटिटेड) भेड़ की किस्म भी तैयार की है
इन सब चुनौतियों के मद्देनजर ही, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘माइनस 5 और प्लस 10’ का नारा दिया है. इसके तहत, धान के मौजूदा रकबे में से पांच मिलियन हेक्टेयर कम क्षेत्र में दस मिलियन टन ज्यादा चावल उगाने का संकल्प है. खाली हुए पांच मिलियन रकबे को दलहन और तिलहन के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश होगी. किसानों को अत्यधिक पानी की खपत वाली चावल की खेती से दलहन और तिलहन की ओर ले जाने की कोशिशें अभी बेअसर साबित हुई हैं.
गेहूं और चावल की खेती पर तिलहन और दलहन की तुलना में प्राकृतिक मार कम पड़ती है. एमएसपी के कारण पैदावार बेचने में भी दिक्कत नहीं होती. बहरहाल, जीनोम एडिटिंग का अन्य फसलों के बीजों पर भी प्रयोग होने लगे तो किसान अपनी लाभकारी उपज के प्रति आश्वस्त हो सकेगा. और इसकी मिसाल है, भेड़ की नई जीन संपादित नस्ल, जो अधिक मांस उत्पादित करने में सक्षम होगी.
जलवायु परिवर्तन और तेजी से घटते भूमिगत जल भंडारों के मद्देनजर अगले दस साल में दुनिया में खाद्य उत्पादन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो जाएगा. भारत में जैव-प्रौद्योगिकी की यह नई खोजें भविष्य की ओर बढ़ाया मजबूत कदम है.
युद्ध के मैदान में पाकिस्तान को पीटने की खबरों के शोर-शराबों के बीच दो ऐसी खबरें आईं, जिन पर कम ही लोगों का ध्यान गया, लेकिन जिसका असर आने वाले वक्त में किसी क्रांति से कम नहीं होगा.
पहली, दुनिया में पहली बार भारत के कृषि वैज्ञानिकों ने जीनोम एडिटिंग के जरिए धान की दो नई किस्में तैयार की हैं. चावल की इन दो नई किस्मों को कम पानी और कम खाद तथा उर्वरकों की जरूरत होगी. ये बदलते मौसम के प्रति प्रतिरोधी गुणवत्ता वाली होंगी और इनकी पैदावार भी मौजूदा किस्मों की तुलना में तीस फीसद अधिक होगी. फसल भी सामान्य समय से बीस दिन पहले तैयार हो जाएगी. इन दो किस्मों के नाम डीआरआर-100 या कमला और पूसा डीएसटी राइस-1 रखे गए हैं और उम्मीद की जा रही है कि दोनों बीज देश के धान उत्पादन में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकेंगे.
दूसरी खबर, कश्मीर से आई जो अभी पहलगाम आतंकवादी हमलों के बाद से नकारात्मक रूप से खबरों में बना हुआ था और ऑपरेशन सिंदूर में कश्मीर पाकिस्तान की ज़द में था. लेकिन, शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज ऐंड टेक्नोलॉजी (एसकेयूएएसटी) के वैज्ञानिकों ने भारत की पहली जीन संपादित (जीन एटिटेड) भेड़ की किस्म भी तैयार की है और इसे एनिमल बायोटेक्नोलॉजी में मील का पत्थर माना जा रहा है.
वैज्ञानिकों ने इस मेमने में 'मायोस्टैटिन' जीन को एडिट किया है. यह जीन शरीर में मांस बनने के लिए जिम्मेदार होता है. इस संपादन के बाद नई किस्म वाली इस भेड़ में मांस की मात्रा तीस फीसद तक बढ़ जाएगी. इससे पहले यह गुण भारतीय भेड़ो में नहीं होती थी.
कुछ लोगों में जीएम फसलों को लेकर एक चिंता रही है लेकिन ध्यान रहे कि जीनोम एडिटिंग जेनेटिक मॉडिफिकेशन या जीएम नहीं है. जीनोम एडिटिंग में उसी पौधे में मौजूद डीएनए में एडिटिंग के जरिए डीएनए सीक्वेंसिंग बदली जाती है. जीनोम एडिटिंग एक सटीक तकनीक है जिसमें किसी जीव के डीएनए में छोटे-छोटे बदलाव किए जाते हैं. इसमें किसी विशेष जीन को काटा, हटाया या बदला जा सकता है. यह प्रक्रिया आमतौर पर CRISPR-Cas9 जैसी तकनीकों से की जाती है. इस विधि में बाहरी डीएनए को जीव के जीनोम में नहीं जोड़ा जाता, बल्कि प्राकृतिक जीन को ही संशोधित किया जाता है.
वहीं जेनेटिक मोडिफिकेशन (जीएम) में किसी दूसरे जीव का जीन लेकर उसे लक्षित जीव में जोड़ा जाता है. मसलन, बैक्टीरिया का जीन यदि किसी पौधे में जोड़ा जाए तो वह पौधा कीट प्रतिरोधी बन सकता है. यह परिवर्तन स्वाभाविक रूप से नहीं होता और इसे ‘ट्रांसजेनिक’ प्रक्रिया कहा जाता है.
इस प्रकार, जीनोम एडिटिंग अधिक सटीक और प्राकृतिक उत्परिवर्तन के करीब मानी जाती है, जबकि जीएम तकनीक में बाहरी जीन जोड़ने से अधिक जैविक परिवर्तन होते हैं.
यह क्रांतियां मौन हैं लेकिन कुछ समय के बाद इनके मुखर होने के संकेत दिखने लगेंगे. जलवायु परिवर्तन और बारिश के पैटर्न में आ रहे बदलावों से फसल चक्र को फिर से दुरुस्त किए जाने की जरूरत है. मॉनसून के बीच में आ रहे लंबे ड्राई स्पैल धान की पैदावार पर नकारात्मक असर डाल रहे हैं और सिंचाई पर निर्भरता बढ़ रही है, जबकि भूमिगत जल के सोते सूखते जा रहे हैं. डीजल या बिजली चालित पंपों से सिंचाई खेती में इनपुट लागत को बढ़ा रही है, इससे किसानों का मुनाफा सिकुड़ता जा रहा है.
दूसरी तरफ हमें और अधिक अन्न उपजाने की जरूरत है क्योंकि देश की आबादी डेढ़ अरब को पार कर गई है और खाद्यान्न आदि में आत्मनिर्भर ही नहीं, सरप्लस होकर ही हम किसी भी रणनीतिक चुनौतियों का सामना कर पाएंगे. खाद्य सुरक्षा के साथ ही, सरप्लस अनाज हमारे विश्व व्यापार को अधिक व्यापकता देगा.
लेकिन बड़ा फायदा यह होगा कि पंजाब में चावल उगाने के लिए जो 5000 लीटर प्रति किलोग्राम और बंगाल में जो 3000 लीटर प्रति किलोग्राम पानी की जरूरत होती है उसको कम किया जा सकेगा. बढ़ती आबादी और कम होते जल संसाधनों के मद्देनजर यह बेहद महत्वपूर्ण खोज है.
शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल साइंसेज ऐंड टेक्नोलॉजी (एसकेयूएएसटी) के वैज्ञानिकों ने भारत की पहली जीन संपादित (जीन एटिटेड) भेड़ की किस्म भी तैयार की है
इन सब चुनौतियों के मद्देनजर ही, केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘माइनस 5 और प्लस 10’ का नारा दिया है. इसके तहत, धान के मौजूदा रकबे में से पांच मिलियन हेक्टेयर कम क्षेत्र में दस मिलियन टन ज्यादा चावल उगाने का संकल्प है. खाली हुए पांच मिलियन रकबे को दलहन और तिलहन के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश होगी. किसानों को अत्यधिक पानी की खपत वाली चावल की खेती से दलहन और तिलहन की ओर ले जाने की कोशिशें अभी बेअसर साबित हुई हैं.
गेहूं और चावल की खेती पर तिलहन और दलहन की तुलना में प्राकृतिक मार कम पड़ती है. एमएसपी के कारण पैदावार बेचने में भी दिक्कत नहीं होती. बहरहाल, जीनोम एडिटिंग का अन्य फसलों के बीजों पर भी प्रयोग होने लगे तो किसान अपनी लाभकारी उपज के प्रति आश्वस्त हो सकेगा. और इसकी मिसाल है, भेड़ की नई जीन संपादित नस्ल, जो अधिक मांस उत्पादित करने में सक्षम होगी.
जलवायु परिवर्तन और तेजी से घटते भूमिगत जल भंडारों के मद्देनजर अगले दस साल में दुनिया में खाद्य उत्पादन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हो जाएगा. भारत में जैव-प्रौद्योगिकी की यह नई खोजें भविष्य की ओर बढ़ाया मजबूत कदम है.
Published on June 17, 2025 10:20


