खून
काश के खून भी पानी जैसा होता
न जमता , न जलता , न काला पड़ जाता
काश के खून भी पानी जैसा होता
उन्माद सा बहता , उमड़ता
बिना भेद भाव के , बिना रंग राग के
बस अपने आगोश में ले लेता
फिर एक रंग हो कर लहरों सा झूमता
काश के खून भी पानी जैसा होता
काश...
- मीनाक्षी
Published on September 16, 2013 00:57