Ghazal #8

ख़ुश्क आंखों में तू सहरा बसा दे किसी दरिया से समंदर मिला दे आसमां तुझे ज़ोम है अंधेरों पे अपने तो वो एक चांद और कुछ तारे गिरा दे पड़ा जाता है मेरा बदन नीला मेरी ज़ात में कुछ रात मिला दे सहरा – desert ज़ोम – pride ज़ात – being
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Published on January 23, 2018 07:05
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