जोत की तुझसे प्रीत लगी
अब तुझ बिन जोत कहीं का नहीं
जीने का मकसद तुम बन गई
अब जिंदगी जोत कि तुम से ही
मरता था तुझ पर हर पल वो
अब मौत से बढ़कर तुम बन गई
ऐसी जोत की तुझसे प्रीत लगी
उसे तुम बिन अब कोई दिखता नहीं
तुम्हारे पीछे पीछे रहता है
तुम्हारे साथ चलने की चाहत में
तुम बना लो जोत को अपना
क्योंकि जोत तो तुम्हारा है
क्योंकि जोत तो तुम्हारा है
Published on
February 14, 2020 23:46
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Tags:
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