घर की बालकनी में बैठ कर ले रहे हम बारिश का नजारा।
यह बारिश की बूंदे, यह मिट्टी की सौंधी खुशबू, प्रफुल्लित करदे यह दिन हमारा।।
यह लहराते हुए पेड़, यह चहकती चिड़िया… जैसे कुदरत की खूबसूरती हो चर्म सीमा पर।
खो जायें हम कुछ इस कदर … की स्वर्ग जैसा सुंदर लगे यह धरती और अंबर।।
बादलों में से निकलती हुई वो सूरज की पहली किरण,संग लाए वो सतरंगी इनद्रधनुष।
देख के ऐसा सुंदर नज़ारा धन्य हो जाए कोई भी मानुष।।
Published on July 04, 2020 12:04