वहीं से उठे और वहीं चले आएबड़े ग़ुरूर से हम वो बात कह आएढूंढ लो कहीं , है जमीं, है आसमाँ यहींतुमसे तो ज़्यादा करीब हैं तुम्हारे साएवहीं से उठे और वहीं चले आए..
वो टूटे से थे कुछ, कुछ ज़्यादा ही,सहमा सा इश्क कर बैठे, आधा, कुछ आधा ही,हम थाम लें भर कर चहरे को इन हाथो मेंउलझा कर इस सहमे हुए दिल को बातों में की फिर से पहली सी मुहोब्बत एक बार हो जाएवहीं से उठे और वहीं चले आए..
बड़ा मुश्किल हो चला ,है यह एक तरफ़ा इश्क़ सा ज़ायाहम ही आएंगे लौट कर, ख़ुद ही को समझायावो मेरा क्या होगा, जो खुद का न हो सकाहम तो समझ गए पर इस दिल को कौन समझाएरूठ कर उनसे, बड़े ग़ुरूर में कह आएतुमसे करीब हैं सिर्फ, तुम्हारे साए
और खुद ही हार गए अपनी जिद सेफिर वहीं से उठे और वहीं चले आए...
Published on February 16, 2021 09:58