इश्क़ के दौर में सब मुकाम खो दिए.../मुक्तक (छंदमुक्त)



मुक्तक (छंदमुक्त) : 
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~इश्क़ के  दौर में  सब  मुकाम  खो दिए।नज़र  मिलाने पर  सब  काम  खो दिए।उसकी  आवाज में  ही जादू  था शायद-बस सुनने के लिए सब आराम खो दिए।।~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
~ वैधविक
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Published on January 19, 2022 12:06
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