लाइफ इज ग्रे : कुछ अधूरी प्रेम कहानियां


पेंटिंग - स्टेफाइन क्लेयर( स्रोत -गूगल )



1

-''तुम अपनी मां की तरह हो और बेटी की तरह भी!! तुम्हारी मां ने तुम्हारे पिता का विश्वास खो दिया था और बेटी जल्दी जल्दी बॉयफ्रेंड बदलती है.. ये तुम्हारे लिए वंशानुगत है.. नॉट टु हैव लाइफ पार्टनर फॉर ए लॉंग टाइम !!''
-''यह सच नहीं है, डोंट गो टु माय मदर ''
-''आय डोंट वांट टु ...मैं खुश नहीं हूं तुम्हारी मां तक जाते हुए !''
-''तुम्हें मुझसे प्यार था ना ?''
-''यह कैसा वाहियात सवाल है !''
-''कह चुकी हूं तुम उम्र में छोटे हो.. आय कांट इवन थिंक आव बीइंग इन लव विद यू !!''
-''बट कुड थिंक आव सेक्स एन हैव इट.. जिसे तुम हमेशा कहती थी -प्यार करना जबकि मैं पूछता कि जब हम प्यार में हैं तो यह क्या बात हुई कि हम प्यार करेंगे ना.. प्यार में होना होता है, करना क्या होता है डियर !!!''
-''भूल जाओ जो हुआ !''
-''क्या-क्या भूल जाउं ?''
-''सब जो हमारे बीच हुआ !''
-''आखिर इस झूठ पर झूठ का क्या मतलब है कि वह मेरा दोस्त है फिर एक दिन वो सबसे जरूरी दोस्त हो जाता है जिसके लिए मुझे छोडा जा सकता है, मुझे कहती हो -मै शक करता हूं, कभी कहती हो- ही इज सिंपली प्रोडयूसर आव माय डेब्यू म्यूजिक एलबम, आय लॉंग्ड फॉर माय सिंगिग करियर.. फिर कहती हो -मैं उससे शादी कर चुकी हूं, फिर कहती हो- वह झूठ था, मैंने कोई शादी नहीं की, फिर कहती हो मुझे अकेले ही रहना है, फिर कहती हो- तुम्हें क्या यह समझ नहीं आता, आय एम मैरिड टु हिम... किसी एक बात पे कायम रह सकती हो क्या? आय फील यू कांट, मेटरनली इटस योर हेरेडैटरी टु डू इट लाइक दिस ओनली ...''

2

''देखो तुम एक लेखक हो ! हिंदी के लेखक हो जैसे तुम आजीविका के लिए नौकरी करते हो, मन के लिए लिखते हो पर मेरे संदर्भ में तुम इसे व्यभिचार कह सकते हो पर मैं इसे मन के साथी के साथ वक्त गुजारना कहती हूं जिसे प्यार करती थी, उससे शादी नहीं हो पाई, छोटी बहनों के नाम पर,
परिवार की इज्जत के नाम पर पिता ने जिससे कहा आंख मूंदकर शादी कर ली और जिससे शादी हुई, उससे सब जुडा पर मन ही नहीं जुड पाया उसे सब दिया- जिंदगी, तन, कंसर्न और कमा रही हूं तो धन भी... सब कुछ दिया पर मन देना तो हमारे बस में नहीं होता ना जी ! मुझे फर्क नहीं पडता कि मेरा हस्बेंड इसे जानता है या नहीं ...बताना मेरी जरूरत भी नहीं है ...मेरे लिए लिए शादी वैसे ही है जैसे तुम्हारी नौकरी और मन के साथी के साथ होना जैसे तुम्हारा लिखना '' – तुम्हाारी दोस्तक...

3
-'मिड लाइफ से गुजर रही खूबसूरत औरत को इंटेलीजेंट कहके उससे कोई भी मकसद
पूरा किया जा सकता है ना...'
-'यार वाकई तुम बहुत कमीने हो '
-'डियर! कमीनगी नहीं इसे दीवानगी और स्मार्टनेस कहते हैं'

4
''सुनो! तुम इसे लेखक का बयान कहकर उडा सकती हो पर क्या यह सच नहीं है कि जिंदगी की किताब के कुछ वरक फाड के फेंक दिए जाते हैं, उनके टुकडे कांच के किरचों से आंख में चुभते हैं.. कुछ रेशमी से अहसास वाले वरक आलपिन से टांक के सहेज लिए जाते हैं, सामने आ जाएं तो आंख से शबनम के मोती लुढकते हैं और लब पे मुस्कुराहट की लकीर आ जाती है'' – तुम्हाोरा दोस्तछ जैसा कुछ...

5
''देखो यार! तुम फिल्म एडिटर हो ! तुम जानते हो ना कि बिना जर्क क्या एडिट करना है, शूट होने का मतलब यह कतई नहीं है कि उसे ढोना है यानी फिल्म में रखना ही पडेगा तो एडिटर साहब एडिट मी फ्रॉम योर लाइफ ग्रेसफुली!''
-''जिंदगी और फिल्म को एक तो कुरोसावा, हिचकॉक, सत्यजीत रे, अडूर और श्याम बेनेगल भी नहीं मानते होगे... जिंदगी से यूं लोग और घटनाएं एडिट नहीं होते मिस दास !''
-''तो भुगतो ! ये तुम्हारी प्रॉब्लम है मिस्टर व्यास !''
-''यस डीयर ! इट इज वैरी मच माई प्रॉब्लम.. इट वाज माइन एंड वील रिमेन माइन''

6
''सत्रह साल एक आदमी के साथ एक छत के नीचे रहने, साथ सोने, दो बच्चे पैदा करने का मतलब उसका सोलमेट हो जाना नहीं होता.. मेरी तनहाइयों पर आज भी उस इनसान की हुकूमत है जिसने अपने पिता की मर्जी से शादी का फैसला करते हुए मुझे सरेराह छोड दिया था.. मेरे मुंह से बददुआ निकली थी उसके फादर के लिए... क्यों निकली इसका आज भी दुख है... शायद उसी के असर से उनकी चौदह महीने बाद हर्ट अटैक से मौत हो गई थी, हालांकि मुझे न उस पर बहुत गुस्सा आया था ... यह गुस्सा उतना ही ज्यादा था जितना प्यार, जो आज भी मेरे साथ है..... मैंने तब निर्णय लिया था कि मैं उससे कभी नहीं मिलूंगी, मुझे खुद पे इख्तियार नहीं रहेगा, आज भी लगता है कि वो सामने आ जाए तो सब छोडके उसके साथ हो जाउं.. यह मुझे पता है कि मेरा फैसला उसे जनरलाइजेशन की तरफ ले जाता होगा कि लडकियां नई जिंदगी में बहुत जल्द कंडीशंड हो जाती है ... काश ये कंडीशनिंग हो पाती तो दिल से मुस्कुराहट और दुनियादारी के लिए मुस्कुराहट का अंतर जिंदगी भर के लिए नहीं ढोना नहीं पडता और दोस्त! दिल से मुस्कुराए तो एक युग सा ही बीत गया है ..''

7

''मेरे लिए प्रेम का मतलब साथ वक्त गुजारना है और यह बिना कमिटमेंट भी हो सकता है, मुझे कोई फर्क नहीं पडता कि तुम शादीशुदा हो...अगर तुम अपनी बीवी को चीट करना चाहते हो तो मुझे कोई एतराज नहीं है... कोई नैतिकता मेरे लिए आडे नहीं आती पर फिर मुझे अहसास है कि तुम मेरे हमेशा के लिए नहीं हो सकते.. मुझे भी चीट कर सकते हो और करोगे ही यह उम्मीद भी बहुत ज्यादा है... और मैं परंपरागत अर्थो में रखैल नहीं हूं क्योंकि कमाती हूं, तुम्हारी कमाई पर नहीं जीती हूं इसलिए वैसा कोई अपराधबोध भी नहीं है''- तुम्हाारी जिंदगी का एक हिस्सार...

8
-''जब मानते हो कि तन और मन से मेरे साथ हो तो क्या ये बीवी को चीट करना नहीं है?''
- ''ये बीवी को चीट करना नहीं है, उसे सब दे रहा हूं ना ''
- ''हां, कमिटेड प्रेम के सिवा सब, जो बेमानी है जब कमिटमेंट ही नहीं है''
- ''शादी जिम्मेदारी होती है और उसे निभा रहा हूं''
- ''शादी कमिटमेंट नहीं होती क्या?''
... - ''तुम्हें लगता है कि ठीक यही रिश्ता इतना ही और ऐसा ही तुम्हारी बीवी की तरफ से हो तो !!!''
- ''ये क्या सवाल है?''
- ''सवाल तो है और वाजिब भी''
- ''वाहियात सवाल है!''
- ''बताओ किसी दिन तुम्हें पता चले कि तुम्हारी बीवी सारी जिम्मेदारियां निभाते हुए प्रेम किसी और मर्द से कर रही है.. क्या एक छत के नीचे रह पाओगे उसके साथ ?''
- ''तुम्हें इससे क्या मतलब है यार! तुम्हें तो कोई शिकायत नहीं है मुझसे.. तुम्हारे लिए तो मैं हमेशा अवेलेबल हूं''

9

''तुम्हारे लिए यह कह देना आसान है कि तुमने मुझसे प्यार नहीं किया, यह कहना और भी आसान है कि मैं तुमसे उम्र में इतना छोटा हूं कि तुम मुझसे प्यार करने का सोच भी नहीं सकती जितना यह कहना आसान था कि मेरे साथ एक अतीत है, तुमसे बडी हूं,आय डोंट हैव इश्यू बट आय एम मैरिड वंस, क्या मैं डिजर्व भी करती हूं तुमसे प्यार करना! मेरे लिए सहज था कहना कि कोई फर्क नहीं पडता, अतीत की नींव पर भविष्य खडे नहीं होते, वे तो... वर्तमान की बुनियाद पर बनाए जाते हैं, तुम्हारे लिए कहकर मुकरना आसान है कि रवींद्र केवल मेरा दोस्त है, उससे ज्यादा कुछ नहीं और मेरे लिए मुश्किल कि आदमी औरत की नजदीकी का कौनसा भाव है जिससे हम गुजरे नहीं''
''आज में जीओ रवींद्र ''
''वही तो जीने की कोशिश की बिना तुम्हारे अतीत को मन पर लादे हुए!''
''यह बकवास है, हम साथ थे, अब मैं केवल दोस्त हूं तुम्हारी, इससे ज्यादा कुछ नहीं दोस्त से आगे कौन लाया था नेहा?''
''तो अब वहीं पीछे ले जा रहा है क्लियर ! एक नई जिंदगी शुरू करो रवींद्र! अच्छी लडकी देखकर शादी कर लो !''
''दो साल तक तो तुमने मुझे किसी लडकी से जुडने नहीं दिया, किसी के साथ मेरी दोस्ती मात्र से ही तुम्हें इनसिक्योरिटी होती थी, मेरे मोबाइल की फोनबुक की हर लडकी के बारे में तुम्हें जानना होता था, कब से जानता हूं, कैसे जानता हूं, कितने दिन में बात होती है, तुम्हारे साथ बैठे हुए किसी लडकी का फोन आ जाए और उसे अगर उसे अपनी कंपनी की वेबसाइट का नया यूआरएल भी बता रहा हूं तो तुम्हें इससे इनसिक्योरिटी महसूस होने लगती थी, है ना ! तुम्हारा फ्रीक्वेंटली स्पोकन सेंटेस याद है क्या तुम्हें ? ''अगर तुमने मुझे चीट करने का सोचा भी ना तो मैं जान दे दूंगी! यही तो कहती थी ना तुम''
''कैन यू काइंडली कमआउट ऑफ द पास्ट विच इज वैरी मच गोन! तुम छब्बीस के हो मैं छत्तीस की, वी आर नॉट परफेक्ट मैच डियर!
''यह आज अहसास हुआ है, दो साल पहले क्यों नहीं हुआ! तब तो तुम्हें लगता था कि मुझे पहले क्यों नहीं मिले, वी लुक ग्रेट टुगेदर, वी आर मेड फॉर ईच अदर!

''स्टॉप इट रवींद्र! ये कडवा सच है कि वी आर नॉट टुगेदर एनीमोर ''
''मीठा भी है !''

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''हाउ कैन यू एक्सपेक्ट कमिटमेंट आउट आव मैरिज! हम इस तरह से दुनियावी, इमोशनल और फिजीकल जरूरतों को ही पूरा करते हैं... मुझे लगता है कि अब हम एक दूसरे से बोर हो चुके हैं, इटस बेटर टु कम आउट आव इट नाउ! ''
-''आय थिंक द सेम बट मैंने कोशिश की और प्रिटेंड किया कि नहीं, वी आर इन लव बट आय हैव बीन वैरी मच रांग... टू मैरिड (नॉट टु इच अदर) कांट बी इन लव, दे कैन जस्ट बी फ्रेंडस इन द डे लाइट एंड बैड पार्टनर इन द नाइट!''
-''डोट बी इमोशनल !''
-''मैं इमोशनल नहीं हूं, कतई नहीं कोशिश में हूं, प्रेक्टिकल रहूं, यही सिखाया और बताया है ना तुमने, बार बार तारीफ की है ना मेरे प्रेक्टिकल होने की, ये तारीफ भी डिजाइंड लगती है आज मुझे ! ''

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''दीपेश मेरा दोस्त है बिल्कुल यह तथ्य है पर सच नहीं है और रोहित मेरा पति है यह भी तथ्य है पर सच नहीं स्वीटहर्ट इन लाइनों के बीच बहुत कुछ छुपा हुआ है.. इसे समझने की कोशिश करो ..
मैं तुम्हें सलाह देना चाहती हूं कि प्यार की खोज मत करो, प्यार तुम्हें खोज लेगा, परेशान मत होओ, कि तुम्हें यह कहां से मिलता है, अगर मिल रहा है तो मानो यह तुम्हारी किस्मत में लिखा था ..'' -मेघा

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-''हमने दोस्ती की लक्ष्मणरेखा पार कर दी है, र्मैं तो विडो हूं पर तुम अपनी बीवी का सामना कैसे कर पाओगे ?''
-''हम सब अच्छे एक्टर हैं डियर, वो तुम्हारी भी तो दोस्त है, र्मैं उसे फेस करूंगा जैसे तुम उसे फेस करोगी एक कॉमन दोस्त की तरह ''
- ''मतलब कमीने हम दोनों ही है!''

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''सुनो डियर तुमने कभी मुझसे प्यार नहीं किया और मैंने भी नहीं.. मेरी ठहरी हुई मेरिड लाइफ में मुझे कुछ रिफ्रेशिंग चाहिए था, तुम्हारे साथ भी तो शायद ऐसा ही था, मुझे लगता है, है ना? इसलिए मुझे कोई परवाह नहीं कि तुम्हारी जिंदगी का क्या होता है,. मैंने चाहा और कोशिश की कि हम शानदार समय साथ गुजारें ..मुझे लगता है, मैने पूरी ईमानदारी से ऐसा किया, अब मैं अपने परिवार, पत्नी और बच्चों की जिम्मेदारियां पूरी करना चाहता हूं . जिसका वादा मैंने नहीं किया उसके लिए मुझे ब्लेम मत करो.. '' -रंजन


14

''मुझे पता है कि वह कमिटेड है, जब भी जरूरत होती है, वह मेरे साथ खडा होता है, वह मेरी केयर करता है.. पर उसके उसके साथ कोई रोमांटिक फीलिंग अब नहीं बची है जो तुमने मुझमें जगाई या रीइन्वेंट की है.. प्लीज ! मेरी मदद करो, उस रिलेशनशिप से बाहर निकलने में .. मुझे पता है तुम मेरा लंबा साथ नहीं दोगे, नहीं दे सकते पर जब तक भी हो सकता है, मैं हर पल का आनंद और सुख लेना चाहती हूं और उसे यादों में सहेज लेना भी ...'' -माधवी


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Published on November 11, 2012 20:10
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