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“चाहे किसी को पता हो या न हो, इश्वरीय शक्ति ही इस ब्रह्मांड में हर जन एवं हर कण की पालक है। ईश्वर के विराट, अनंत, असीम व निराकार स्वरुप को समझ कर, अपने भीतर उस ईश्वरत्व का अनुभव करना ही #प्रार्थना का प्रथम उद्देश्य है। जब हम अपनी अनुभव हीनता तथा अहंकार के पर्दों को हटाकर अपने आराध्य के चरणों मे निर्मल ह्रदय से अप्रतिहत प्रार्थना करते हैं तो वह व्यापक, अनंत एवं शाश्वत स्वरुप हर जगह और हर किसी मे स्वयं ही दिखने लगता है। हमारा जीवन परिवर्तित होने लगता है, दिव्य होने लगता है, जहाँ प्रतिकार करने के लिए कुछ भी नहीं रहता है। ईश्वर की कृपा का सुंदर उजियारा फैलता जाता है औऱ जिसके प्रकाश में हर प्रकार की चिंता, कुंठा, निराशा, हताशा का अंधेरा अपने आप छंटने लगता है। ईश्वर से प्रार्थना है कि आपके और आपके अपनो के जीवन मे सत्यता, सुंदरता, प्रेम, उत्सव, सकारात्मकता, प्रचुरता, विपुलता, शुभता और खुशियों में तेजी से वृद्धि हो। ईश्वर आपके सभी शुभ प्रयत्नों और कार्यों को सफल करें। मंगल शुभकामनाएं।”

Rajesh Goyal,
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