Nitish Kumar > Nitish's Quotes

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  • #1
    श्रीलाल शुक्ल [Shrilal Shukla]
    “उर्दू कवियों की सबसे बड़ी विशेषता उनका मातृभूमि प्रेम है। इसीलिए मुंबई और कोलकाता में भी वे अपने गांव या कस्बे का नाम अपने नाम के पीछे बांधे रहते हैं और उसे खटखटा नहीं समझते। अपने को गोंडवी, सलोनवी और अमरोहवी कह कर वे कोलकाता मुंबई के कूप मंडूक लोगों को इशारे से समझाते हैं कि सारी दुनिया तुम्हारे शहर तक ही सीमित नहीं है। जहां मुंबई है वहां गोंडा भी है।”
    Shrilal Shukla, राग दरबारी

  • #2
    श्रीलाल शुक्ल [Shrilal Shukla]
    “लेक्चर का मज़ा तो तब है जब सुननेवाले भी समझें कि यह बकवास कर रहा है और बोलनेवाला भी समझे कि मैं बकवास कर रहा हूँ।”
    Shrilal Shukla, राग दरबारी

  • #3
    श्रीलाल शुक्ल [Shrilal Shukla]
    “जो खुद कम खाता है, दूसरों को ज़्यादा खिलाता है; खुद कम बोलता है, दूसरों को ज़्यादा बोलने देता है; वही खुद कम बेवकूफ़ बनता है, दूसरे को ज़्यादा बेवकूफ़ बनाता है।”
    Shrilal Shukla, राग दरबारी

  • #4
    “इतना काम है कि सारा काम ठप्प पड़ा है।”
    Shrilal Shukla, राग दरबारी



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