द व र म एक ख ड़क रहत थ Quotes

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“रात के बीतने से जाता हुआ अँधेरा शायद हांथी के आकार में छूट गया था. ज्यों ज्यों सुबह होगी हांथी के आकार का अँधेरा हांथी के आकार की सुबह होकर बाकी सुबह में घुलमिल जाएगा.”
विनोद कुमार शुक्ल