Hindipoems Quotes

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Tarang Sinha
“याद है अब भी वो
बचपन की बेफिक्र दुनिया
छोटी सी ज़िद और ढेरों खुशियां
दौड़ते-भागते, खबर थी क्या
कि वक़्त कुछ यूं दौड़ेगा,
ज़िन्दगी कुछ यूं मुड़ेगी
कि उम्र को पछाड़
तज़ुर्बा आगे, मीलों आगे होगा।
अब सोचते हैं
जेब में लिए फिरते थे ज़िन्दगी
आलम ये है कि अब दिखाई भी नहीं देती।”
Tarang Sinha