“The most distinguished persons become more revolutionary as they grow older.”
― Man and Superman
― Man and Superman
“And it was strange, I thought, that sorrow lasts and can make a man look forward to death, but the mood of victory fills a moment and then is over”
―
―
“It is strange,' the bird said. 'It is very cold, but I feel quite warm.'
'That is because you have done a good thing,' said the prince.”
― The Happy Prince
'That is because you have done a good thing,' said the prince.”
― The Happy Prince
“मैं चुप शान्त और अडोल खड़ी थी
सिर्फ पास बहते समुन्द्र में तूफान था……फिर समुन्द्र को खुदा जाने
क्या ख्याल आया
उसने तूफान की एक पोटली सी बांधी
मेरे हाथों में थमाई
और हंस कर कुछ दूर हो गया
हैरान थी….
पर उसका चमत्कार ले लिया
पता था कि इस प्रकार की घटना
कभी सदियों में होती है…..
लाखों ख्याल आये
माथे में झिलमिलाये
पर खड़ी रह गयी कि उसको उठा कर
अब अपने शहर में कैसे जाऊंगी?
मेरे शहर की हर गली संकरी
मेरे शहर की हर छत नीची
मेरे शहर की हर दीवार चुगली
सोचा कि अगर तू कहीं मिले
तो समुन्द्र की तरह
इसे छाती पर रख कर
हम दो किनारों की तरह हंस सकते थे
और नीची छतों
और संकरी गलियों
के शहर में बस सकते थे….
पर सारी दोपहर तुझे ढूंढते बीती
और अपनी आग का मैंने
आप ही घूंट पिया
मैं अकेला किनारा
किनारे को गिरा दिया
और जब दिन ढलने को था
समुन्द्र का तूफान
समुन्द्र को लौटा दिया….
अब रात घिरने लगी तो तूं मिला है
तूं भी उदास, चुप, शान्त और अडोल
मैं भी उदास, चुप, शान्त और अडोल
सिर्फ- दूर बहते समुन्द्र में तूफान है…..”
―
सिर्फ पास बहते समुन्द्र में तूफान था……फिर समुन्द्र को खुदा जाने
क्या ख्याल आया
उसने तूफान की एक पोटली सी बांधी
मेरे हाथों में थमाई
और हंस कर कुछ दूर हो गया
हैरान थी….
पर उसका चमत्कार ले लिया
पता था कि इस प्रकार की घटना
कभी सदियों में होती है…..
लाखों ख्याल आये
माथे में झिलमिलाये
पर खड़ी रह गयी कि उसको उठा कर
अब अपने शहर में कैसे जाऊंगी?
मेरे शहर की हर गली संकरी
मेरे शहर की हर छत नीची
मेरे शहर की हर दीवार चुगली
सोचा कि अगर तू कहीं मिले
तो समुन्द्र की तरह
इसे छाती पर रख कर
हम दो किनारों की तरह हंस सकते थे
और नीची छतों
और संकरी गलियों
के शहर में बस सकते थे….
पर सारी दोपहर तुझे ढूंढते बीती
और अपनी आग का मैंने
आप ही घूंट पिया
मैं अकेला किनारा
किनारे को गिरा दिया
और जब दिन ढलने को था
समुन्द्र का तूफान
समुन्द्र को लौटा दिया….
अब रात घिरने लगी तो तूं मिला है
तूं भी उदास, चुप, शान्त और अडोल
मैं भी उदास, चुप, शान्त और अडोल
सिर्फ- दूर बहते समुन्द्र में तूफान है…..”
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“भारत-पाकिस्तान पड़ोसी, साथ-साथ रहना है, प्यार करें या वार करें, दोनों को ही सहना है, तीन बार लड़ चुके लड़ाई, कितना महँगा सौदा, रूसी बम हो या अमेरिकी, खून एक बहना है। जो हम पर गुजरी बच्चों के संग न होने देंगे। जंग न होने देंगे।”
― चुनी हुई कविताएँ
― चुनी हुई कविताएँ
Navya’s 2024 Year in Books
Take a look at Navya’s Year in Books, including some fun facts about their reading.
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