हरिवंश राय बच्चन > Quotes > Quote > प्रशांत liked it

हरिवंश राय बच्चन
“बने पुजारी प्रेमी साक़ी, गंगाजल पावन हाला, रहे फेरता अविरल गति से मधु के प्यालों की माला, ‘और लिये जा, और पिए जा’— इसी मंत्र का जाप करे, मैं शिव की प्रतिमा बन बैठूँ | मंदिर हो यह मधुशाला”
Harivansh Rai Bachchan, मधुशाला

No comments have been added yet.