Ramdhari Singh 'Dinkar' > Quotes > Quote > MEHUL liked it
“दान जगत् का प्रकृत धर्म है, मनुज व्यर्थ डरता है, एक रोज़ तो हमें स्वयं सब-कुछ देना पड़ता है। बचते वही, समय पर जो सर्वस्व दान करते हैं, ऋतु का ज्ञान नहीं जिनको, वे देकर भी मरते हैं।”
― रश्मिरथी
― रश्मिरथी
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