श्रीलाल शुक्ल [Shrilal Shukla] > Quotes > Quote > Vipra liked it
“आज रेलवे ने उसे धोखा दिया था. स्थानीय पैसेंजर ट्रेन को रोज की तरह 2 घंटा लेट समझकर वह घर से चला था, पर वह डेढ़ घंटे लेट होकर चल दी थी.”
― राग दरबारी
― राग दरबारी
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