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Manish Kumar
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मुझे व्यंग्य कथाओं कि इस संग्रह में भोलाराम का जीव सबसे उत्कृष्ट रचना लगी। इसके अलावा आत्म ज्ञान क्लब, गांधीजी की शाल, एक तृप्त आदमी की कहानी, भगत की गत और 10 दिन का अनशन भी पसंद आए।
बाकी आलेख परसाई जी के स्तर से कुछ खास नहीं लगे। खाना की हालांकि इस किताब में उनकी भाषा शैली उसी तरह सरल और रुचिकर है जिसके लिए वे जाने जाते हैं। लगभग डेढ सौ पन्नों की इस किताब को खत्म करने में शायद ही आपको दो दिन से ज्यादा का समय लगे।
— Jun 09, 2022 10:58AM
बाकी आलेख परसाई जी के स्तर से कुछ खास नहीं लगे। खाना की हालांकि इस किताब में उनकी भाषा शैली उसी तरह सरल और रुचिकर है जिसके लिए वे जाने जाते हैं। लगभग डेढ सौ पन्नों की इस किताब को खत्म करने में शायद ही आपको दो दिन से ज्यादा का समय लगे।
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