विकास 'अंजान'’s Reviews > Badsoorat Chehre > Status Update
विकास 'अंजान'
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"बेटा बन्दर।"सुनील बुजुर्गों की तरह बोला-"अपने इस ढाँचे को दुर्घटनाओं से बचाये रखना चाहते हो तो चश्मा लगा लो।" "यह नहीं हो सकता सुनील। चश्मे तो आते जाते रहते हैं लेकिन सर्दियों का मौसम बहुत देर से आता है" वह भावुक स्वर में बोला-" और सुन्दर लड़की तो इंसान के जीवन में बहुत देर से आती है।"
— May 14, 2016 04:52AM
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विकास’s Previous Updates
विकास 'अंजान'
is 53% done
जो चुटीला संवाद आमतौर पर रमाकांत और सुनील के बीच होता था, इस उपन्यास में वो संवाद जुगल किशोर उर्फ़ बन्दर और सुनील के बीच हो रहा है।
— May 15, 2016 09:10PM
विकास 'अंजान'
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रहस्य के साथ साइंस फिक्शन की तरफ भी कहानी बढ़ती जा रही है। एक डॉक्टर जो अपनी रिसर्च के माध्यम से लोगों को चिरकाल तक यौवन प्रदान कर सकता था। लेकिन यौवन की कीमत एक व्यक्ति की मौत थी।क्योंकि जीवित व्यक्ति के दिल को ट्रांसप्लांट करके ये काम किया जा सकता था। क्या ये बात सच थी या एक पागल डॉक्टर का दिमागी फितूर।
— May 15, 2016 10:52AM
विकास 'अंजान'
is starting
पिछले सप्ताहन्त सुनील सीरीज के 3 कारनामे होटल को पढ़ा। उपन्यास रोमांचक था। उम्मीद है इस सप्ताहन्त में इस उपन्यास को पढ़ ही डालूँगा।
— May 14, 2016 01:34AM
विकास 'अंजान'
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पिछले सप्ताहन्त सुनील सीरीज के 3 कारनामे होटल को पढ़ा। उपन्यास रोमांचक था। उम्मीद है इस सप्ताहन्त में इस उपन्यास को पढ़ ही डालूँगा।
— May 14, 2016 01:31AM

