Shaambhavi’s Reviews > Ibnebatuti । इब्नेबतूती > Status Update
Shaambhavi
is on page 40 of 160
अक्सर जो लोग कुछ सही से समझ नहीं पाते कि उन्हें करना क्या है वह सब कुछ थोड़ा-थोड़ा करके देखते हैं।
— Jan 29, 2025 07:23AM
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Shaambhavi’s Previous Updates
Shaambhavi
is on page 122 of 160
हमने कितनी दूरी तय की इस बात को ठीक से तभी समझा जा सकता है जब हम ठीक वहीं पर आकर अपने क़दम को नापें जहाँ से सब शुरू किया था।
— Feb 02, 2025 08:53AM
Shaambhavi
is on page 113 of 160
हमें पूरा उजाला चाहिए ही नहीं। हमें बहुत-सा अँधेरा और बहुत थोड़ा-सा उजाला चाहिए। जैसे बरसात के बाद की अँधेरी रात में तारे। थोड़े-से उजाले के साथ अँधेरा हमें एक अलग क़िस्म का सुकून देता है।
— Jan 31, 2025 11:50AM
Shaambhavi
is on page 40 of 160
तारीख़, दिन और साल भूल जाने के बाद भी हमें समय याद रहता है। हम एक चलती-फिरती घड़ी हैं जिसकी बड़ी सुई मन है और छोटी सुई याद।
— Jan 29, 2025 07:22AM
Shaambhavi
is on page 23 of 160
वो खिलौने, वो दिन, वो बातें जिनसे हम बने होते हैं, वो कभी लौटकर नहीं आते।
— Jan 29, 2025 07:03AM
Shaambhavi
is on page 8 of 160
‘असल में हमें उन्हीं चीज़ों के सपने आते हैं जो हमारे पास नहीं होतीं।’
— Jan 29, 2025 06:37AM

